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Sunsa Kerapa
खेतिहर किसान अपा - खेती कर जान्दा ए , मखां सुण काम बोली - किय्या कर जान्दा ए , अक मेरी आश - ऊही रब मेरे साथ हो , मैहनत कराच्छे मैनु - फैर वि फल ऊके हाथ हो , कर्ज में डुबा जै तो - फाँसी वी मैं खान्दा ए ! खेतिहर....1 ऐ गल वि पुराणी - मेनू कैन्दे अन्न दाता ए , इज्जत ना मिले - फैर काँहि का ऐ दाता ए , मैंहगी मैहंगी कारा विच घुमे खुन चुसणीया फैर वि - ओद्दे घर अन्न वि लिजान्दा ! खेतिहर....2 होर हून्दी अपणी - कमजोरी ऐ समाज विच , किसाना दा पुत्त बोले वर्द्दि ने न्यु पैहणके - बापु धोरे पाछे हट्ट , फसला दा डाल माखां माड़ा आच्छा हाल हो ओहि देख - अपा सारा सल कढ़ जान्दा ए ! खेतिहर....3 खेतिहर किसान अपा खेती कर जान्दा ए , मखां सुण काम बोली किय्या कर जान्दा ए , खेतिहर........ ( 3 ) बार
Mishra Kaushal
इस बारिश से होता तो कुछ नही मुझे... फिर भी इक हसीं ख्वाब आ ही गया आज! कोई आये और कह जाये..... तोहार भूसवा भीजत बा,चला रखिवाय दी...!! #खेतिहर #बारिश #खेती_खसमा_सेती #misralove #misraword
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read morePritam Singh
💐 जय किसान💐 कोरोना की इस महामारी ने खोली पोल दुनिया की। जड़ें खोखली हो चुकी इंसानो में ईमान की। सरकारो ने दिया आदेश ,बन्द करो सब धंधो को। तभी बच पाओगे तुम सब फैले इन कोरोना के पंजों से।। अमीर गरीब सब ने था माना , हुकुम जो निकला सरकार का। काला बाजारी हुई शुरू, जब ईमान बिका साहूकार का। 10 रू का आटा 50 रु में बिकने को मंजूर हुआ। इतना रेट बढ़ने से ही, गरीबों की थाली से वो दूर हुआ।। क्यो बढा था भाव, जब भाव गेहूँ का बढ़ा नहीं। किसी ने आवाज लगाई, इनके ह्रदय में ईमान नहीं।। बस उस दिन से मेरा नमन उन किसानो को, जिन्होंने बेचा कभी ईमान नहीं।। (प्रीतम सिंह) 💐जय जवान जय किसान💐🙏 #किसान #जय किसान
Jay Shree Ram
किसान मन के तो हे अत्तेक पीरा, तभो ले धरथे जी धीरज के धीरा।। अऊ का बताबे , सहज नई हे, अब्बड़ कठिन हे ये किसानी के बीड़ा। अऊ नमन करव सम्मान करव, येमन हर तो आए हमर देश के हीरा।। येमन तो आए हमर देश के हीरा।। Gajpal ji✍️✍️ ©Jay Shree Ram #किसान #जयजवानजयकिसान #किसान #kisandivas
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read morePritam Singh
खेत थे हरे भरे , और हरा भरा था खलिहान। देख के ये सब, बोहत खुश था किसान।। अरमानों के सजाये सपने , घर इस साल पक्के होंगे अपने। तभी आसमान में कड़की बिजली, बादलों का अंबार था। उस तेज बारिश में जो बहा, अरमानो का संसार था। पक्का तो दूर,जो कच्चा था वो भी रहा नहीं। जो सहता है किसान वो किसी ने सहा नहीं।। (प्रीतम सिंह) #किसान #farmer किसान के अरमान