Find the Latest Status about अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध की कविता from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध की कविता.
SB Shivam Mishra
देख कर बाधा विविध, बहु विघ्न घबराते नहीं। रह भरोसे भाग के दुख भोग पछताते नहीं काम कितना ही कठिन हो किन्तु उकताते नही भीड़ में चंचल बने जो वीर दिखलाते नहीं।। –📝 अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध ©SB Shivam Mishra -📝अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध
-📝अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध #शायरी
read moreKiran Tiwari
अयोध्या सिंह उपाध्याय (हरिऔध) की लिखी कविता........................👇 #UnlockSecrets #एक बूँद
read morePrabhu Dayal Hans
एक तिनका । अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध । हिंदी की दुनिया #एकतिनका #अयोध्यासिंहउपाध्यायहरिऔध #हिंदीकीदुनिया #Poetry
read moreShailendra Singh Yadav
अब नहीं हैं। दिखते वो जो साथ। रहते थे। उम्मीद थी कभी। वो साथ देंगे पर। दूर हो गये। कविः-शैलेन्द्र सिंह यादव,कानपुर। शैलेन्द्र सिंह यादव की कविता।
शैलेन्द्र सिंह यादव की कविता।
read moreShailendra Singh Yadav
अंग टूटा अंग लगे अंग गिरा अंग अंग ढीला हुआ अंग फड़के अंग अंग फूले न समाये । अंगार सिर धरे अंगार बरसे अंगार उगले अंगारों पर लोटे अंगारों पर पैर रखे जाये। अंगुली पर नचाये अंगुली पकड़कर पहुंचा पकड़े आंगूठा चूमे अंगूठा दिखाये। अंगूठी का नगीना अंगूठे पर मारा अंगूर खट्टे हुये अस्थि पंजर ढीले हुये अंतड़ियाँ गले पड़ी अंधाधुंध लुटाये। अंतड़ियों में बल पड़ा अंधेरे में रखा अंधेरे घर का उजाला अंधेरे में तीर चलाये। अक्ल का दुश्मन अक्ल का पुतला अक्ल का अंधा अक्ल के पीछे लाठी लिये फिरे अक्ल चकराये।। कवि:-शैलेन्द्र सिंह यादव (राजू ),कानपुर। ©Shailendra Singh Yadav शैलेन्द्र सिंह यादव की कविता।
शैलेन्द्र सिंह यादव की कविता।
read moreShailendra Singh Yadav
मायूसी क्यों है। उदास हर कोई। परेशान है। रिश्ते जुड़ते। नहीं टूट जाते हैं। तोड़ना आसान। फिक्र किसको। दिल में जो फर्क है। नफरत है। कवि-शैलेन्द्र सिंह यादव,कानपुर। शैलेन्द्र सिंह यादव की कविता।
शैलेन्द्र सिंह यादव की कविता।
read moreShailendra Singh Yadav
आजकल उनकी याद बहुत आती है। जब याद बहुत आती है तो मुलाकात याद आती है। जो उनसे की थी वो हर बात याद आती है। फिसलते थे रपटते थे भीगते थे भागते थे वो बरसात याद आती है। बात बात पर बस उनकी याद आती है। उनके बिना नींद नहीं आती है बस काली रात आती है। कविः-शैलेन्द्र सिंह यादव,कानपुर। शैलेन्द्र सिंह यादव की कविता।
शैलेन्द्र सिंह यादव की कविता।
read moreShailendra Singh Yadav
वो तो अपनी नींद सोते रहे। उनके खयाल में हम रात भर रोते रहे। उन्होऩे अपना ठिकाना कर लिया। अब तब करके उन्होने अपने अरमां निकाले इस दिल को बेगाना कर दिया। जो बोलते थे सदा अट पट। आखिर में कर बैठे खट पट। कवि:-शैलेन्द्र सिंह यादव शैलेन्द्र सिंह यादव की कविता
शैलेन्द्र सिंह यादव की कविता
read more