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MAHENDRA SINGH PRAKHAR
कुण्डलिया वेणु बजाकर राधिका , कान्हा करें प्रसन्न । कान्हा भोले हैं बने , पीछे बैठे सन्न ।। पीछे बैठे सन्न , वेणु राधा की सुनके । कहतें बैठो संग , गरुण से अब वह हँसके ।। झूमेंगी अब बेल , आज फिर धूम मचाकर । राधे रानी आज , सुनाती वेणु बजाकर ।। १७/०३/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कुण्डलिया वेणु बजाकर राधिका , कान्हा करें प्रसन्न । कान्हा भोले हैं बने , पीछे बैठे सन्न ।। पीछे बैठे सन्न , वेणु राधा क
कुण्डलिया वेणु बजाकर राधिका , कान्हा करें प्रसन्न । कान्हा भोले हैं बने , पीछे बैठे सन्न ।। पीछे बैठे सन्न , वेणु राधा क #कविता
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जय जय आरती वेणु गोपाला वेणु गोपाला वेणु लोला पाप विदुरा नवनीत चोरा जय जय आरती वेंकटरमणा वेंकटरमणा संकटहरणा सीता राम राधे श्याम जय जय आरती गौरी मनोहर गौरी मनोहर भवानी शंकर साम्ब सदाशिव उमा महेश्वर जय जय आरती राज राजेश्वरि राज राजेश्वरि त्रिपुरसुन्दरि महा सरस्वती महा लक्ष्मी महा काली महा लक्ष्मी जय जय आरती आन्जनेय आन्जनेय हनुमन्ता जय जय आरति दत्तात्रेय दत्तात्रेय त्रिमुर्ति अवतार जय जय आरती सिद्धि विनायक सिद्धि विनायक श्री गणेश जय जय आरती सुब्रह्मण्य सुब्रह्मण्य कार्तिकेय। ©KP TAILOR HD जय जय आरती वेणु गोपाला वेणु गोपाला वेणु लोला पाप विदुरा नवनीत चोरा जय जय आरती वेंकटरमणा
Ratan Singh Champawat
वेणु कर्म की राधिका, कर सोहे करतार। सृजना के संगीत से, जगत करें झनकार। वेणु कर्म की राधिका, कर सोहे करतार। सृजना के संगीत से, जगत करें झनकार। रतन सिंह चंपावत कृत @♥️ दिल की देहरी से ♥️ #dilkideharise
वेणु कर्म की राधिका, कर सोहे करतार। सृजना के संगीत से, जगत करें झनकार। रतन सिंह चंपावत कृत @♥️ दिल की देहरी से ♥️ #dilkideharise
read moreबी.सोनवणे
वाट पाहतोय गं सये जीवा लागली हुरहुर, दिसेनासी मज होते अशी किती गेली दूर।। धडधडते ह्या हृदयात फक्त तुझ्याच चिंतेत, सांजच्या गं कातरवेळी नयन आहे प्रतिक्षेत।। अंगणात सौख्याचं गं लावते वृंदावनी दिवा, तुळस लक्ष्मी पुजूणी प्रसन्न वाटते ह्या जीवा।। तुझं पाहण्यास अतूर नि होते अशी घालमेल, आनंद हे डोहाचे सये वाटे कधी होईल मेळ।। महाराष्ट्राचा कवी बी. सोनवणे ©बी.सोनवणे वाट पाहतोय गं सये जीवा लागली हुरहुर, दिसेनासी मज होते अशी किती गेली दूर।। धडधडते ह्या हृदयात फक्त तुझ्याच चिंतेत, सांजच्या गं कातरवेळी
वाट पाहतोय गं सये जीवा लागली हुरहुर, दिसेनासी मज होते अशी किती गेली दूर।। धडधडते ह्या हृदयात फक्त तुझ्याच चिंतेत, सांजच्या गं कातरवेळी #Lights
read moreनितिन कुमार 'हरित'
वेदना है भरी वेदना इस तन में, हे वेणु! तुम कैसे जानो? मै विरह कलित हूँ सावन में, तुम राग अमंद मानस तानो। तुम पवन मिले, धरती-अम्बर, तुम पूर्ण हुए, अब जल-जलधर, तुम मधुर शब्द गुंजाते हो, व्यंगित होते हैं हृदय पर । पर करके तुमको अवहेलित, मैं भी तो सार मिटाता हूं, मैं विरहाकुल हूँ इस कारण, हे युगल! झुलसता जाता हूँ। तुम पवन मिलो और शब्द बने, शब्दों की निर्मल धारा हो, तुम सावन के मीत बनो, ये सावन तुमको प्यारा हो। मैं भी एक स्वप्निल जगत बना, एक भीना राग बनाऊंगा, तब जाकर विरह - वेदना से निज का संबध मिटाऊंगा।। - Nitin Kr Harit वेदना है भरी वेदना इस तन में, हे वेणु! तुम कैसे जानो? मै विरह कलित हूँ सावन में, तुम राग अमंद मानस तानो। तुम पवन मिले, धरती-अम्बर, तुम पूर्ण
वेदना है भरी वेदना इस तन में, हे वेणु! तुम कैसे जानो? मै विरह कलित हूँ सावन में, तुम राग अमंद मानस तानो। तुम पवन मिले, धरती-अम्बर, तुम पूर्ण #Love #truelove #कविता #NitinDilSe #kavyapankh #imsgzb
read moreDevesh Dixit
नहीं चाहिए ऐसा जीवन नहीं चाहिए ऐसा जीवन, जिसमें दर्द बेशुमार हो। आतंकों से भरा ये जीवन, जहाँ तड़पा इन्साफ हो। दुष्कर्मों की लगी झड़ी है, कहाँ रहा विश्वास है? संकट की जो ये घड़ी है, नहीं बचा ऐहसास है। चेहरे पर सब मुखौटा पहनें, कैसे अब पहचान हो? खून की लगी नदियाँ बहनें, क्यों बने अनजान हो? दौलत की खातिर देखो, बिकता जो ईमान है। कैसे मजबूत होगा देखो? ये जो हिन्दुस्तान है। नहीं चाहिए ऐसा जीवन, जिसमें रक्त शृंगार हो। हैवानियत में डूबा जीवन, पाप का ये आधार हो। .................................... देवेश दीक्षित स्वरचित एवं मौलिक ©Devesh Dixit #नहीं_चाहिए_ऐसा_जीवन #nojotohindi #nojotohindipoetry नहीं चाहिए ऐसा जीवन नहीं चाहिए ऐसा जीवन, जिसमें दर्द बेशुमार हो। आतंकों से भरा ये जी
#नहीं_चाहिए_ऐसा_जीवन #nojotohindi #nojotohindipoetry नहीं चाहिए ऐसा जीवन नहीं चाहिए ऐसा जीवन, जिसमें दर्द बेशुमार हो। आतंकों से भरा ये जी #Poetry #sandiprohila
read moreDevesh Dixit
मेरा अनुभव (दोहे) मेरा अनुभव कह रहा, बनों नहीं अनजान। जीवन यह संकट भरा, मत होना हैरान।। मेरा अनुभव कह रहा, ऐसा दो पैगाम। खुशियों की भरमार हो, मुख पर तेरा नाम।। मेरा अनुभव कह रहा, क्यों करते तुम बैर। संकट भी फिर घेरता, मने नहीं तब खैर।। मेरा अनुभव कह रहा, है कैसा यह दौर। मानवता को छोड़ते, करे नहीं अब गौर।। मेरा अनुभव कह रहा, सच की छोड़ें डोर। ऐसे ही गर यह चला, कैसे होगी भोर।। मेरा अनुभव कह रहा, हो सबका सम्मान। मन तेरा यह खुश रहे, दूजे का भी जान।। ....................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #मेरा_अनुभव #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi मेरा अनुभव (दोहे) मेरा अनुभव कह रहा, बनों नहीं अनजान। जीवन यह संकट भरा, मत होना हैरान।।
#मेरा_अनुभव #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi मेरा अनुभव (दोहे) मेरा अनुभव कह रहा, बनों नहीं अनजान। जीवन यह संकट भरा, मत होना हैरान।। #Poetry #nikita #sandiprohila
read moreNitin Kr Harit
वेदना है भरी वेदना इस तन में, हे वेणु! तुम कैसे जानो? मै विरह कलित हूँ सावन में, तुम राग अमंद मानस तानो। तुम पवन मिले, धरती-अम्बर, तुम पूर्ण हुए, अब जल-जलधर, तुम मधुर शब्द गुंजाते हो, व्यंगित होते हैं हृदय पर । पर करके तुमको अवहेलित, मैं भी तो सार मिटाता हूं, मैं विरहाकुल हूँ इस कारण, हे युगल! झुलसता जाता हूँ। तुम पवन मिलो और शब्द बने, शब्दों की निर्मल धारा हो, तुम सावन के मीत बनो, ये सावन तुमको प्यारा हो। मैं भी एक स्वप्निल जगत बना, एक भीना राग बनाऊंगा, तब जाकर विरह - वेदना से निज का संबध मिटाऊंगा।। वेदना है भरी वेदना इस तन में, हे वेणु! तुम कैसे जानो? मै विरह कलित हूँ सावन में, तुम राग अमंद मानस तानो। तुम पवन मिले, धरती-अम्बर, तुम पूर्ण
वेदना है भरी वेदना इस तन में, हे वेणु! तुम कैसे जानो? मै विरह कलित हूँ सावन में, तुम राग अमंद मानस तानो। तुम पवन मिले, धरती-अम्बर, तुम पूर्ण #yqdidi #yqhindi #yqquotes #NitinDilSe
read moreDevesh Dixit
धन-दौलत (दोहे) धन-दौलत ये है बड़ी, इसका ही सम्मान। जो इससे पीछे रहा, कम कीमत ये जान।। मानवता बस नाम की, धन-दौलत से मान। अहंकार में डूब कर, बनता वह अनजान।। जूझ रहा इंसान है, धन-दौलत को आज। इसको पाने के लिए, करता कुछ भी काज।। धन-दौलत ही चाहिए, पाने को सम्मान। इसके बिन कुछ है नहीं, खोते सब अरमान।। अपराधी घूमें फिरें, करने को वह काज। धन-दौलत को लूटते, समझें खुद सरताज।। धन-दौलत की चाह में, भटक रहा इंसान। उसे झपटने के लिए, भूल रहा ईमान।। ......................................................... देवेश दीक्षित स्वरचित एवं मौलिक ©Devesh Dixit #धन_दौलत #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi धन-दौलत (दोहे) धन-दौलत ये है बड़ी, इसका ही सम्मान। जो इससे पीछे रहा, कम कीमत ये जान।। मानव
#धन_दौलत #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi धन-दौलत (दोहे) धन-दौलत ये है बड़ी, इसका ही सम्मान। जो इससे पीछे रहा, कम कीमत ये जान।। मानव #Poetry #sandiprohila
read moreVibhor VashishthaVs
Meri Diary #Vs❤❤ ‼️💥सुप्रभात💥‼️ वृन्दां वृन्दावनीं विश्वपावनीं विश्वपूजिताम् । पुष्पसारां नन्दिनीं च तुलसीं कृष्णजीवनीम् ॥॥ एतन्नामाष्टकं चैतत्स्तोत्रं नामार्थसंयुतम् । यः पठेत्तां च संपूज्य सोऽश्वमेधफलं लभेत् ॥॥ अर्थात:- वृंदा वृंदावनी विश्वपावनी विश्वपूजिता पुष्पसारा नंदिनी तुलसी और कृष्ण जीवनी यह तुलसी जी के आठ नाम है। यह सार्थक नामावली स्तोत्र के नाम से जाना जाता है। जो तुलसीजी की पूजा करके इस नामाष्टक को पढ़ता है उसे अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है..। ‼️🚩मेरी संस्कृति🌱 मेरा अभिमान🚩‼️ जब विश्व को सभ्यता का भी नहीं पता था। तब से हमारा देश संस्कारों की 🌿तुलसी🌿 से आँगन सजा रहा था..। सभी सनातनियों को 🌿तुलसी🌿 पूजन दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं...l 🙏तुलसी माता आपको कोटि कोटि प्रणाम🙏 🙏🏵जय जय श्री हरि🏵🙏 💐आप सभी का दिन शुभ एवं मंगलमय हो💐 ✍️Vibhor vashishtha Vs Meri Diary #Vs❤❤ ‼️💥सुप्रभात💥‼️ वृन्दां वृन्दावनीं विश्वपावनीं विश्वपूजिताम् । पुष्पसारां नन्दिनीं च तुलसीं कृष्णजीवनीम् ॥॥ एतन्नामाष्टकं
Meri Diary Vs❤❤ ‼️💥सुप्रभात💥‼️ वृन्दां वृन्दावनीं विश्वपावनीं विश्वपूजिताम् । पुष्पसारां नन्दिनीं च तुलसीं कृष्णजीवनीम् ॥॥ एतन्नामाष्टकं #yqdidi #YourQuotes #tulsi #yqquotes #yourquotebaba #yourquotedidi #vs❤❤ #sanatanadharma
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