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Tejaswini
Alone एक दफ्तर का बाबू वह सोच रहा है दफ्तर में बैठे, की एक दिन की छुट्टी मिली तो , जो ये काम छूटा है उसे पूरा करूंगा, पहले छुट्टियों का इंतजार करता था, अब मिली तो परेशान हैं, पहले बच्चों की हंसी देखने के लिए तरसता था, आज हंसी देखी भी तो, सोच में हैं, कि इसे बरकरार कैसे रखूं। पहले बंद कमरा हो, और शांति में बैठने का दिल करता था, आज वही शोर याद आता है। पहले रोटी फेंकी जाती थी , तो खामोश रहता था, अाज रोटी फेंकी जाए तो बौखला उठता है। बरसों छत पर नहीं गया, ठीक से एक बार, आज पूरे परिवार के साथ बैठता है छत पर। बच्चों के खिलौने जी भर के नहीं देखे, आज बच्चों के साथ खेल, अपना मन बहला रहा है। हर महिने पगार पाने वाला, अब पड़ा है फोन पे और ओनलाइन बैंकिंग के चक्करों में। कुछ ऐसे बिता रहा है दिन वो, एक दफ्तर का बाबू, जो गालियां देता था सरकार को छुट्टियों के लिए, अब रू-ब-रू हो गया है, सरकार छुट्टी क्यों नहीं देती थी। असमंजस में हैं वो दफ्तर का बाबू कुछ हैरान, कुछ परेशान। स्वरचित कविता तेजस्विनी ❣️🖋️ #lockdown एक दफ्तर का बाबू #situation #Waqt✍️💯 Kapil Nayyar
#lockdown एक दफ्तर का बाबू #situation Waqt✍️💯 Kapil Nayyar
read moreपुरुषोत्तम तिवाड़ी
इश्क का होना भी लाजमी हैं शायरी के लिए , वरना कलम लिखती तो दफ्तर का बाबू भी ग़ालिब होता
इश्क का होना भी लाजमी हैं शायरी के लिए , वरना कलम लिखती तो दफ्तर का बाबू भी ग़ालिब होता
read moreDanish Sofiya
इश्क़ होना भी लाज़मी है शायरी लिखने के लिए वरना. कलम ही लिखती तो हर दफ्तर का बाबू ग़ालिब होता इश्क़ होना भी लाज़मी है शायरी लिखने के लिए वरना. कलम ही लिखती तो हर दफ्तर का बाबू ग़ालिब होता
इश्क़ होना भी लाज़मी है शायरी लिखने के लिए वरना. कलम ही लिखती तो हर दफ्तर का बाबू ग़ालिब होता
read moreश्रवण सिंह
मोहब्बत थी, इसलिए सरकारी दफ्तर का बाबु बन गया.. अगर जिद्द होती, तो तुम्हारे हाथों में मेरी किताब होती। - श्रवण सिंह मोहब्बत थी, इसलिए #सरकारी दफ्तर का #बाबु बन गया.. अगर जिद्द होती, तो तुम्हारे हाथों में मेरी किताब होती। - श्रवण सिंह
Ajayy Kumar Mahato
इश्क़ होना भी जरूरी है साहब, शायरी के लिए.......!!! कलम लिखती तो..... दफ्तर का बाबू भी ग़ालिब होता....!!! ©Ajayy Kumar Mahato इश्क़ होना भी जरूरी है साहब, शायरी के लिए.......!!! कलम लिखती तो..... दफ्तर का बाबू भी ग़ालिब होता....!!! #Love #BreakUp #Heart #heartbroken
इश्क़ होना भी जरूरी है साहब, शायरी के लिए.......!!! कलम लिखती तो..... दफ्तर का बाबू भी ग़ालिब होता....!!! #Love #BreakUp #Heart #heartbroken
read moreDr Jayanti Pandey
यह हर दफ्तर का हिस्सा है बस नौ से पांच का क़िस्सा है। यह हर दफ्तर का हिस्सा है बस नौ से पांच का क़िस्सा है। जो दफ्तर में अकड़े अकड़े से हैं वो अपनी ही कुंठा में जकड़े से हैं। कुछ मकरंद सूंघत
यह हर दफ्तर का हिस्सा है बस नौ से पांच का क़िस्सा है। जो दफ्तर में अकड़े अकड़े से हैं वो अपनी ही कुंठा में जकड़े से हैं। कुछ मकरंद सूंघत
read moreVivek .
मै और तुम प्रिये अंतिम पार्ट कृपया कॅप्शन में देखो जी 🙏🙏👍👍😂😂 ©Vivek .... मै शेर दो लाईन्स का अनसूना तू प्यार की महाभारत प्रिये शादी की निमंत्रण पत्रिका सजाई हुई तू मै चोरी छिपे प्यार की फटी चीट्टी प्रिये मै बावरा
मै शेर दो लाईन्स का अनसूना तू प्यार की महाभारत प्रिये शादी की निमंत्रण पत्रिका सजाई हुई तू मै चोरी छिपे प्यार की फटी चीट्टी प्रिये मै बावरा
read moreVandana
ताका झांकी कानाफूसी करने मे आता सबको आनंद खुद का जैसा भी हो,, दूसरे की बैंड बजने में आता परम आनंद,,, बिजली जाने में झांके दूजे के घर समस्या क्या है नहीं करते वो हल,,, पड़ोसी की भी गई है लेते चैन की सांस बिजली दफ्तर का नंबर नहीं किसी के पास खाली बैठे हैं तो कानाफूसी कर लेते हैं दूसरे की कुछ बुराइयां देखकर सुकून ले लेते हैं,,,, पूरा कैप्शन में,, हंसना भी जरूरी है हास्यापद कविता,,, ताका झांकी कानाफूसी करने मे आता सबको आनंद खुद का जैसा भी हो,, दूसरे की बैंड बजने में आता परम आनंद,,, ब
हंसना भी जरूरी है हास्यापद कविता,,, ताका झांकी कानाफूसी करने मे आता सबको आनंद खुद का जैसा भी हो,, दूसरे की बैंड बजने में आता परम आनंद,,, ब
read morePriya Gour
हिंद अपनी शान है हिंद अपना मान है हिंद के वास्ते जान भी कुर्बान है पूछा मैंने फौजी से क्यों बने हो तुम हिंद के पहरेदार कहा फिर फौजी साहब ने भारत मां के लाल है भारत मां का फर्ज हम चुकायेगे सरहद की हीफाजत करेगे दुश्मनों से देश को बचायेगे फिर सवाल किया मैंने आपको मृत्यु या अपनों के लिए डर भी नहीं लगता फिर फौजी साहब हँसकर बोले मृत्यु रानी आ गई तो तिरंगा तो पाएंगे अपनों को फिर भारत माता तुम संभालो कहकर चले जाएगे मैं मौन रह गयी उनकी बात सुनकर शौर्य और वीरता का एहसास हुआ... फिर आया मन में विचार की क्यों आजादी के लिए अग्रेजों से लडे़ थे वो स्वतंत्रता सेनानी फिर पढा उनको जिन्हे पढ़ कर मुझे भारतीय होने का हुआ अभिमान, इस हिंद के तो वास्ते स्वर्ग भी ठुकरा देंने को थे वो तैयार, हर बार यही जन्म लेंगे देश की खातिर खून अपना बहा देंगे ना देश को झुकने दिया है ना कभी झुकने देंगे, फिर मेरा मन और गर्वित हो गया की जिस आजादी के लिए उन्होने संघर्ष किया वो हम पा लिये... अनुशीर्षक अवश्य पढियेगा #independenceday2020 फिर मुझे याद आया आज का मानव मैंने सोचा इनसे भी तो पूछा जाए क्यों खास है 15 augustतुम्हारे लिए, सबके थे अलग विचार सुनकर
#independenceday2020 फिर मुझे याद आया आज का मानव मैंने सोचा इनसे भी तो पूछा जाए क्यों खास है 15 augustतुम्हारे लिए, सबके थे अलग विचार सुनकर
read more#mai_bekhabar
ये मेरी पहली कोशिश है एक कहानी लिखने की जिसका पहला भाग अब आपके सामने है. अनुशीर्शक् मे पढ़े और जैसी भी लगे ज़रूर बताये. कहानी का शीर्षक है "पहली कमाई" जब मेरी पहली त्वनखा मेरे हाथ आयी थी तो आज भी याद है मुझे कितना खुश था मै. दफ्तर का समय तब 5 बजे खतम होता था, लेकिन उस दिन थोड़ा काम ज्यादा थ
जब मेरी पहली त्वनखा मेरे हाथ आयी थी तो आज भी याद है मुझे कितना खुश था मै. दफ्तर का समय तब 5 बजे खतम होता था, लेकिन उस दिन थोड़ा काम ज्यादा थ
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