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Stories related to वीज़ा इंक

    LatestPopularVideo

Dr.j.p.singh motivational speaker writer

इंक कंपनी में भीषण आग लगी #Videos

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Rahul Raj

गुनाह तो वीज़ा पासपोर्ट का था, सज़ाए दर बदर राशनकार्ड हो गए #corona #IndiaFightsCorona #youth #Change #poor #विचार

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राहुल राज गुनाह तो वीज़ा पासपोर्ट का था,
सज़ाए दर बदर राशनकार्ड हो गए
#Corona #IndiaFightsCorona 
#youth #change #poor

Mukesh Poonia

#NatureQuotes #जीवन एक #पेन की #भांति है #इंक #खत्म हो उससे पहले अपनी #कहानी #लिख दो #विचार

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Manish Samrat

भाग (2) इस वीडियो में बताया गया है घर बनाते समय सही इंक कैसे चुनी जाए जिससे हमारी घर की दीवारें मजबूत हो

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Ram Kumar

जिसे दिल की कलम ओर मोहब्बत की इंक कहते है, जिसे लम्हों की किताब ओर यादों का कवर कहते है, यही वो सब्जेक्ट है जिसे Friendship कहते है। Read M

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जिसे दिल की कलम ओर मोहब्बत की इंक कहते है, जिसे लम्हों की किताब ओर यादों का कवर कहते है, यही वो सब्जेक्ट है जिसे Friendship कहते है। जिसे दिल की कलम ओर मोहब्बत की इंक कहते है, जिसे लम्हों की किताब ओर यादों का कवर कहते है, यही वो सब्जेक्ट है जिसे Friendship कहते है।

Read M

Unconditiona L💓ve😉

❤ देखो न तुम मेरे रातरानी ❤.. मैं निशा तुम्हारे बिना अस्तित्वहीन काली अंधकार से भर जाता हूँ ❤एक तेरी शीतल चन्द्रमा की छटक से,मैं पुनः जीन #feelings #yqdidi #रातकाअफ़साना #rzhindi #रातरानी_की_एहसासों_में_कविताएं #अल्फ़ाज़_प्रेम_के_प्रेम_से_तुम_तक❤😇 #asecretwriter

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🌠निशा की चाँद🌠 
वह कुछ यूं तन्हा छोड़ गये हमको _वैसे जाना न था
कैसे जाये सनम, तेरे पास जाने का भी_कोई बहाना न था

तुझे रोक सके_ऐसे कोई अधिकार भी तो नहीं दिये तुमनें प्यारी 
कितनी बेरूखी से बातें की_क्या छोड़ने का कोई और बहाना न था

सुबह  पंछी  की चह-चाहट पे_तुम जो तारीफों की महफ़िल सजाते थे 
प्रेम बिन  ये पंछी तड़प रहा है_तेरे जाने के बाद, छत पे जो दाना न था
👁️‍                                  👁️‍
इतनी निष्ठुर तो नहीं थी तुम,एक नजर देखो हमें,जीं जायेंगे मरते-मरते
अगर मारना ही था मासूम को_मोहब्बत से जीना सीखाना न  था
                  💧                                 💧                    
देखो आँखों को नम किये लिख रहे हैं जज़्बात अपने_
जो कभी बया न कर सके तुमसे_जो किसी को बताना न था
🔙🔜
तुम ही तुम हो ख्वाबों और होंशी में मेरे हमदम 
वर्ना मदहोशी का पहले ऐसा कोई ज़माना न था

दिल का क्या है ये तो मासूम बंजारा है_प्रिये 
जो अब तुझमें ठहरी है_जिसका कोई ठिकाना न था

आखिर तेरी मोहब्बत में हारकर_जीत मेरी ही हुई "दीवानी"
एक दिन तुम भी कहोगी देख लेना_मेरी निशा सा कोई दीवाना न था  

❤  देखो न तुम मेरे रातरानी ❤.. मैं निशा तुम्हारे बिना अस्तित्वहीन काली अंधकार से भर जाता हूँ
❤एक तेरी शीतल चन्द्रमा की छटक से,मैं पुनः जीन

एकान्त

जिंदगी के बिखरे पन्नो की किताब पढ़ने बैठा था न जाने कब कैसे यादों के शब्दकोष से कुछ अल्फ़ाज़ बिखर गए उन पलों से रु-ब-रु करा गए जो जिए थे कभी त #एकान्त #सफ़र_ए_इश्क़नामा

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जिंदगी के बिखरे पन्नो की
किताब पढ़ने बैठा था
न जाने कब कैसे 
यादों के शब्दकोष से
कुछ अल्फ़ाज़ बिखर गए
उन पलों से रु-ब-रु करा गए जो
जिए थे कभी तुम्हारे साथ

(पढ़िए पूरी कविता कैप्सन में) जिंदगी के बिखरे पन्नो की
किताब पढ़ने बैठा था
न जाने कब कैसे 
यादों के शब्दकोष से
कुछ अल्फ़ाज़ बिखर गए
उन पलों से रु-ब-रु करा गए जो
जिए थे कभी त

एकान्त

जिंदगी के बिखरे पन्नो की किताब पढ़ने बैठा था न जाने कब कैसे यादों के शब्दकोष से कुछ अल्फ़ाज़ बिखर गए उन पलों से रु-ब-रु करा गए जो जिए थे कभी त #एकान्त #सफ़र_ए_इश्क़नामा

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जिंदगी के बिखरे पन्नो की
किताब पढ़ने बैठा था
न जाने कब कैसे 
यादों के शब्दकोष से
कुछ अल्फ़ाज़ बिखर गए
उन पलों से रु-ब-रु करा गए जो
जिए थे कभी तुम्हारे साथ

#सफ़र_ए_इश्क़नामा
(पढें पूरी कविता कैप्सन में) जिंदगी के बिखरे पन्नो की
किताब पढ़ने बैठा था
न जाने कब कैसे 
यादों के शब्दकोष से
कुछ अल्फ़ाज़ बिखर गए
उन पलों से रु-ब-रु करा गए जो
जिए थे कभी त

Rohit Thapliyal (Badhai Ho Chutti Ki प्यारी मुक्की 👊😇की 🙏)

आज का ज्ञान    
जैसा इंक का रंग होगा,
वैसा ही रंग कलम की नोक से निकलेगा!
ठीक इसी तरह
जैसा भी हमारे मन रूपी इंक का रंग रूपी भाव होगा,
ठीक वैसा ही हमारे शरीर रूपी कलम से जाने-अनजाने बड़े ताव से निकलेगा!

उदहारण के लिये-
जैसा कि
सभी महान लोग कहते हैं कि-
"किसी भी बच्चे के मन में प्रेम और क्रोध का भाव होता है!
जोकि उसे प्रकृति द्वारा वरदान के रूप में मिलता है!
लेकिन
परिवार, समाज, शिक्षा और धर्म की शाखाएँ
मनुष्य का भला करने के चक्कर में जाने-अनजाने में
इन दोनों भावों को बुरा समझ कर दबाने में अपना योगदान देती हैं!
फिर
जब उन दबे भावों का समाज में ज्वालामुखी बनकर
विस्फोट होने लगता है,
तो फिर यही शाखाएँ एक-दूसरे की परवरिश में आरोप लगाने लग जाती हैं!
यानी कि
हम लोग जाने-अनजाने में खुद ही समाज में फैली गुत्थियों (समस्याओं) का बीज बो रहे हैं,
और फिर इन गुत्थियों से छुट्टी पाने के लिये किसी चमत्कार की झूठी आशा कर रहे हैं!"

_बधाई हो छुट्टी की by रोहित थपलियाल जैसा इंक का रंग होगा,
वैसा ही रंग कलम की नोक से निकलेगा!
ठीक इसी तरह
जैसा भी हमारे मन रूपी इंक का रंग रूपी भाव होगा,
ठीक वैसा ही हमारे शरीर

Akhil Arya

प्रिये।।।। मैं मीठा ताजा शर्बत हूँ, तुम ठंडा वाला ड्रिंक प्रिये। मैं स्याही क़लम दवात ही हूँ, तुम पाइप में पड़ी इंक प्रिये। मैं ठंडक खिड़की व #yqbaba #yqdidi #yqtales #yqdada #yqhindi #yqquotes #akhil_arya #yqaestheticthoughts

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मैं मीठा ताजा शर्बत हूँ, तुम ठंडा वाला ड्रिंक प्रिये।

मैं स्याही क़लम दवात ही हूँ, तुम पाइप में पड़ी इंक प्रिये।

मैं ठंडक खिड़की वाला हूँ,तुम टैल्कम वाला मिंट प्रिये।

मैं पानी वाला कुआं सही, तुम मुँह धोने का सिंक प्रिये।

मैं आसमान सा सरल सजग, तुम सागर जैसी चंचल हो।

मैं सर के साए जैसा हूँ, तुम माँ का जैसे आँचल हो।

ये हृदय प्रेम में विचलित है, तुम मेरे हृदय की जान प्रिये।

तुम अपने घर की परी सही, मैं अपने घर की शान प्रिये।

मैं जिम्मेदारी से ढका हुआ, तुम आसमान में उड़ती हो।

यह कठिन राह मंजिल मेरी,तुम भी मंजिल में पड़ती हो।

मैं सत्यवान सा सुंदर हूँ, तुम कल की हो हरनाज़ प्रिये।

तुम बेटी रज़िया सुल्ताना, हमको तुम पर है नाज़ प्रिये।

मैं अधरों की काली सुर्खी,तुम उन अधरों की प्यास प्रिये।

मैं हारा थका मुसाफ़िर हूँ, तुम लगती मुझको आश प्रिये।

मैं लकड़ी की कलम सा हूँ, तुम पेंसिल वाली नोंक प्रिये।

तुम बरछी तीर कटारी हो, गर हो हिम्मत तो घोंप प्रिये।

 प्रिये।।।।
मैं मीठा ताजा शर्बत हूँ, तुम ठंडा वाला ड्रिंक प्रिये।

मैं स्याही क़लम दवात ही हूँ, तुम पाइप में पड़ी इंक प्रिये।

मैं ठंडक खिड़की व
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