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Stories related to पुलिया फुगे केसावर फुगे

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BSagar

पुलिया #Quotes

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Vrishali G

फुगे

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आकाशात उडणारे विविध रंगाचे फुगे बघताना मन उल्हसीत होत असतं 
मनाच्या आकाशात सुध्दा असेच भावनांचे विविध रंगी फुगे उडत आहेत हे त्याला जाणवत असतं .. फुगे

SATYAJIT ANANDRAO JADHAV

suresh

71 गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं आर के डेकोरेटर & वेडिंग इवेंट छोटी पुलिया आर सी व्यासः कॉलोनी #nojotophoto

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 71 गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 
आर के डेकोरेटर & वेडिंग इवेंट 
छोटी पुलिया आर सी व्यासः कॉलोनी

Rashmi Hule

खो खो, लपंडाव लंगडी-पळती कीती खेळ खेळती अंगणात सखेसोबती सिमेंटच्या जंगलात आंगणेच लोप पावती... किती फुगे आकाशात सोडले धडपड पकडण्यासाठी #सवंगडी

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खो खो, लपंडाव 
लंगडी-पळती
कीती खेळ खेळती 
अंगणात सखेसोबती 
सिमेंटच्या जंगलात 
आंगणेच लोप पावती... 
किती फुगे आकाशात सोडले
धडपड पकडण्यासाठी
सारे सवंगडी दंग झाले....
लाल, निळा,भगवा,पिवळा
 रंग कीती भारी भारी
मिळून मिसळून खेळाची
गंमतच तेव्हा असे न्यारी...
गेले ते दिवस राहील्या
त्या  आठवणी फक्त 
ना सवंगडी,ना खेळ आता
सारे मोबाईलचे भक्त...  खो खो, लपंडाव 
लंगडी-पळती
कीती खेळ खेळती 
अंगणात सखेसोबती 
सिमेंटच्या जंगलात 
आंगणेच लोप पावती... 
किती फुगे आकाशात सोडले
धडपड पकडण्यासाठी

Nojoto Hindi (नोजोटो हिंदी)

अदम गोंडवी की कलम से प्रस्तुत है- जिस्म क्या है रूह तक सब कुछ ख़ुलासा देखिये आप भी इस भीड़ में घुस कर तमाशा देखिये जो बदल सकती है इस पुलि #Kalamse #adamgondvi

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  अदम गोंडवी की कलम से प्रस्तुत है- 
जिस्म क्या है रूह तक सब कुछ ख़ुलासा देखिये
आप भी इस भीड़ में घुस कर तमाशा देखिये

जो बदल सकती है इस पुलि

Satish Chandra

#FreakySatty #yqbaba #Funny I love you so very much That I can surpass any and every barrier Just a small request though to you, It would b

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तुझसे मोहब्ब़त है इतनी की
कोई भी हद़ पार कर जाऊँगा,
बस वो जो तेरे घर के पीछे छोटी सी पुलिया है
उसे पार कर के तू इधर ही आ जाती तो अच्छा रहता! #FreakySatty #YQBaba #Funny

I love you so very much
That I can surpass any and every barrier
Just a small request though to you,
It would b

Unknown Sanju

जिस्म क्या है रूह तक सब कुछ ख़ुलासा देखिए जिस्म क्या है रूह तक सब कुछ ख़ुलासा देखिए आप भी इस भीड़ में घुस कर तमाशा देखिए जो बदल सकती है इस #विश्वहिंदीदिवस

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#विश्वहिंदीदिवस जिस्म क्या है रूह तक सब कुछ ख़ुलासा देखिए

जिस्म क्या है रूह तक सब कुछ ख़ुलासा देखिए
आप भी इस भीड़ में घुस कर तमाशा देखिए

जो बदल सकती है इस पुलिया के मौसम का मिजाज़
उस युवा पीढ़ी के चेहरे की हताशा देखिए

जल रहा है देश यह बहला रही है क़ौम को
किस तरह अश्लील है कविता की भाषा देखिए

मतस्यगंधा फिर कोई होगी किसी ऋषि का शिकार
दूर तक फैला हुआ गहरा कुहासा देखिए

-SANJU जिस्म क्या है रूह तक सब कुछ ख़ुलासा देखिए

जिस्म क्या है रूह तक सब कुछ ख़ुलासा देखिए
आप भी इस भीड़ में घुस कर तमाशा देखिए

जो बदल सकती है इस

yogesh atmaram ambawale

सुप्रभात मित्र आणि मैत्रिणीनों आजचा विषय आहे मनातलं माझ्या.. चला तर मग मनातलं व्यक्त करुया. तुमच्या मनातलं.. #मनातलंमाझ्या #Collab #yqtaai #YourQuoteAndMine #मराठीकविता

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मैत्रीण आहे माझी खास,
राहते नेहमीच हृदयाच्या पास.
तिच्या मनातले न कधी जाणिले
न कधी माझ्या मनातले सांगितले.
आवडते ती मला,वाटले आता सांगावे.
सोबत फिरायला घेऊन जावे,नि मन मोकळे करावे.
ती येईल ह्याची खात्री होती
म्हणूनच जवळच्या बगिच्यात फिरायला नेले,
बसवले सायकल वर डबल सीट 
नि हृदयाच्या आकाराचे फुगे ही दिले.
मारता फेरी बगीचेत डोक्यात विचार आले,
मनातले माझ्या आज तिला सर्व सांगून दिले. सुप्रभात मित्र आणि मैत्रिणीनों
आजचा विषय आहे
मनातलं माझ्या..
चला तर मग मनातलं व्यक्त करुया.
तुमच्या मनातलं..
#मनातलंमाझ्या 
#collab #yqtaai

Abhishek 'रैबारि' Gairola

थोड़ा कुछ 2 कुछ टूटी फूटी जर्जर कविताओं, सतही साहित्य के महीम तख़्त नुमा पुलिया पर लड़खड़ाता डगमगाता हुआ जहाँ विचार भी उन हाथो की तरह हैं

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थोड़ा कुछ #2

कुछ टूटी फूटी जर्जर कविताओं, 
सतही साहित्य के महीम तख़्त नुमा पुलिया पर
लड़खड़ाता डगमगाता हुआ
जहाँ विचार भी उन हाथो की तरह हैं 
जो केवल संतुलन देने हेतु हैं 
न जाने कहाँ बढ़े जा रहा हूँ   
कुछ ख़बर, कुछ होश नहीं
कोई है भी नही जो हमे कुछ बता पाए
क्योंकि हमारे सलीके के
नक़ली कलाकार कम ही हैं यहाँ
जो अपनी कल्पनाओं, रचनाओं में 
खोते तो नहीं पर सो अवश्य जाते हैं
जागते हैं तो आलकस की कलम से
चार सुस्ताए बोल काग़ज़ पर ख़रोंच देते हैं
जीवन ज़िम्मेदारियों से नज़र बचाते, 
छुपते, भगते शब्द हैं
या उनका अभाव।

©Abhishek 'रैबारि' Gairola थोड़ा कुछ #2

कुछ टूटी फूटी जर्जर कविताओं, 
सतही साहित्य के महीम तख़्त नुमा पुलिया पर
लड़खड़ाता डगमगाता हुआ
जहाँ विचार भी उन हाथो की तरह हैं
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