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Rohit Tejaswi
एक इतिहास पुरानी है। हां, वो एक रानी हैं।। जिनकी अमिट निशानी है। हां, वो रानी लक्ष्मीबाई की ही कहानी है। ©Rohit Tejaswi #रानी लक्ष्मीबाई ✒️
रानी लक्ष्मीबाई ✒️ #शायरी
read moreANKUR BHARADWAJ
था मोह नहीं उसे जीवन का रे मौत भी जिसकी दासी थी थी भूख उसे स्वराज्य की वह तो शत्रु के खून की प्यासी थी पूरा ब्रिटिश साम्राज्य भी मिलकर ना रोक सका जिस आंधी को......... गोरो के हाथ मरने से अच्छा स्वप्राण लेने कि वह अभिलाषी थी Jhansi ki rani Lakshmi bai #solace #रानी लक्ष्मीबाई पुण्यतिथि
स्मृति.... Monika
जिसके जन्म से धन्य हुआ काशी का कण-कण वीरोचित गुणों से भरा हुआ था जिसका बचपन मृदुल, कठोर और साहस का थी वह अद्भुत संगम बन झांसी की लक्ष्मी उसने लहराया परचम कुछ कुटिल फिरंगियों ने मिलकर ज़ब किया प्रहार झांसी के जन-जन में व्याप्त था हाहाकार "मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी" कहा था उसने भर हूंकार जो दे गई जान की बाजी सुन धरती की पुकार लक्ष्मी थी, काली थी,दुर्गा थी, थी वह नारी शक्ति सिखा गई जो अपने पराक्रम से अनुपम देशभक्ति ऐसी अमर वीरांगना को नमन करें 'स्मृति' बार-बार कभी ना कम होगा रानी के लिए बुंदेलों का प्यार || जन्मदिवस की अशेष बधाई ©स्मृति.... Monika #रानी लक्ष्मीबाई जन्म दिवस#2023
स्मृति.... Monika
जिसके जन्म से धन्य हुआ काशी का कण-कण वीरोचित गुणों से भरा हुआ था जिसका बचपन मृदुल, कठोर और साहस का थी वह अद्भुत संगम बन झांसी की लक्ष्मी उसने लहराया परचम कुछ कुटिल फिरंगियों ने मिलकर ज़ब किया प्रहार झांसी के जन-जन में व्याप्त था हाहाकार "मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी" कहा था उसने भर हूंकार जो दे गई जान की बाजी सुन धरती की पुकार लक्ष्मी थी, काली थी,दुर्गा थी, थी वह नारी शक्ति सिखा गई जो अपने पराक्रम से अनुपम देशभक्ति ऐसी अमर वीरांगना को नमन करें 'स्मृति' बार-बार कभी ना कम होगा रानी के लिए बुंदेलों का प्यार || जन्मदिवस की अशेष बधाई ©स्मृति.... Monika #रानी लक्ष्मीबाई जन्म दिवस#2022
Anamika chaudhary(anushka)
खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी अकेली नारी सब पर भारी थी मराठा कि शान और झाँसी का अभिमान थी वो रणभुमि मे अकेले रहकर देवी माँ का रुप थी वो अग्रेंजो का खौफ,एक नारी की प्रतिभा थी वो तमाम शक्तियो से भरी हुई भारत माता की प्रतिरुप थी वो क्या लिखुं मैं उनकी गाथा ,वो तो अपने में ही एक गाथा हैं हजार नारीयों से बनी हुई वह तो झाँसीकि भाग्य विधाता हैं करती हुँ झुककर मैं अति सम्मान इनका इतिहास में सदा रहेगा नाम इनका आज की नारीयां इनसे प्रेरित होंगी,अपने ऊपर आने वाली बाधा को दुर करेगी... इस वीरगंना को याद करेगीं, और देश में अपना नाम करेगीं... रानी लक्ष्मीबाई को सत् सत् नमन
रानी लक्ष्मीबाई को सत् सत् नमन
read moreस्मृति.... Monika
शीर्षक -वह कलिका नहीं कटारी थी खुद के प्राणों से भी ज्यादा झाँसी जिसको प्यारी थी अदम्य साहस से भरी हुई वह कलिका नहीं कटारी थी | अंग्रेजो को धूल चटाने की उसने मन में ठानी थी सच्ची वीरांगना थी वह तो वीरों में वह मर्दानी थी || बचपन से ही निडर,सिंहनी वह अपने मन की रानी थी मातृभूमि के प्रति प्रेम था सच्चा वह सबसे बड़ी बलिदानी थी || झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस के उपलक्ष्य में समर्पित मेरी यह कविता ©स्मृति...✍️(18-6-21) ©स्मृति.... Monika #झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस पर
#झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस पर
read moreBhamu Ji official
रानी लक्ष्मीबाई मराठा शासित झाँसी राज्य की रानी और 1857 की राज्यक्रान्ति की द्वितीय शहीद वीरांगना थीं। उन्होंने सिर्फ 29 वर्ष की उम्र में अंग्रेज साम्राज्य की सेना से युद्ध किया और रणभूमि में वीरगति को प्राप्त हुईं। बताया जाता है कि सिर पर तलवार के वार से शहीद हुई थी लक्ष्मीबाई। जन्म की तारीख और जगह: 19 नवंबर 1828, वाराणसी मृत्यु की जगह और तारीख: 18 जून 1858, ग्वालियर पूरा नाम: मणिकर्णिका पति: राजा गंगाधर राव नेवलकर (विवा. 1842–1853) बच्चे: दामोदर राव, आनंद राव माता-पिता: मोरोपन्त तांबे, भागीरथी सपरे ©Bhamu Ji official झाँसी की निर्भीक रानी लक्ष्मीबाई को नमन #letter
झाँसी की निर्भीक रानी लक्ष्मीबाई को नमन #letter
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