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V Gurjar
रिश्ता मेरा तुमसे शिर्फ़ जिस्मानी नही था ! तू मोहब्बत थी और हैं मेरी ! ये रिश्ता रूहानी है । अब तू शायद समझे या ना समझे ??? ये मेरी ही नही शायद हर किसी की कहानी है । ©V Gurjar चटका हुआ दिल ?
चटका हुआ दिल ? #Life
read morevishnu thore
तुरीची शेंग फुटलं बिंग रानात दर्वळ.. उन्हाचा पदर झाकून उदर लाजते हिर्वळ.. कुणाचं काही
तुरीची शेंग फुटलं बिंग रानात दर्वळ.. उन्हाचा पदर झाकून उदर लाजते हिर्वळ.. कुणाचं काही #nojotophoto
read moreSheela Gahlawat seerat
रूठ गये हम, ये किसको बतायेगें मान गये हम, गले कौन लगायेंगे दर्पण, आईना, शीशा, सब चटका भटके हुए मन को कौन समझायेगे... शेष... फिर.. सीरत ©Sheela Gahlawat seerat रूठ गये हम, ये किसको बतायेगें मान गये हम, गले कौन लगायेंगे दर्पण, आईना, शीशा, सब चटका भटके हुए मन को कौन समझायेगे... शेष... फिर.. सीरत
रूठ गये हम, ये किसको बतायेगें मान गये हम, गले कौन लगायेंगे दर्पण, आईना, शीशा, सब चटका भटके हुए मन को कौन समझायेगे... शेष... फिर.. सीरत #AWritersStory
read moreSangeeta Patidar
"बरकरार रखना यूँ ही.. 'न टूटने के गुमाँ को, इश्क़ के ये घाव.. भरते नहीं किसी मरहम से।।" जो तिरी निगाह में थी वही मिरे दिल में फगाँ था, इक आईना था चटका जिसे न टूटने का गुमाँ था. फगाँ - Cry of Pain or Distress. #ajayarun #twoliner
जो तिरी निगाह में थी वही मिरे दिल में फगाँ था, इक आईना था चटका जिसे न टूटने का गुमाँ था. फगाँ - Cry of Pain or Distress. #ajayarun #twoliner #yqbaba #Collab #YourQuoteAndMine #yqquotes #collabwithme
read moreMihir Agashe
आसुओंसे हम हमे भिगोएं क्यूँ? ईतनासाही गम हमारा सजाएं क्यूँ? लगी है आग यहां सारी दिशाओंमें एकलौती आग हमारी हम बुझाएं क्यूँ? -translated from Suresh Bhat आसवांनी मी मला भिजवू कशाला एव्हढेसे दुःख मी सजवु कशाला?... लागले वणवे इथे दाही दिशांना?... एक माझी आग मी उजवु कशाला?... मी उन्हाचा सोबती घ
आसवांनी मी मला भिजवू कशाला एव्हढेसे दुःख मी सजवु कशाला?... लागले वणवे इथे दाही दिशांना?... एक माझी आग मी उजवु कशाला?... मी उन्हाचा सोबती घ
read moreKulbhushan Arora
नींद टूटी ख़्वाब चटका, हकीकत सामने खड़ी, आंखों में सवाल लिए है, तंज़ हकीकत के चेहरे पर दिखा, तेज़ धूप सा चमकता हुआ, पूछता है सवाल मुझसे, बताओ तो ज़रा, तुमने मुझे, पहचाना, फिर भी, अनजान बने रहे, अब हकीकत का सामना, किए बिना तुम्हारे पास कोई, उपाय ही नहीं बचा, उठो जागो और, स्वयं को, संभालो।। नींद टूटी ख़्वाब चटका, हकीकत सामने खड़ी, आंखों में सवाल लिए है, तंज़ हकीकत के चेहरे पर दिखा, तेज़ धूप सा चमकता हुआ, पूछता है सवाल मुझसे, बत
नींद टूटी ख़्वाब चटका, हकीकत सामने खड़ी, आंखों में सवाल लिए है, तंज़ हकीकत के चेहरे पर दिखा, तेज़ धूप सा चमकता हुआ, पूछता है सवाल मुझसे, बत #yqquotes #yqकुलभूषण
read moreFunny Singh🐼
Birthday ke din bulbul udas thi. Jitender : kya hua bahen😨 Bulbul : bday wishes ke reply dete dete.😪 👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇 Abe JITENDER🔥 RAJPUT❤️ Ungliyon se YQ par aaj bulbul ne bahut reply kiye hain😂🤣🤣🤣🤣 Chal ab bulbul ki उंगलियां चटका दे😂🤣😂😂 #funnysingh #hap
Abe JITENDER🔥 RAJPUT❤️ Ungliyon se YQ par aaj bulbul ne bahut reply kiye hain😂🤣🤣🤣🤣 Chal ab bulbul ki उंगलियां चटका दे😂🤣😂😂 #funnysingh hap #happybirthday #YourQuoteAndMine #YQMeme #FilmyMeme #SupriyaPathak #YQMT163
read moreALOK Sharma
कलम से कलम लड़ गई, कागज़ राह तकता रहा। आपस में बात अड़ गई, मुद्दा बीच मे लटका रहा। न दलीलें हुईं न ही बयान, असत शब्द भटका रहा। तारीख़ पे तारीख़ चढ़ गई, मामला बस, अटका रहा। आँख से आँख भिड़ गई, मनस उँगली चटका रहा। न दुआ हुई न ही सलाम, तमस खड़ा मटका रहा। न हवा चली और न आँधी, चर धूल फांकता रहा। भौंह से भौंह अस चिढ़ गई, सत खेद छानता रहा। माथे चटक लकीरें मढ गई, सांसे बख़त दर खींचता रहा। सुईं के आगे सुईं बढ़ गईं, फ़ैसला दरीचे झांकता रहा। ©ALOK Sharma...✍️ फ़ैसला दरीचे झांकता रहा। कलम से #कलम लड़ गई, कागज़ राह तकता रहा। आपस में बात अड़ गई, मुद्दा बीच मे लटका रहा। न दलीलें हुईं न ही बय
फ़ैसला दरीचे झांकता रहा। कलम से #कलम लड़ गई, कागज़ राह तकता रहा। आपस में बात अड़ गई, मुद्दा बीच मे लटका रहा। न दलीलें हुईं न ही बय #हवा #आँख #आँधी #तमस #तारीख़ #alok5star #MomentOfTime
read morePramod Kumar
Zoga Bhagsariya
खलकत"ए"खुदा से,खुराफात की है, खोफ"ए"खुदा, नहीं है, ऐसी बात की है ll अब उजालों को ढूंढते- ढूंढते मरोगे, जिनके दिनों की तुमने, काली रात की है ।। हर जीव में,भावना होती है,सकूं से जीने की, पर तुम्हें कहां क़दर,किसी के जज़्बात की है ।। ए इंसान तोबा कर,की कुछ मुआफी मिले, सजा बड़ी है वैसे,जो कुदरत की हालात की है ।। कब तक देखता वो तुम्हारी, ना फरमानियां, कोई उंगली करता है, अरे तुमने तो लात की है ।। वो वक्त देता है संभलने का, नेक बन जाओ, नहीं तो पढ़ खुदा ने, सदौम की जो हालत की है, लगाकर तड़का ,मछली ,चूहे,कुत्ते, बिल्ली, का, सजा तो मिलेगी ए राक्षस,तूने जो ,दावत की है ।। चाहे हलाल हो ,या झटका,या जीभ का चटका, "जोगा "जीवों को काटके ,मौत की शुरुआत की है।। "जोगा भागसरिया " ZOGA BHAGSARIYA RAJASTHANI KAFIR ZOGA GULAM खलकत"ए"खुदा से,खुराफात की है, खोफ"ए"खुदा, नहीं है, ऐसी बात की है ll अब उजालों को ढूंढते- ढूंढते मरोगे, जिनके दिनों की तुमने, काली रात की ह
खलकत"ए"खुदा से,खुराफात की है, खोफ"ए"खुदा, नहीं है, ऐसी बात की है ll अब उजालों को ढूंढते- ढूंढते मरोगे, जिनके दिनों की तुमने, काली रात की ह #poem #coronavirus
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