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neelu
White कहते हैं मंज़िल पहचान लेती है मुसाफिर और मुसाफिर पहचान लेते हैं रास्ते.. fir शुरू होता है सफर ©neelu #Sad_Status #कहते हैं #मंज़िल #पहचान लेती है #मुसाफिर और #मुसाफिर #पहचान लेते हैं #रास्ते.. fir शुरू होता है सफर
एस पी "हुड्डन"
White ऐसे चलो सफ़र में कि निशान छूट जाए, कदमों में गिर के ये आसमान छूट जाए। जाना है जान से भी यह जानते हैं मगर! जाते जाते जहान में पहचान छूट जाए। ©एस पी "हुड्डन" #पहचान
Savita Suman
White #हरसिंगार शरद रात की आगोश में फिर हरसिंगार मुस्कुराया है झिलमिल करती इनकी कलियां सुगंध कितना फैलाया है ओस की बूंदों में लिपटी जैसे कोई अल्हड़ बाला अंगारे सी इसकी डंठल जैसे प्रीत की ज्वाला बिखर जाती धरा पर ऐसे जैसे बिखरी हो ज्योति राह तकते प्रियतम की आंसुओ की मोती अंजूरी में भर कर किसी के देवालय के प्रांगण तक जाएगी गूंथ माला में कलियों के संग देवी के गले में खिलखिलाएगी भाग्य बड़ा है इसका भी पावन ऋतु में आती है चढ़ कर मां के चरणों में भाग्य पर इतराती है महज फूल नहीं ये हरश्रृंगार औषधि की है भंडार तभी तो सभी करते इतना प्यार ©Savita Suman #love_shayari #हरसिंगार
Savita Suman
White #हरसिंगार शरद रात की आगोश में फिर हरसिंगार मुस्कुराया है झिलमिल करती इनकी कलियां सुगंध कितना फैलाया है ओस की बूंदों में लिपटी जैसे कोई अल्हड़ बाला अंगारे सी इसकी डंठल जैसे प्रीत की ज्वाला बिखर जाती धरा पर ऐसे जैसे बिखरी हो ज्योति राह तकते प्रियतम की आंसुओ की मोती अंजूरी में भर कर किसी के देवालय के प्रांगण तक जाएगी गूंथ माला में कलियों के संग देवी के गले में खिलखिलाएगी भाग्य बड़ा है इसका भी पावन ऋतु में आती है चढ़ कर मां के चरणों में भाग्य पर इतराती है महज फूल नहीं ये हरश्रृंगार औषधि की है भंडार तभी तो सभी करते इतना प्यार ©Savita Suman #love_shayari #हरसिंगार
Ashutosh Mishra
#hunarbaaz # हिंदी कविता #हिंदीनोजोटो #आशुतोषमिश्रा #पहचान Rrrrr Vaibhav Harsh Saxena it's_ archana_07 angel rai Babli BhatiBaisla पूजा
read moreमिहिर
सुनो हरसिंगार है एक सवाल वैसी क्यों हो तुम जैसे और सब नही जैसे हैं ये सब तुम वैसी क्यों नहीं और भी तो फूल है खेलते है खिलते है डालियों पर टिकते है जब तक तोड़ें नही जाते डाली छोड़ते नही पर तुम तो हो बिलकुल अलग खिल तो जाती हो पर क्यों तुम रुक नही पाती खुद ही डाली छोड़ जाती हो क्या है ऐसा की सब मोह में पड़े और तुम मोह से परे हरसिंगार क्यों हो तुम ऐसी ?? ©मिहिर हरसिंगार
हरसिंगार
read moreSk
White अपनी काबिलियत बस आप ही पहचान सकते हैं। ©Sk अपनी काबिलियत बस आप ही पहचान सकते हैं।
अपनी काबिलियत बस आप ही पहचान सकते हैं।
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