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YASHVARDHAN
वो आता था, सब कुछ भुलाकर दुनियादारी से बेख़बर, मेरे गाँव में बेचने खुशियों की किश्त, जाते वक़्त उसकी मुस्कान, दुनिया के सबसे बेहतरीन मुस्कानों में से एक हुआ करती थी, लेकिन अब वो लोग नहीं रहे.. --YASHVARDHAN #हींग_वाले_दा 💞😢
CalmKazi
वो तड़के की खुशबू, वो 'ज़रा और' घी नहीं मिलता, छत तो मिल जाती है माँ, घर कहीं नहीं मिलता ।। वो हींग का चटका, टमाटर की लौंजी संग सटीक नहीं बैठता रसोई तो मिल जाती है माँ, तेरे हाथों का स्वाद नहीं मिलता ।। - CalmKazi & Abhishek Tiwari A small collab on Mother's Day with Abhishek Tiwari First sher is his, second is mine. Click on #CalmKaziCollabs for more such works #Ca
A small collab on Mother's Day with Abhishek Tiwari First sher is his, second is mine. Click on #calmkazicollabs for more such works Ca #माँ #MothersDay #शेर #yqbaba #हिंदी #yqdidi #dearmom #हींग #तड़का #लौंजी #calmkaziwrites
read moreAshok Mangal
इतनी उम्दा विधि, दाल चावल स्वादिष्ट । हर खाने वाले को, ज़ायका मिलेगा विशिष्ट ।। अरहर की दाल घी जीरा हींग का तड़का और धनियां चटनी चटर पटर चावल का जायका वाह जब मिलाये आलू और मटर 😋😋😋 #yqquotes #yqdidi #yqbaba #restzone
अरहर की दाल घी जीरा हींग का तड़का और धनियां चटनी चटर पटर चावल का जायका वाह जब मिलाये आलू और मटर 😋😋😋 #yqquotes #yqdidi #yqbaba #restzone #India #Taste #YourQuoteAndMine #astheticthoughts
read moreRohit soni
लाख कोशिशों के बाद आपका व्यवसाय ठीक से नहीं चल रहा है और नौकरी में मिलने में परेशानी आ रही है तो एक चुटकी हींग अपने सिर के ऊपर से घुमाकर उत्
लाख कोशिशों के बाद आपका व्यवसाय ठीक से नहीं चल रहा है और नौकरी में मिलने में परेशानी आ रही है तो एक चुटकी हींग अपने सिर के ऊपर से घुमाकर उत् #nojotophoto
read moreVaishali Kahale
Baigan Bharta with Matar Recipe Punjabi Style बैगन का भरता (Baingan ka Bharta) भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश की बहुत लोकप्रिय सब्जी #Food
read morePnkj Dixit
#OpenPoetry स्वादिष्ट व्यंजनों से काया तृप्त होती है । सप्रेम स्वर व्यंजन का भी आहार लिया कीजिए । हींग पुदीना गुड़ छाछ लाभकारी है । रस छंद अलंकार से शुद्ध सृजन किया कीजिए । वर्ण - वर्ण के लोग यहाँ , भांति-भांति परिवेश है । उर्दू हिन्दी की छोटी भगिनी,गूढ़तम प्रयोग किया कीजिए । आचार-विचार, रहन-सहन अनेकानेक विषमता बहुत है । पर ,संस्कृति संस्कार भारतीय एकता,प्रचार किया कीजिए । ३०/०७/२०१९ 🌷👰💓💝 ...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' स्वादिष्ट व्यंजनों से काया तृप्त होती है । सप्रेम स्वर व्यंजन का भी आहार लिया कीजिए । हींग पुदीना गुड़ छाछ लाभकारी है । रस छंद अलंकार से शु
स्वादिष्ट व्यंजनों से काया तृप्त होती है । सप्रेम स्वर व्यंजन का भी आहार लिया कीजिए । हींग पुदीना गुड़ छाछ लाभकारी है । रस छंद अलंकार से शु
read morePnkj Dixit
#OpenPoetry स्वादिष्ट व्यंजनों से काया तृप्त होती है । सप्रेम स्वर व्यंजन का भी आहार लिया कीजिए । हींग पुदीना गुड़ छाछ लाभकारी है । रस छंद अलंकार से शुद्ध सृजन किया कीजिए । वर्ण - वर्ण के लोग यहाँ , भांति-भांति परिवेश है । उर्दू हिन्दी की छोटी भगिनी,गूढ़तम प्रयोग किया कीजिए । आचार-विचार, रहन-सहन अनेकानेक विषमता बहुत है । पर ,संस्कृति संस्कार भारतीय एकता,प्रचार किया कीजिए । ३०/०७/२०१९ 🌷👰💓💝 ...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' स्वादिष्ट व्यंजनों से काया तृप्त होती है । सप्रेम स्वर व्यंजन का भी आहार लिया कीजिए । हींग पुदीना गुड़ छाछ लाभकारी है । रस छंद अलंकार से शु
स्वादिष्ट व्यंजनों से काया तृप्त होती है । सप्रेम स्वर व्यंजन का भी आहार लिया कीजिए । हींग पुदीना गुड़ छाछ लाभकारी है । रस छंद अलंकार से शु
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
अच्छी अब लगती नहीं , स्थिति गाँव की आज । घर-घर की यह बात है , यहाँ नहीं है काज ।। १ लोग पलायन कर रहे , गाँव छोड़कर आज । जैसे दाने के लिए , उड़े नील तक बाज ।। २ मातृ-भूमि जननी कहे , सुनों कष्ट के योग । भूल किए जो गाँव को , छोड़ गये तुम लोग ।। ३ खुश्बू जितनी हींग की , भोजन को महकाय । व्यथा तुम्हारी भी सुनो , संग-संग ही जाय ।। ४ सुनो सामर्थ्य भर करो , जीवन में हर काज । वर्ना इच्छाए सखे , करती रहती खाज ।। ५ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR अच्छी अब लगती नहीं , स्थिति गाँव की आज । घर-घर की यह बात है , यहाँ नहीं है काज ।। १ लोग पलायन कर रहे , गाँव छोड़कर आज । जैसे दा
Soulmate (Yuhee)
बहुत प्रकार के आज़माया करोना काल में जितनी जुबां उतने हीं कभी दोस्त तो कभी पड़ोसी हल्दी, अदरक और लोबान दिमाग़ का दही करा बिंदास अब तो टीकें लगा दोनों थोड़ा सुकून है आज नमस्कार लेखकों🌸 आज के #rzdearcharacters में हम लेकर आये हैं #rzप्रियनुस्खे । बचपन से ले कर आज तक, नुस्खों की बड़ी एहमियत रही है हमारे जीव
नमस्कार लेखकों🌸 आज के #rzdearcharacters में हम लेकर आये हैं #rzप्रियनुस्खे । बचपन से ले कर आज तक, नुस्खों की बड़ी एहमियत रही है हमारे जीव #YourQuoteAndMine #yqrestzone #collabwithrestzone
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
पुन: कष्ट फिर दे रहा , बालक यह नादान । क्षमा करें गुरुवर इसे , तुम हो कृपानिधान ।।१ अच्छे अब दिखते नहीं , सुनो गाँव के हाल । घर-घर की यह बात है , सुन लो बाबू लाल ।। २ लोग पलायन कर रहे , गाँव छोड़कर आज । जैसे दाने के लिए , उड़े नील तक बाज ।। ३ मातृ-भूमि जननी कहे , सुनो कष्ट के योग । भूल हुई जो गाँव को , छोड़ गये तुम लोग ।। ४ खुश्बू जैसे हींग की , करती है मनुहार । व्यथा हमारी भी सुनो , करती सदा पुकार ।। ५ करो सदा सामर्थ्य भर , जीवन में हर काज । वर्ना इच्छाएँ सखे , करती रहतीं खाज ।। ६ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR पुन: कष्ट फिर दे रहा , बालक यह नादान । क्षमा करें गुरुवर इसे , तुम हो कृपानिधान ।।१ अच्छे अब दिखते नहीं , सुनो गाँव के हाल । घर