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Pushpendra Pankaj
बुद्धु बन पछताएगा,लौट घर वापस आएगा ---------------------------------------------- गिनती के लिए विनती कैसी, तू शेर अकेला चमकेगा , तू ज्ञान,शक्ति,भारी भरकम, आदित्य एक ही ,दमकेगा । ये राजनीति से भटके हैं, ये क्या जाने इसका प्रतिफल, ये तब लौटेंगे घर वापस, जब चलता पहिया अटकेगा। पर तब तक होगी देर बहुत, काफी कुछ साथ नहीं होगा, बेचैन सा सिर खुजलाएगा, खाली हाथों को झटकेगा।। षड़यंत्र का भागीदार है तू, करले मन की,तू भी करले, कल का शिकार प्रिय तू ही है, तू भी आँखो में खटकेगा। वापस आने का मौका है, दूर मृगमरीचिका, धोखा है, यदि नहीं लौटा और देर हुई पछताएगा,सिर पटकेगा।। पुष्पेन्द्र "पंकज" ©Pushpendra Pankaj बुद्धु बन पछताएगा, लौट घर वापस आएगा
बुद्धु बन पछताएगा, लौट घर वापस आएगा #कविता
read moreCalmKrishna
................ ©CalmKrishna प्रवृति से संभावना की ओर यात्रा...! #बुद्ध #बुद्धु #यात्रा #प्रकृति #प्रवृति #संभावना #philosophy
इच्छा
समझे बुद्धु......😘❤ HAPPY VALENTINE'S DAY😘😘 #romanticmusic #ValentinesDay #special #for #mylove #mylife #myeverything muuuuuuuhhh😘 #loveyou #Love #forever
read moreAnjali Singhal
"कहते हैं वो मुझसे तुम्हें तो रोज, मुझसे शिकायत ही रहती है। वो ऐसे बुद्धु नहीं समझते, इसी शिकायत में ही तो हमारी, मोहब्बत छिपी होती है।।" #Love #स्वरचितरचना #AnjaliSinghal #LoveInstrumental
read moreAnjali Singhal
"नज़र से नज़र मिलके रह जाती सदा ही झुकके, चोरी-चोरी चुपके-चुपके पलकों के पीछे से छुपके। हम तुमको देखा करते पर कह न पाए कभी खुलके, बिछा हुआ थ #Poetry #AnjaliSinghal
read morePrakhar Tiwari
मौत लाख बार मांगने पर भी नहीं आती और जब जीने की इच्छा होने लगती हैं तब बोलती हैं may I coming हम भी कितने बुद्धु होते हैं उसे NO नही बोल पाते फिर चल देते है उसके साथ हम भी कितने मन मोजी होते हैं ये तक नही सोचते पीछे हम क्या छोड़ कर जा रहे हैं मौत भी तो एक सफ़र हैं मृत्यु से जीवन तक का एक अनमोल सफ़र जिसमे हम ब्रह्मांड की सारी प्रक्रिया करने के बाद चैन की नीद सो जाते हैं।। ©Prakhar Tiwari मौत लाख बार मांगने पर भी नहीं आती और जब जीने की इच्छा होने लगती हैं तब बोलती हैं may I coming हम भी कितने बुद्धु होते हैं उसे NO नही बो
मौत लाख बार मांगने पर भी नहीं आती और जब जीने की इच्छा होने लगती हैं तब बोलती हैं may I coming हम भी कितने बुद्धु होते हैं उसे NO नही बो #Shayari #humantouch
read moreDrLal Thadani
तेरी सांसों के साथ मेरी सांसें चलती है तेरी महक के साथ मेरी सांसे महकती है हमें थोड़ा बुद्धु थोड़ा अनाड़ी ही रहने दो तेरी धक धक के साथ मेरी सांसें दहकती है तुझे न देखूं सुनूं तो मेरी सांसें उखड़ती हैं तेरी आहट सुनकर उखड़ी सांसें संवरती है हमें सिर्फ प्यार की बातें समझ में आती हैं उधार की सांस है बस तेरी सांसे पलती हैं डॉ लाल थदानी #अल्फ़ाज़_दिलसे 21.7.2021 OPEN FOR COLLAB✨ #ATflowerspic4 • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ✨ Collab with your soulful words.✨ • Must use hashtag: #aestheticth
OPEN FOR COLLAB✨ #ATflowerspic4 • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ✨ Collab with your soulful words.✨ • Must use hashtag: aestheticth #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #aestheticthoughts #yqaestheticthoughts #अल्फ़ाज़_दिलसे
read moreSatya Prakash Upadhyay
भक्ति के रास्ते मे 3 शत्रु या बाधा हैं। दूसरा: बगुला या बकासुर ,दम्भ का प्रतीक एक पैर पर खड़ा लगेगा तप कर रहा है,जनसामान्य में" बगुला भगत" कहते हैं ढोंगी लोगों को ,पाखंड का प्रतीक है यह। अभी साल दो साल बीता , और दम्भ के कारण आगे का रास्ता नही चलते,अपने आप को बहुत बड़े ज्ञानी और सिद्ध समझ प्रवचन करना और दुसरों से श्रेष्ठ समझना शुरू कर देते हैं। जहाँ बनावट ,दिखावट है वहां गिरावट है। शबरी माता को नवधा भक्ति का उपदेश करते हुए श्रीरामजी कहते हैं, नवम सरल सब सन छलहीना। मम भरोस हियँ हरष न दीना।। अर्थात,नौवीं भक्ति है छल कपट का मार्ग छोड़ दूर रहना और किसी भी अवस्था में हर्ष और विषाद का न होना। आज के युग की विडंबना है कि सरलता मिलना मुश्किल हो गया है। मैंने उसे बुद्धु बना दिया,ऐसे बात कही कि उसे समझ न आया और मूर्ख बना कर अपना काम निकाल लिया,इसमे लोग अपनी बड़ाई मानते हैं। अगर कोई चाहे कि सबको वश में कर लें, तो सरल हो जाइए, हमारी जटिलता हीं हमें सबसे अलग करती है, जैसे भीतर से हो वैसे हीं बाहर से हो जाए, या जैसे बाहर से हैं वैसे भीतर से हो जाएं। ॥जय श्री हरि॥ (part2,भाग२) satyprabha💕 दूसरा बगुला या बकासुर ,दम्भ का प्रतीक एक पैर पर खड़ा लगेगा तप कर रहा है,जनसामान्य में" बगुला भगत" कहते हैं ढोंगी लोगों को ,पाखंड का प्रतीक ह
दूसरा बगुला या बकासुर ,दम्भ का प्रतीक एक पैर पर खड़ा लगेगा तप कर रहा है,जनसामान्य में" बगुला भगत" कहते हैं ढोंगी लोगों को ,पाखंड का प्रतीक ह #विचार
read moreShabdkarita (शब्दकारीता)
उन दिनों में समझता नही था दिल की बातों को। शायद ना समझ सा था मैं। समझ ना सका तेरे अंदर के जज़्बातों को । यूँ जो बाते हुई रातों को वो मुझे याद है। वो तेरी प्यारी सी हंसी ,दिलकश अंदाज़। पर कई बार अनदेखा किया मैंने तेरी इज़्ज़ातो को। एक तड़पन सी थी।और एक डर सा था। वैसे भुला नही तेरा देर तक जागना रातो को। समय निकलता रहा तेरा वो प्यार,तेरी वो जवानी का मर्म निकलता रहा। कैसा बुद्धु सा था सुनकर भी अनसुना करता रहा मैं। तेरी आह भरी आदतों को। उन दिनों मै समझता नही था दिल की बातों को। शायद ना समझ सा था मैं। समझ ना सका तेरे अंदर के जज़्बातों को । काफी वक़्त गुज़र गया पर तू कहां में कहां। में तन्हाइयो में तंन्हा,तू जवानी में जैसे बेजां। मै सोचता हूं एक बार फिर से सोचना। जीले फिर से वो लम्हे जो वक़्त दिया गवां। छोड़ ना यार क्या लिखूं अब, मैं समझा तू समझे न जब। पर शायद वक़्त भी पार कर गया हैं इबादतों को। उन दिनों में समझता नही था दिल की बातों को। शायद ना समझ सा था मैं। समझ ना सका तेरे अंदर के जज़्बातों को । लोकेश पाल #Lokeshpal #shabdkarita उन दिनों में समझता नही था दिल की बातों को। शायद ना समझ सा था मैं। समझ ना सका तेरे अंदर के जज़्बातों को । यूँ जो बाते हुई रातों को वो मुझे
उन दिनों में समझता नही था दिल की बातों को। शायद ना समझ सा था मैं। समझ ना सका तेरे अंदर के जज़्बातों को । यूँ जो बाते हुई रातों को वो मुझे #Poetry #Life #Love #shayri #poem #alone #duniya #Lokeshpal #shabdkarita
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