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Ek villain
कोविड-19 री लहरा में एक चीज खास रही वह है टेलीविजन चैनलों पर सरकारी अस्पताल और संस्थाओं के डॉक्टरों तथा वैज्ञानिक ज्ञान बांटते नजर आए उसके पीछे की वजह स्वास्थ्य मंत्रालय की शक्ति रही मंत्रालय का मानना है कि कोविड-19 के दौरान दिन भर दिन बड़े सरकारी अस्पतालों के कुछ डॉक्टर और वैज्ञानिकों की तरफ से टेलीविजन चैनलों और अलग-अलग विचार रखे जाते हैं जिससे लोगों के बीच को भी लेकर भ्रम फैलता है और उनके बीच एक राय नहीं बन पाती कोविड-19 तो आलम यह था कि बड़े डॉक्टर और वैज्ञानिकों को यह न्यूज़ चैनल वालों की लाइन लगी रहती थी तीसरी लहर की शुरुआत में भी कुछ ऐसा ही माहौल बन रहा था लेकिन मंत्री जी की शक्ति एक दिन ऐसी हुई कि एक बड़े सरकारी अस्पताल के सबसे बड़े डॉक्टर को एक चैनल पर चर्चा बीच में ही छोड़कर उठना पड़ा इसके बाद से तो सरकारी डॉक्टर और वैज्ञानिकों के लिए चैनलों पर चेहरा दिखाना आसान नहीं ©Ek villain #डिबेट छोड़ने की मजबूरी #Thoughts
Ritik prajapati
😜😜कहते है शराब शरीर को ख़तम करती, शराब सोच समझ को ख़तम करती है, आओ आज इस शराब को ख़तम करते है, एक वोतल तुम ख़तम करो एक हम ख़तम करते है!😜😜 मस्त टॉपिक
मस्त टॉपिक
read moreNaveen Jain
माहौल कुछ बिगड़ सा राह है। आदमी -आदमी पर जुल्म कर रहा है। कभी मंदिर तो कभी मस्जिद के बहाने। बस अब तो हर दिन ही ये ही मुद्दा है(१) बंधे है हाथ कानून के । नेतागिरी ही असली धंधा । किसी को कुछ समझ नही आए कैसा ये गोरख धंधा है।(२) मासूम,गरीब और लाचारी पर। कैसा ये आफत का कहर है। खाने को कुछ नही है। 'नवीन 'फिर वो मजबूरी में जिंदा है। जैन नवीन ©Naveen Jain टॉपिक - हालात #holdinghands
टॉपिक - हालात #holdinghands #Poetry
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पेट्रोल बॉम्ब और पत्थरों की जांच होनी चाहिए। वो कहां से आए ? कैसे आए? क्यू आए? अकेले आए या कोई साथ लाया। उनका मकसद क्या था? इनकी पीछे कोई विदेशी ताकतें तो नही! कहीं ये अमेरिका की तो हरकत नही है! ये पाकिस्तान के भी हो सकते है! पर पत्थर तो बेजुबान है बोलेंगे कैसे। पेट्रोल बॉम्ब फटने के बाद ही बोलता है। उनसे जिनको लगी। उनकी रिपोर्ट क्या कहती है। ये आत्म रक्षा के लिए था। या कोई साजिश के हुआ तहत था। जब देश की जांच एजेंसी और मीडिया ये पता ही नही लगा सकता । ये पेट्रोल बॉम्ब कहां से आए? किसके थे। उनको सारे दिन अपनी बक बक करने का अधिकार किसने दिया? कहीं ऐसा ही हादसा किसी बड़े नेता के साथ भी भविष्य में हो सकता है? फिर भी कुछ पार्टी और पूरा विपक्ष। ऐसे लोगों का साथ दे रह है। कमाल है ! देश में खुले आम पेट्रोल बॉम्ब बन रहे है और बिक रहे और हम कहते है देश सुरक्षित हाथों में ये तो वर्तमान सत्ता पर भी सवाल है? जैन नवीन ©Naveen Jain टॉपिक- पेट्रोल बॉम्ब
टॉपिक- पेट्रोल बॉम्ब #Thoughts
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दिया था गुलाब जिसने ,किताब में रखने को। वो ही हाथों में दे गया ,कलम लिखने को।(१) वफा बेवफा सब ,सीखा गया। मोहबब्त में आगे से ,होशियार रहने को।(२) मेरी नज़्म भी ,पूरी हो गई। मेरे टूटे हुए दिल को, बहलाने को।(३).... जैन नवीन... ©Naveen Jain शायरी टॉपिक- कलम
शायरी टॉपिक- कलम #Shayari
read moreशिवानन्द
आजकल के न्यूज़ मिडिया में का बा ******************** हो हल्ला, अऊरी मार पिटऊअल के भरमार बा। एक दुसरा के गारी देत,करत नफ़रत के व्यापार बा। आजकल के न्यूज़ मिडिया में का बा.... डिबेट करत नेता अऊरी एंकर भी जोर जोर से चिलात बा। लड़त बाजत देख लागअता, छोटकन लइकनो से बुरा हालात बा। आजकल के न्यूज़ मिडिया में का बा.... TRP के चक्कर धइले, आज सही समाचार के अभाव बा। चौथा पिलर डोलअता,अब गलत के बिकत बाजार बा। आजकल के न्यूज़ मिडिया में का बा.... असली मुद्दा भुल गईल,लागअता सामाचार भी बेरोजगार बा। चाटुकारिता की थाली लेले, ओके चाटत चाटत मिडिया बेहाल बा। आजकल के न्यूज़ मिडिया में का बा.... आपन असली रूप रंग भूल अब बन गईल रंगल सियार बा। पत्रकारिता मरअता, सब कहेला अब ता मिडिया बेकार बा। आजकल के न्यूज़ मिडिया में का बा.... ~~शिवानन्द #मिडिया #चौथास्तंभ #भोजपुरी #डिबेट #सहीग़लत #media #yqbaba #yqdidi
Naveen Jain
पसंद करोगे तो भी लिखेंगे हम। ना पसंद करोगे तब भी लिखेंगे हम। हमे किसी सत्ता के भय का खौफ नही। जनता की झूठी संबेदनाओ की जरूरत नही । सच लिखा करते है। सच ही लिखेंगे। किसी की झूठी और बेईमान मानसिकता की जरूरत नही।(१) किसी को हिंदू ,किसी को मुसलमान लिखती है कलम। जब माइक पर आ जाती है । दोनों का मजहब और धर्म, अलग- अलग बोलती है कलम। जो दंगे भड़काता है ,आग लगाता है । फिर उन कट्टरपंथियों और उग्रवादियों नेताओं को बहस में, टीवी चैनल पर क्यूं बुलाती है कलम।(२) जैन नवीन ©Naveen Jain कविता टॉपिक - कलम #hills
कवि नितेश उपाध्याय "अतिशीघ्र"
आदत यूँ नज़रें चुराकर उसका नज़रें मिलाना,, आदत है। सामने आते ही इतराकर मुड़ जाना,,आदत है। मैं नहीं मिलूंगी कल तुम्हें मेरा इंतज़ार मत करना फिर वक़्त से पहले अपनी छत पर उसका आना,, आदत है । कोई देख लेगा तो मुसीबत हो जायेगी उसका आहें भर मेरे बदन से लिपट जाना,,आदत है जब छोड़ चला था उसे उसी बस्ती में मेरे लिए पौंछ आंसू अपने सिसकियों से मुस्कराना,,आदत है #अतिशीघ्र नितेश #आदत ,#अतिशीघ्र,#नोजोटो टॉपिक #