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Md Shafique
एक सूचना जारी कर रहा हूं के किशनगंज क्षेत्र में 18 अप्रैल को वोट है सभी अपने घर में परिवारों को समझाना के भेजे वह डालने के लिए के किसी भी छाप पर वोट डाले तो 7 सेकंड तक सदा रखें जब तक सिलिप निकल कर के ना आए सभी दोस्तों से गुजारिश है कि इस मैसेज को शेयर करें मम
मम
read morePriya Dubey
गैया लगे लगे मोहे प्यारी, जगपालनहारी माखन, छाछ, दूध, दही, घृत सो सबको करत सुखारी सुखारी गैया लगे लगे मोहे प्यारी, जगपालनहारी भोरी अति दीन रहे सबके अधीन जामे बसे लोक तीन, देव नाग गंधर्ब जाके घर होबे गाय बाके भाग्य को सराय बाके घर चलो आये तीन तीर्थन को पावों अष्ट सिद्धि नौ निधी तहां नित देती डोल बुहारी? गैया लगे लगे मोहे प्यारी, जगपालनहारी चार पाओं चारों धाम धर्म अर्थ मोक्ष काम दर्शन अविराम मेट देत अंताप ताप तीनही नशावे अंत स्वर्ग को सीधावे फिर जग में न आवे ताहै मुक्ति मिले आप आप तरे सब पितरनु तारे, जाके मैं बलिहारी2 गैया लगे लगे मोहे प्यारी, जगपालन हारी ©Priya Dubey #मम धेनु
sonia
मम प्रभास ........ अब कि अगर आना अहम को अपने तज कर आना राह में गर निकल पड़े हो तो मिले बीच कोई कूप- सरोवर या कोई नदिया, झरना निर्झर उसकी कुछ बौछारें लभना क्रोध को अपने दर्प को अपने प्रवाहित उसमें करके आना मम प्रभास अब कि अगर आना अहम को अपने तज कर आना सोनिया सूर्य प्रभा # मम प्रभास
# मम प्रभास
read moreBrandavan Bairagi "krishna"
।।मन के पास।। मन के पास जो मन हो जाये। ये दुनिया भी समझ मे आ पाये। लगे रहते है फिजूल बातों में हम उम्रभर। मन के पास पहुँचते ही परम् तत्व का होता है अहसास हमें। यही वो पल है जहाँ हम आनन्द की बरसात में भीग पायें। बहुत कठिन है मन का मन के पास होना। बृन्दावन बैरागी"कृष्णा" ©Brandavan Bairagi "krishna" मम के पास #citylight
मम के पास #citylight #कविता
read moresantosh kavde
हिंदव:सोदरा: सर्वे | न हिंदू: पतितो भवेत | मम दीक्षा हिंदुरक्षा || मम मंत्र : समानता || हिंदव:सोदरा: सर्वे | न हिंदू: पतितो भवेत | मम दीक्षा हिंदुरक्षा || मम मंत्र : समानता ||
हिंदव:सोदरा: सर्वे | न हिंदू: पतितो भवेत | मम दीक्षा हिंदुरक्षा || मम मंत्र : समानता ||
read morePallavi Goel
संस्कृतभारती मेरठ-प्रान्त: गुरुवासर: ०९/०७/२०२० सुभाषितम् पुष्पिताः फलवन्तश्च तर्पयन्तीह मानवान्। वृक्षदं पुत्रवत् वृक्षास्तारयन्ति परत्र च॥ भावार्थ:- फल और फूलों वाले वृक्ष मनुष्य को तृप्त करते हैं। वृक्ष देने वाले अर्थात वृक्षारोपण व संवर्धन करने वाले मनुष्य का तारण परलोक में भी करते हैं। संस्कृतं मम जीवनध्येयम् #Beauty संस्कृतं मम जीवनध्येयम्
#Beauty संस्कृतं मम जीवनध्येयम्
read moreSabina Rai
म पनि यो मम बत्ति जस्तोइ हो।राम्रोलाई रोशनी दिन्छु,नराम्रोलाई जलाई दिन्छु,ज्स्तोइ कमजोर यो सानो मम बत्तिको आकर हुन्छ,तैपनि यस्को प्रकाशले अँधकारमा उज्ज्वल दिन्छ भने यस्तोइ कमजोर शरीर छ मेरो अनि यस्को प्रकाश झै मेरो मन,जस्ले सबैलाई अटुट असिम प्रेम दिनु सक्छ अनि थाहाई नपाइ यो मम बत्तिझै कुन छँड यो संसारबाटै बिलाई दिन्छु। म अनि यो मम बत्ती....
म अनि यो मम बत्ती....
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