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वेदों की दिशा
।। ओ३म् ।। कारुरहं ततो भिषगुपलप्रक्षिणी नना । नानाधियो वसूयवोऽनु गा इव तस्थिमेन्द्रायेन्दो परि स्रव ॥ पद पाठ का॒रुः । अ॒हम् । त॒तः । भि॒षक् । उ॒प॒ल॒ऽप्र॒क्षिणी॑ । न॒ना । नाना॑ऽधियः । व॒सु॒ऽयवः॑ । अनु॑ । गाःऽइ॑व । त॒स्थि॒म॒ । इन्द्रा॑य । इ॒न्दो॒ इति॑ । परि॑ । स्र॒व॒ ॥ (कारुः, अहं) मैं शिल्पविद्या की शक्ति रखता (ततः) पुनः (भिषक्) वैद्य भी बन सकता हूँ, (नना) मेरी बुद्धि नम्र है अर्थात् मैं अपनी बुद्धि को जिधर लगाना चाहूँ, लगा सकता हूँ, (उपलप्रक्षिणी) पाषाणों का संस्कार करनेवाली मेरी बुद्धि मुझे मन्दिरों का निर्माता भी बना सकती है, इस प्रकार (नानाधियः) नाना कर्मोंवाले मेरे भाव (वसुयवः) जो ऐश्वर्य्य को चाहते हैं, वे विद्यमान हैं। हम लोग (अनु, गाः) इन्द्रियों की वृत्तियों के समान ऊँच-नीच की ओर जानेवाले (तस्थिम) हैं, इसलिये (इन्दो) हे प्रकाशस्वरूप परमात्मन् ! हमारी वृत्तियों को (इन्द्राय) उच्चैश्वर्य्य के लिये (परि,स्रव) प्रवाहित करें ॥ (Karuh, ego) I have the power of craftsmanship (sic). I can also become a (practitioner) Vaidya again, (Nana) My intellect is meek, that is, I want to direct my intellect, I can plant, (Upalakshrini) who performs the rituals of the stones. My intellect can also make me the creator of temples, thus (Nanadhiyah), those of my deeds with great deeds (Vasuyaivah), who want to have the greatness, exist. We (anu, ga:) are (tasthim) going towards high and low as the instincts of the senses, so (Indo) O God of light! Make our vrittis (sense) flow (pariva, sravana) to the Supreme Being. ( ऋग्वेद ९.११२.३ ) #ऋग्वेद #वेद #कर्मफल_व्यवस्था #कर्मफल #वर्ण #ब्राह्मण #क्षत्रिय #वैश्य #शूद्र
Urmeela Raikwar (parihar)
White तेरी तस्वीरे खींचना चाहता हूं, कैमरा मैं नहीं दिल में रखना चाहता हूँ, ऐसी तस्वीर जिसे सिर्फ मैं देख सकू, दुनिया से छुपाना चाह्ता हूँ ©Urmeela Raikwar (parihar) #World_Photography_Day भोला पांडे अयोध्यावासी @_hardik Mahajan शिवम् सिंह भूमि Ramji Mishra Piyush Yogi
#World_Photography_Day भोला पांडे अयोध्यावासी @_hardik Mahajan शिवम् सिंह भूमि Ramji Mishra Piyush Yogi #लव
read moreangel rai
White काटो के बदले फूल क्या दोगे, आँसू के बदले खुशी क्या दोगे, हम चाहते है आप से उमर भर की दोस्ती रहे, हमारे इस शायरी का जवाब क्या दोगे……..!!! ©angel rai #love_shayari Banamali Jena Deep isq Shayri #lover @djdharmesh___ भोला पांडे अयोध्यावासी sushil puja udeshi
#love_shayari Banamali Jena Deep isq Shayri #lover @djdharmesh___ भोला पांडे अयोध्यावासी sushil puja udeshi #शायरी
read moreVeeru Raj Gupta
Extraterrestrial life Kalki quotes on love quotes motivational quotes in hindi Madhu Gaud sangeeta verma भोला पांडे अयोध्यावासी #R.J..!म
read moreधाकड़ है हरियाणा
#वैश्य महाविधालय के महासचिव सुरेश गुप्ता ने कहा युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए शुरू किए स्किल सेंटर #मोटिवेशनल
read moreRavendra
🇮🇳भारत नेपाल सीमा पर SSB कार्यालय में चेयरमैन रूपईडीहा डॉ उमाशंकर वैश्य द्वारा झंडारोहण किया गया ।🇮🇳 #न्यूज़
read moreRavendra
नगर पंचायत रूपईडीहा के अध्यक्ष पद की शपथ कार्यकाल के सफलतम एक वर्ष व्यतीत होने पर नगर पंचायत रुपईडीहा के अध्यक्ष डॉक्टर उमाशंकर वैश्य जी अ #वीडियो
read moreVashu Ayodhyawashi
like, comment, share ©Vashu Ayodhyawashi सुनो... एक वादा हमनें भी किया था इक-दूजे को क़भी न भूलने का... पर शायद वो वादा और हमें, तुम सबकुछ भूल गई... लेकिन हम कैसे भूल जाते...??? क्यो
सुनो... एक वादा हमनें भी किया था इक-दूजे को क़भी न भूलने का... पर शायद वो वादा और हमें, तुम सबकुछ भूल गई... लेकिन हम कैसे भूल जाते...??? क्यो #शायरी
read moreRavendra
रात्रि प्रबास,कार्यकर्ताओं के साथ चेयर मैन ने की सहभागिता नगर पंचायत रूपईडीहा के वार्ड न . 3 के रानीपुरवा में अनुसूचित बस्ती में प्रवास के द #न्यूज़
read moreIndra patel
धार्मिक समानता??? मनुस्मृति में कहा गया हैं कि चारों वर्ण ब्रह्मा के चार अंग से निकले हैं जैसे ब्राह्मण (मस्तिक मुख से ) क्षत्रिय ( भुजा से ) वैश्य ( जंघा से ) शुद्र ( पैर से ) असमानता से भरा धर्मशास्त्र हैं मनुस्मृति और समस्या ये हैं कि आज भी उच्च जाति( high class) ख़ुद को मनुस्मृति के अनुसार उच्च रूप में देखते हुए गर्व महसूस करती हैं । सच्चाई तो गाँव कस्बों में दिखती हैं शहर तो सफेद झूठ हैं। #NojotoQuote मनुस्मृति में कहा गया हैं कि चारों वर्ण ब्रह्मा के चार अंग से निकले हैं जैसे ब्राह्मण (मस्तिक मुख से ) क्षत्रिय ( भुजा से ) वैश्य ( जंघा स
मनुस्मृति में कहा गया हैं कि चारों वर्ण ब्रह्मा के चार अंग से निकले हैं जैसे ब्राह्मण (मस्तिक मुख से ) क्षत्रिय ( भुजा से ) वैश्य ( जंघा स #thought #SAD #qoute #Critique #manusmriti #inequlity
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