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Stories related to ऋतुएँ क्यों होती हैं

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Parasram Arora

क्यों होती हैं सुबह #कविता

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subhi_sapnajha

बेटी क्यों परायी होती हैं...

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बेटी   जहां हम जन्म लेते हैं जिस माँ के आंचल तले पलते हैं दादी की कहानी सुनकर सोते हैं छोटी सी चोट लगने पर रोते हैं...
बस वहीं लोग हमे पराया कर देते हैं... बेटी क्यों परायी  होती हैं...

Rajesh rajak

बेटियां पराई क्यों होती हैं,,

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दोस्तो एक बात आप सभी से साझा करना चाहता हूं,
आज मेरी बेटी ने पूंछा,पापा हर कोई ये क्यों बोलता है कि बेटियां तो पराई होती हैं,
ये सच है में उसको क्या जवाब दूं, आप लोग कुछ सुझाव दें,, बेटियां पराई क्यों होती हैं,,

Kalpana sagar(GK)

किताबें इतनी गहरी क्यों होती हैं# #कविता

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जब हमारी बाते कोई नही समझता है 

जब भीड़ में भी अकेलापन लगता है

कोई अपना भी जब चोट दे जाता है 

तब यही किताब तो होता है जो हमें सम्भालता है 

टूटे हर जज्बात से हमें उभारता है 

हर किसी के ऊंचे सपने को यही तो पंख लगाता है

फिर  इसे समझना क्यों मुशि्कल होती है 

किताबें इतनी गहरी क्यों होती है? किताबें इतनी गहरी क्यों होती हैं#

Author Munesh sharma 'Nirjhara'

अब कहाँ ऋतु
ऋतु-सी आती हैं
मन को पहले-सा भाव-विभोर करती हैं
कब आया वसंत और चला गया
किसी को कहाँ पता चलता है 
गुलशन हृदय को कब महकाता है
अब तो बस कैलेण्डर ही 'चैत्र' से मिलवाता है...!
आती है ग्रीष्म भी;लेकिन बूँद पसीने की कहाँ दिखती
बन्द कमरों की ठंडक में गर्मी भी ठंडी हो जाती...!
वर्षा ऋतु आती है पर पहले-सी नहीं
तन और मन भीगता था वो बारिश अब नहीं
कहीं बूँद-बूँद तो कहीं बाढ़-तूफान
मन को प्रफुल्लित अब करती नहीं...!
शरद् का चाँद अब कहाँ चाँदनी बिखराता है
धूल-धुएँ के गुबार में कहीं खो-सा जाता है
प्रेमी हृदयों की कविताओं में ही अब नज़र आता है...!
हेमंत की वो कंप-कंपी अब कहाँ उतना कंपकंपाती है
हाथ-पैरों का सुन्न हो जाना तो पुरानी बात लगती है
जमती थी पौधों पर ओस 'बर्फ-सी'
नहीं वो हेमंत अब हिम-सी...!
शिशिर ऋतु अब फागुन में कहाँ फाग बन आती है
नौजवानों की टोली तो कहीं नहीं अब दिखती है
प्रेम-प्यार का राग-रंग अब फागुन की कहाँ पहचान रहा...!
ऋतु आती और जाती हैं पर ...
परिवर्तन कहाँ अब दिखता है
घर की दीवार पर टंगा पंचाग ही
ऋतु-परिवर्तन की सूचना देता है
उसी में हमारे ज्ञान-चक्षु खुल जाते हैं
ऋतु अब कहाँ आती और जाती हैं
कुछ नहीं पता चलता है...!





 #ऋतुएँ #yqdidi #yqpoetry

Nojoto Hindi (नोजोटो हिंदी)

क्यों होती हैं बेटियां ख़ास ? #DaughtersDay #specialday

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 क्यों होती हैं बेटियां ख़ास ?
#DaughtersDay #SpecialDay

Raju Bhargava

महिलाएं कुछ ज्यादा ही समझदार क्यों होती हैं

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 महिलाएं कुछ ज्यादा ही समझदार क्यों होती हैं

Nojoto Hindi (नोजोटो हिंदी)

किताबें इतनी गहरी क्यों होती हैं ? #Books #QandA

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 किताबें इतनी गहरी क्यों होती हैं ?
#Books #QandA

Ghumnam Gautam

दो ऋतुएँ जो कि मेहरबान रहती थीं मुझपर
ख़फ़ा जो आप हुए वो भी खिन्न हो ही गईं

जो अंश माँगा था उसने वो हर दिया हमने
हमारी राहें मगर फिर भी भिन्न हो ही गईं

©Ghumnam Gautam #ऋतुएँ 
#अंश 
#हर 
#भिन्न 
#ghumnamgautam

Gopal Csc

जो ना मिले उसी की चाहत क्यों होती हैं..… #ValentinesDay #लव

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