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गिरिश थपलियाल
एक और टॉयलेट कथा: पहले शौचालय बनाओ तभी ससुराल जाऊंगी Toilet @ एक प्रेम कथा
Toilet @ एक प्रेम कथा
read moreMangal Pratap Chauhan
लफ्जदारी-एक प्रेम कथा.... मंगल प्रताप चौहान प्रशिक्षण कालेज के पहले ही दिन मेरा सामना कालेज की एक प्यारी सी लड़की से हुआ, मुझे भविष्य के बारे में बिल्कुल भी पता नहीं था कि कभी हम इस ठाकुराइन से इतना प्यार करने लगेंगे की जान भी दे सकते हैं। बात करने की हिम्मत तो कभी होती नहीं थी मेरी उनसे, इसलिए ठाकुराइन से मेरा जुड़ाव फेसबुक पर हुआ। वो बातों को बहुत सहजता से कह देती थीं। उनकी मुस्कान तो ऐसी थी की मरा मुर्दा भी श्मसान घाट से उठ खड़ा हो जाए। मैं अपनी ठाकुराइन को देखकर पूरा जीवन व्यतीत कर सकता था। मेरी ठाकुराइन कभी भी किसी बात को गंभीरता से नहीं लेती थी यहां तक की उन्होंने मेरे प्यार को भी कभी गंभीरता का विषय नहीं बनाया। फेसबुक पर दोस्ती होने के बाद धीरे-धीरे हम लोगों की चैटिंग शुरू हो गई, मैं उनके फेसबुक पोस्टों पर बहुत ही सुन्दर शब्दों में कमेंट किया करता था जोकि जलने वालों के लिए काफी था। कालेज के लगभग एक वर्ष होने वाले थे, मैंने उनसे इतना अधिक बात कर लिया था कि उतनी बात किसी और से करने में मुझे जीवन भर लग जाते। तभी अचानक एक दिन मैंने अपने प्रेम का इज़हार किया। अब इंतजार था उनके जवाब का, अपने जगह पर मैं भी सही था और वो भी सही, ठाकुराइन जी ने मुझे बहुत ही सहजता से जवाब दिया कि ठाकुर जी आप अपने जगह पर सही हैं, आपने अपने दिल की बात बोल दिया मुझे कोई समस्या नहीं लेकिन मैं आपसे प्यार नहीं कर सकती मेरी कुछ व्यक्तिगत मजबूरिययां हैं । ये सुनते ही जैसे मेरे पैर के नीचे से जमीन खिसक गई, आसमान फटने वाला था, मुझे बहुत दुःख हुआ। मैं उनकी मजबूरियों से समझौता कर सकता था लेकिन उनकी इजाजत के बगैर नहीं। उनकी सिर्फ एक आवाज पर मैं पूरी दुनिया को भूलाकर उनसे शादी कर लेता। लेकिन उन्होंने कभी मुझे आवाज नहीं दिया। मेरा प्रेम एकतरफा साबित हो रहा था। मैं उनके बिना शायद नहीं रह सकता था। मैं अपनी जुबान का बहुत पक्का था, मैंने प्रण लिया कि अपनी ठाकुराइन को कभी कष्ट नहीं होने दूंगा। मैं उनके लिए जो भी कर सकूं कम है। तेरे साथ बिताया लम्हा मेरी जिंदगी के सबसे बेहतरीन और खूबसूरत लम्हे थे, उन लम्हों के सहारे मैं जीवन भर यूं ही मुस्कुराता रहूंगा। यकीन कर मैं बेहिचक बेहिसाब तुझसे मोहब्बत करता रहूंगा। हमेशा तुमपे जान छिड़कता रहूंगा, यदि तेरे मन में मेरे प्रति ऐसा हो की आपके बाद मेरे जीवन में कोई दूसरी आएगी जिससे मैं आपकी तरह ही पागलों की तरह प्यार करूंगा तो ये बिल्कुल ग़लत है क्योंकि अब आपके जैसा प्यार मुझे कभी किसी से भी नहीं होगा। इस बात का प्रमाण जीवन में कभी आपको जरूर मिलेगा। और लड़कों की तरह मैं बिल्कुल भी नहीं जो सिर्फ स्वार्थ, मतलब और चेहरे की खूबसूरती के लिए प्यार करते हैं, मैंने नि:स्वार्थ भाव से आपके हृदय से प्यार किया है,आपकी चेहरे की खूबसूरती से नहीं क्योंकि चेहरे की खूबसूरती समय के साथ समाप्त हो सकती है लेकिन हृदय की खूबसूरती नहीं। आप जीवन में हमेशा खुश रहें मेरी ठाकुराइन,वो जो एक लम्हा था, जीस लम्हे में हम एक दूसरे से मिले थे, वो लम्हा अजीज था, क्योंकि उन लम्हों में सर्द सा इश्क़ था, तुमसे मिलने के बाद जो जिंदगी तुम्हारे संग गुज़री वो सब एक हसीन लम्हों के शुमार हैं, बहुत सारे वादे, इरादे थे, चाहत थी जनून था जज़्बा था, इश्क़ था और मोहब्बत तो लाजवाब थी, पर अब इश्क़, मोहब्बत, ख्वाब, जनून, जज़्बात, चाहत का सफर बहुत लंबा हो गया, वक़्त गुज़र गया और लम्हा वहीं ठहरा रह गया, और मैं आज तक उन्ही लम्हों में कैद रहा और तुम वक़्त के साथ गुज़र के उन लम्हों से कहीं दूर निकल गई, रिश्ता जो कल था वो कल से आज तक मुझे तुझसे बांध कर रखे रहा, लेकिन तुम रिश्ते के नाजुक से धागों के बंधन को छुड़ाकर कब आगे बढ़ गए कि मुझे वो नाजुक से धागा टूटने का एहसास भी नही हुआ। तुमसे बिछड़ने के वक़्त भी मेरे होंटों पे मुस्कान का रहना वाजिब होगा, आखिर इन मुस्कुराते होंटों को यकीन कैसे होता कि तुम समय के साथ साथ मुझसे दूर होती जा रही हो।, तुम समझदार हो जो जमाने के साथ बदल जाने का हुनर रखते हो, शायद इसलिए तुम आज भी कामयाब हो और मैं अपनी मोहब्बत में नाकामयाब हो गया, वो इसलिए कि तुम्हारी कामयाबी ने मेरी मोहब्बत को नाकामयाब कर दिया, खैर आज भी तुमसे एक रिश्ता है, आज भी तुमसे कहता हूं कि बेपनाह मोहब्बत करता हूं, आज भी तुमसे मिलने की चाहत रखता हूं, आज भी तुम्हें बहुत याद करता हूं, आज भी अपनी तन्हाई में तुम्हें पुकारता हूं। लेकिन शायद मैं बहुत लेट हो गया ठाकुराइन मैं जानता हूं और महसूस कर सकता हूं तुम्हारी आवाज में मोहब्बत साफ दिख रही, तुम्हारे इन्तेजार और तुम्हारे फिक्र में इश्क़ आज भी दिख रहा, लेकिन जो बदल दिया तुमने " वो मेरी जिंदगी " है, अब तुम जनून, वो चाहत, वो इरादे, वो वादे, वो कसमें, वो ज़िन्दगी भर साथ रहने की ख्वाहिशें नही रखती, अब तुम मुझे जब तक हो सके उस वक़्त की मोहब्बत मांगती हो, अब तुम मेरी मोहब्बत किसी और का होने तक मांगती हो, अब तुम ऐसी मोहब्बत करती हो जिसमें शादी नही, जिसमें जिंदगी नही, ज़िन्दगी के कुछ पल हैं, जानता हूं दिल मे तुम्हारे अब भी हूँ, अब भी तुम ज़िन्दगी भर के लिए चाहती हो, शादी भी करना चाहता था, लेकिन तुम्हारी मजबूरी से वाकिफ हूँ, लेकिन जमाने के साथ तुमने जो समझौता किया है कि तुम मेरी न हो सकोगी लेकिन मुझे चाहते रहोगी, इश्क़ करती रहोगी, जानता हूं तुम बंध से गई ही ज़माने के रस्मों में, जानता हूं " तुम एक लड़की हो " , और ये भी जानता हूँ की समाज में लड़कियों की ख्वाहिशों का गला कैसे घोंट दिया जाता है , लेकिन सुनो ठाकुराइन, जब शादी का मिलन नही तो आशिकी ये किस काम की, ऐसा रिश्ता कबूल नही ,जहां एक जज़्बात को खत्म कर दिए वहीं अब सभी ख्वाहिश, इश्क़, मोहब्बत, चाहत, बातें, वादें ,इरादें, जनून सबको अपने साथ दफ़न कर देने का मन करता है। लेकिन इतना याद रखना ठाकुराइन की मरने के बाद भी मैं सिर्फ तेरा रहूंगा और तुमसे मोहब्बत भी इसी तरह करता रहूंगा। बहुत मन करता है मेरा तुझसे बात करने को, गले लगाने को, तेरी यादों में डूब जाने को, बहुत मन करता है तुझसे बात करते हुए पूरा जीवन व्यतीत कर जाने को, मेरी पगली,मेरी गुड़िया,मेरी सोना,मेरी मैडम, मेरी ठाकुराइन लेकिन शायद तू जमाने से मजबूर हो सकती है लेकिन मैं नहीं। ~ मंगल प्रताप चौहान (राबर्ट्सगंज सोनभद्र उप्र) लफ्जदारी-एक प्रेम कथा....... मंगल प्रताप चौहान
लफ्जदारी-एक प्रेम कथा....... मंगल प्रताप चौहान
read moreRoshan Ingle
6 महिने झाले लागलो होतो तीच्यापाठी गुलबाच फुलं पण आणल होत तिच्यासाठी रक्षा बंधन ला आली ती राखी घेऊन माझ्या पाठी मग मला वाटलं देवाने हिला बनवलेच नाही आपल्या साठी अपुरी प्रेम कथा
अपुरी प्रेम कथा
read moreRAM LALITNIRALA R. K. G
मैं प्यार करता हूँ.और प्यार करता रहुँगा.मेरे प्यार की कहानी बड़ी मसहूर है मैं प्यार कितना करता हूँ किसी कों भी पता नहीं है मैं प्यार के बारे में जितना बोलू उतना हीं कम है मैं अपने माँ. पापा . भाई. बहन.और समस्त पूरा परिवार और धरती के हर प्रणाी जीव जन्तु और इस प्राकृती से हमें प्यार है. प्यार हमें तब पता चलता है ज़ब कोई हमें छोड़ कर चला जाता है कीमती चीज खो जाने के बाद हीं पता चलता है जो समय बीत जाये वह समय फिर दोबारा नहीं आता है इसी लिए हम कहते है जो है उसे सम्भाल के रखो नहीं तो खोने के बाद रोते रहोगे. अगर इस बात में थोड़ी सी सच्चाई है तो शेयर और कॉमेन्ट जरूर करे कोई भी चीज मेहनत से होती है दोस्त ©RAM LALITNIRALA R. K. G हर घर के प्रेम कथा
हर घर के प्रेम कथा #ज़िन्दगी
read moreVaibhav Thakre
मलाणीतरी विचारलं काय मिळालं प्रेम करून काय फायदा झाला सांगशील का जरा फायद्यासाठी मी प्रेम करत नाही प्रेमात फायदा किंवा तोटा असं काहीच नसतं जी व्यक्ती आपल्याला आवडते त्या व्यक्तीवर आपण प्रेम करतो जरी ती व्यक्ती आपल्याला तिच्या बाजूने होकार देत नसेल तरी निस्वार्थ प्रेम करणं ही प्रेमाची पहिली पायरी आहे त्यामुळे प्रेम कधीही कसंोणावर होतं आपल्यालाच कळत नाही ती आवडली म्हणून तिच्यावर प्रेम झाला तिला कदाचित मी आवडत नसेल ती मला आवडते स्वतःपेक्षा जास्त प्रेम करतो मी तिच्यावर तिचं नसलं तरी दिसायला फार काही बरी नाही ती पण कुठली परी नाही तरीसुद्धा ती मला फार आवडतं निलेश वाघमारे कवी😍😍❤️❤️❤️❤️ ©Vaibhav Thakre एक हृदयस्पर्शी कथा
एक हृदयस्पर्शी कथा #मराठीकविता
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