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कोमल सिंह चन्देल
मोबाइल नंबर,9838132300,=8887528104
मोबाइल नंबर,9838132300,=8887528104 #nojotophoto
read moreTarakeshwar Dubey
वसुंधरा की पूरी हो अभिलाषा जब जब इस पावन धरती पर मानवता अकुलाती है, पाप अषीम बढ़ जाता है, त्राहि त्राहि मच जाती है, पिचासिनीयां करती है नर्तन, असूर रुद्र हो जाते है, व्याधि बिकल होकर के जब मानव को तड़पाते है, यज्ञ बाधित होता है जब निशाचरों के महातांडव से, मयूर नाचने लगते है जब खुंखार गिद्धों के भय से, जब अन्याय अत्याचार के खंजर तले न्यायी काटे जाते है, जब भलमनसाहत के मस्तक पर भष्मासूर चढ़ जाते है, तब तब वसुंधरा के उद्धार हेतु कष्ट उठाना पड़ता है, देवी हो या देव रुप धर इस धरती पर आना पड़ता है। इतिहास बताता है हमें आततायियों के विनाश की गाथा, न्याय सदा होवे अमर यही वसुंधरा की रही अभिलाषा।। जब भारत की महाभूमि पर पाप शीष चढ़ जाता है, नारी के अस्तित्व पर जब घोर प्रश्न उठाया जाता है, जब कौरवों की कुटिलता चौसर की बिसात बिछती है, राजमोह जब अंधमार्ग चुन पापी के साथ विचरती है, जब गुरुजन शीष झुकाकर के अन्याय पर दंभ भरते हैं, पूजनीय ज्ञानीजन भी जब आंखे मींचे चूप रहते हैं, जब महासभा के बीच लज्जा का चीर उठाया जाता है, निर्लज्जता की वेदी पर नारी को नंगा नचाया जाता है, तब धर्म की रक्षा के लिए पूण्य गांडीव उठाना पड़ता है, संग्राम भूमि में कस कमर अर्जून को आना पड़ता है। वेद व्यास की वाणी में रचित है महाभारत की महागाथा, न्याय सदा होवे अमर यही वसुंधरा की रही अभिलाषा।। (क्रमश:) ©Tarakeshwar Dubey वसुंधरा
वसुंधरा #कविता
read moreAlka Jain
OTS one time settlement के लिए बैंक की नई स्कीम आई है अगर आप अपना ऋण चुकाने में असमर्थ हैं तो इस स्कीम का फायदा उठाएं यह योजना 11 सितंबर एवं 12 सितंबर 2019 के लिए ही मान्य है आपके पास आपके वाहन का यदि कोई ग्राहक भी है तो उसे भी साथ लाएं और आप इस नंबर पर बात कर पंजाब नेशनल बैंक की शाखा कार्यालय दादर एनसी केलकर रोड वेस्ट में आए राजीव जैन मुख्य प्रबंधक मोबाइल नंबर 081 2681 9927
राजीव जैन मुख्य प्रबंधक मोबाइल नंबर 081 2681 9927
read moreTarakeshwar Dubey
वसुंधरा की पूरी हो अभिलाषा (शेष भाग) जब माता के आंखो के आगे बच्चे तड़प तड़प बिलखते है, मुंह के निवाले छीन आतंकी महिषासुर सा हर्षनाद करते है, जब तथाकथित सभ्य समाज में अबलायें तड़पाई जाती है, वृद्ध पिता के कंधों पर जब बच्चो की अर्थी उठाई जाती है, जब भरे सड़क पर किसी बहन की मर्यादा निलाम होती है, आजादी के आंगन मे जब मां की हृदय तार तार हो रोती है, जब प्रशासक बन संहारक दुष्ट गुण्डों का साथ निभाते हैं, न्याय के संरक्षक भी जब बैरी आदम भक्षक बन जाते है, तब बहन की रक्षा के लिए भाई को समर में आना पड़ता है, मातृत्व की रक्षा के लिए स्वर को हथियार बनाना पड़ता है। रचे कोई इतिहास यह नहीं मेरी रही कभी भी अभिलाषा, न्याय सदा होवे अमर, हो वसुंधरा की पूरी सारी अभिलाषा।। ©Tarakeshwar Dubey वसुंधरा
वसुंधरा #कविता
read moreआशिष गंगाधरजी चोले
एक दिवस सुंदर अशी पहाट उगवली भल्या पहाटेच शिवनेरी ची तोफ गरजली वाऱ्याची झुळूक ही सह्याद्रिच्या कुशीत डोलावली गुलामीत स्वातंत्र्याची चाहूल पहाट घेऊन आली जिजाऊ पोटी शिवा जन्मला सांगत मुके पाखरेही किलबलली राजमाता जिजाऊ चा इवलासा अंश होता तो सिंहाचा छावा ज्यांनी शिकवले मावळ्यांना गनिमी कावा पुरून उरले मर्द मराठे असंख्य मुघलांना जेव्हा उफाळला मावळ्यांच्या रक्तातील लाव्हा मस्तकी जिरेटोप न हाती भवानी तलवार फडकविला भगवा झेंडा छातीवर शोषुन वार जिकून घेतले असाध्य असे दुर्ग अफाट सागरालाही केले बंदिस्त राजेंनी बांधून किल्ले सिंधुदुर्ग परस्त्री असते माते समान या विचाराने शत्रूराज्यांच्या स्त्रियांसही दर्जा स्वतःच्या आई-बहिणींचा देई जगातील एकमेव माझे राजे असे ज्यांच्या दरबारात नाचली नाही कधीच नर्तकी बाई पराक्रमी शिवाजी महाराष्ट्री अवतरला मूठभर मावळे घेऊन शत्रूंच्या तोफांसमोर तलवार घेऊनि एकटाच उभा ठाकला ना भूतो ना भविष्य एक राजा साऱ्या जगाचा छत्रपती शिवाजी महाराज जाहला ज्याला माज होता दिल्लीच्या तख्ताचा तोच पळाला जिवाच्या आकांताने पाहून वाघ भगव्या रक्ताचा अभिमान आम्हांस आमच्या राजेंचा रक्षणास ठायी राही सदा रयतेच्या रक्षणास ठायी राही सदा रयतेच्या लेखन:- आशिष गंगाधरजी चोले. राजे
राजे
read moreManmohan Dheer
ऐ सशक्त लेखन के धनी, एक गान लिख रुदन लिख क्रंदन कह बेध सके जो ह्रदय व्योम का आकाश का तू वंदन लिख ऐसा कोई स्पंदन लिख ऐ कवि..... . ऐ मधुर कंठ के स्वामी तू मार्ग दे इस व्यथा को चीर दे सुरों से अपने स्वर के दर्द को अन्दर तक अपने अधरों से तू पीड़ा गा ऐ मधुर कंठ के स्वामी .... . ऐ विस्तार के पर्याय आकाश सुन रहे हो तो सुन लो ये गान तुम्हें विवश करेगा व्याकुल कर देगा ऋतू मर्यादा तोड़ तू अहंकार सूर्य का छोड़ तू दे निमंत्रण श्यामवर्णी मेघों को तप्त अधरों को तृप्त कर दे . ये वसुंधरा पुकारती....... . धीर वसुंधरा पुकारती
वसुंधरा पुकारती
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