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F M POETRY
White ज़ाम लेते हैं तेरी यादों में.. सुबह लेते हैं शाम लेते हैं.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY #सुबह लेते हैं शाम लेते हैं.....
#सुबह लेते हैं शाम लेते हैं.....
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White बहकते हैं हर रोज़ ये कदम, तुम्हारे पास आने के लिए, न जानें कितने फासले, अभी तय करने हैं तुम्हें पाने के लिए…. बस इसी तरह सोचा किए थे हम अब, तुमसे मिलने तुमसे बतियाने की चाहत ही बाकी न रही न अब दर्द है, न निशाँ मोहब्बत के उजाड़ दिया है आशियां हमने ख़ुद अपने हाथों से तुम रहो सलामत, हम ख़ुश हैं अपनी ख़ुदी में ©हिमांशु Kulshreshtha खुश हैं..
खुश हैं..
read moreSonal Panwar
अज्ञानी ये मानव मन है इस सत्य से अनजान, इस नश्वर शरीर के अंतर्मन में हैं 🙏🏻🌹श्री हरि भगवान🌹🙏🏻 जो इस सत्य को ले जान मिले उसे दिव्य वरदान, कण-कण में प्रभु यही सृष्टि के सृजन का विधान । ©Sonal Panwar कण-कण में भगवान🌹🙏🏻🙏🏻🌹✨💫 हिंदी कविता हिंदी कविता कविता कोश कविताएं #spiritual #godiseverywhere
कण-कण में भगवान🌹🙏🏻🙏🏻🌹✨💫 हिंदी कविता हिंदी कविता कविता कोश कविताएं #spiritual #godiseverywhere
read moreसंस्कृतलेखिकातरुणाशर्मा-तरु
हमारी वास्तविक आवाज शीर्षक श्री शिव रुद्राष्टकम् हिंदी अर्थ सहित . . विधा श्री शिव रुद्राष्टकम् हिंदी अर्थ सहित श्लोक ५ .
read moreसंस्कृतलेखिकातरुणाशर्मा-तरु
हमारी वास्तविक आवाज शीर्षक श्री शिव रुद्राष्टकम् हिंदी अर्थ सहित . . विधा श्री शिव रुद्राष्टकम् हिंदी अर्थ सहित श्लोक ३ .
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी राग द्वेष की परणति में गोता हम सब रोज लगाते है अहम इतने जीवन मे पलते इनके वशीभूत होकर कितने विकारों को गले लगाते है कभी मीठा पन,कभी गुस्से में अपने लाभ के लिये ठेस गैरो को पँहुचाते है अनजाने कितने पाप बांध लिये पीड़ा भव भव में झेलेंगे अब मुझे भान हुआ है मन मेरा झकझोर रहा है अन्तरकर्ण से कण कण सबसे क्षमा क्षमा बोल रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Likho अंतर्मन से कण कण,सबसे क्षमा क्षमा बोल रहा है #nojotohindi
#Likho अंतर्मन से कण कण,सबसे क्षमा क्षमा बोल रहा है #nojotohindi
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