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Bazirao Ashish
असित - गिरि - समं स्यात् कज्जलं सिन्धु - पात्रे । सुर - तरुवर - शाखा लेखनी पत्रमुर्वी ॥ लिखति यदि गृहीत्वा शारदा सर्वकालं । तदपि तव गुणानामीश पारं न याति ॥ अर्थ: हे प्रभु (शिव जी)! यदि नीले या काले रङ्ग के समान पर्वतों को सागर रूपी दवात में घोलकर काली स्याही और देवलोक के कल्पवृक्ष की शाखाओं की लेखनी/कलम बनायी जाय/जा सके। यदि माँ शारदा/सरस्वती स्वयं अनन्तकाल तक आपके गुणों की व्याख्यान लिखती रहें तब भी आपके सम्पूर्ण गुणों का को नहीं लिखा जा सकता। अर्थात् आप आदि व अनन्त हैं। 🙏 ©Bazirao Ashish असित - गिरि - समं स्यात् कज्जलं सिन्धु - पात्रे । सुर - तरुवर - शाखा लेखनी पत्रमुर्वी ॥ लिखति यदि गृहीत्वा
असित - गिरि - समं स्यात् कज्जलं सिन्धु - पात्रे । सुर - तरुवर - शाखा लेखनी पत्रमुर्वी ॥ लिखति यदि गृहीत्वा #पौराणिककथा
read moreManku Allahabadi
इमं हि नित्यमेव मुक्तमुक्तमोत्तम स्तवं। पठन्स्मरन् ब्रुवन्नरो विशुद्धमेति सन्ततम्। हरे गुरौ सुभक्तिमाशु याति नान्यथा गतिम्। विमोहनं हि देहनाम् तु शंकरस्य चिन्तनम।।१६।। पवित्र मन से शिव का मनन (चिंतन) करके इस महान से भी महानतम स्तव ( स्तोत्र ) का जो भी नित्य अखंड पाठ करता है, गुरु शिव उस की ओर गति करते हैं, उस शिव की भक्ति प्राप्त होती है, इस भक्ति को पाने का कोई दूसरा मार्ग नहीं है, शिव के मनन से ऐसे व्यक्ति का मोह नष्ट हो जाता है। शिव तांडव स्त्रोत (श्लोक - 16) ©Manku Allahabadi शिव तांडव स्त्रोत(भाग-16) .............................................. इमं हि नित्यमेव मुक्तमुक्तमोत्तम स्तवं। पठन्स्मरन् ब्रुवन्नरो विशुद
शिव तांडव स्त्रोत(भाग-16) .............................................. इमं हि नित्यमेव मुक्तमुक्तमोत्तम स्तवं। पठन्स्मरन् ब्रुवन्नरो विशुद #mahadev #विचार #shivsankar #bambhole #mankuallahabadi #shivtandavstotram
read moreDivyanshu Pathak
भावनाओं के स्पंदन हृदय को पुलकित कर प्रेम के बसंती गुलाल से तन मन को रंग डालते है ! प्राप्त कर एक दूसरे के अपनत्व का आलिंगन द्रवित हो द्वैत के सिद्धांत एक होकर रह जाते है ! 😊💕#good evening💕😊 : नकल में मन प्रधान बनता है। प्रवाह के अनुसार कर्म करने लग जाता है। बुद्धि अपने हित के अनुपात में कर्म तय करती है। महर्षि
Sagar vm Jangid
अगर मैं रावण होता तो जटा टवी गलज्जल प्रवाह पावितस्थले गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्ग तुङ्ग मालिकाम् इदम् हि नित्यमेवमुक्तमुत्तमोत्तमं स्तवं पठन्स्मरन्ब्रुवन्नरो विशुद्धिमेतिसंततम् #dashhara #ravan जटा टवी गलज्जल प्रवाह पावितस्थले गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्ग तुङ्ग मालिकाम् डमड्डमड्डमड्डमन्निनाद वड्डमर्वयं चकार चण्डताण
#dashhara #ravan जटा टवी गलज्जल प्रवाह पावितस्थले गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्ग तुङ्ग मालिकाम् डमड्डमड्डमड्डमन्निनाद वड्डमर्वयं चकार चण्डताण #sagarvmjangid
read moreDivyanshu Pathak
जो दीखे सो राधिका, न दीखे वो कृष्ण कृष्ण-शुक्ल दोनों खड़े, बड़ो विकट छे प्रश्न । :😊😊💐☺😊 राधा-कृष्ण, प्रकाश और अधंकार इस सृष्टि के मूल तत्व हैं। दोनों ही देने वाले हैं। राधा की “राध साध सन्सिद्धौं से देने वाला तत्व है। सूर
:😊😊💐☺😊 राधा-कृष्ण, प्रकाश और अधंकार इस सृष्टि के मूल तत्व हैं। दोनों ही देने वाले हैं। राधा की “राध साध सन्सिद्धौं से देने वाला तत्व है। सूर
read moreRajendra Kumar Bag
कदाचित् कालिन्दी तट विपिन सङ्गीत तरलो मुदाभीरी नारी वदन कमला स्वाद मधुपः रमा शम्भु ब्रह्मामरपति गणेशार्चित पदो जगन्नाथः स्वामी नयन पथ गामी भ
कदाचित् कालिन्दी तट विपिन सङ्गीत तरलो मुदाभीरी नारी वदन कमला स्वाद मधुपः रमा शम्भु ब्रह्मामरपति गणेशार्चित पदो जगन्नाथः स्वामी नयन पथ गामी भ #ଜୟଜଗନ୍ନାଥ #JaiJagannath #JagannathPuri #HappyRathYatra
read moreAnamika Nautiyal
कोरा काग़ज़ की प्रतियोगिता हम लिखते रहेंगे के लिए टीम काव्यांजलि की दसवें दिन की रचना इसका शीर्षक है "शिक्षा" विद्या ही हमें ज्ञान है देत
कोरा काग़ज़ की प्रतियोगिता हम लिखते रहेंगे के लिए टीम काव्यांजलि की दसवें दिन की रचना इसका शीर्षक है "शिक्षा" विद्या ही हमें ज्ञान है देत #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #हमलिखतेरहेंगे #टीम_काव्यांजलि
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