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New नोंदणीकृत मजूर दाखला Quotes, Status, Photo, Video

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    LatestPopularVideo

somnath gawade

चुकीचा 'दाखला'
देऊन कुणी 'दिशाभूल'
करीत असेल तर
त्याच्या शाळेचा
'दाखला' काढून
त्याच्या हातात 
द्यावा.🤣😂 #दाखला

लालचन्द मानव

राजस्थानी कविता - मजूर #Flute #nojotovideo

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Devang shukla

#lovyouforever मजूर: Labour पन्ना: Gemstone

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मैं हुनरमंद लगता हूं खुद को।
जब तुम ध्यान से सुनती हो मुझको।

तुमसे मुलाकात में गुजरा वक्त कुछ यूं लगता है।
जैसे बारिश का मौसम हो और 
जमीदार की उधारी चुकाने को कुछ और महौलत मिली हो मुझको।

तुम्हारे ख्याल मुझे भी आते है।
जब घर के किसी कोने में तुम पूरे दिल से याद करती हो मुझको।

जब कहती हो,"मैं तुम्हारी हूं",कुछ ऐसा लगता है।
जैसे कोयले का मजूर हूं मैं,और पन्ना मिला है मुझको।

"कृष्णा" ऐसा नहीं करते",मैं वो बिलकुल नहीं करता।
मेरे होठों पर रखकर उंगली,जो कहती हो मुझको।


 #lovyouforever
मजूर: Labour
पन्ना: Gemstone

Sandhya Rani Das

आपके हर फैसले
कुबूल है मुझे।।
हां या ना जो भी हो
मंजूर है मुझे।। #yqdidi 
#yqquotes 
#फैसला_ए_इश्क़ 
#जो_भी_हुआ_अच्छा_हुआ 
#सबकुछ #मजूर #है

Sandhya Rani Das

आपके हर फैसले
कुबूल है मुझे।।
हां या ना जो भी हो
मंजूर है मुझे।। #yqdidi 
#yqquotes 
#फैसला_ए_इश्क़ 
#जो_भी_हुआ_अच्छा_हुआ 
#सबकुछ #मजूर #है

Monu Tyagi

अभी तो #दाखला हुआ है #मेरा इन कवियों की बस्ती मेंपहला पन्ना #MeriKavita

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Vinod Umratkar

लॉक डाउन मुळे मजुरांचे जे हाल होत आहे त्यावर मजूरांच्या मनातील एक विनंती ह्या काव्यात जाऊ द्या आम्हाले,आम्हच्या घरी परत। जाऊ द्या आम्हा

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जाऊ द्या आम्हाले,आम्हच्या घरी परत।

जाऊ द्या आम्हाले,आम्हच्या घरी परत।
कोरोनानं गोठवल, आम्हचं सारं रगत ।

कामधंदे पडले बंद, हातचं बी आलं सरत
इक टाईमच्या जेवणाले आम्ही आहे झुरत।

लॉकडाऊन चालले दिवसादिवस वाढत।
तस तसं जगण्याची चिंता आहे वाढतं ।

रोग कोरोना मोठा आम्हाले बी समजत।
पण पोटाच्या भुकेले कुठं काय कळतं।

आम्ही मजूर आहे ,तुम्हा विनंती करत।
जाऊ द्या आम्हाले आम्हच्या घरी परत। लॉक डाउन मुळे मजुरांचे जे हाल होत आहे 
त्यावर मजूरांच्या मनातील एक विनंती
ह्या काव्यात 


जाऊ द्या आम्हाले,आम्हच्या घरी परत।

जाऊ द्या आम्हा

Vidhi

#किसान #विदर्भ #yqdidi खनकती जेब चंद सिक्के फंटे होंठ सूखा चेहरा आधी मुस्कान बासी रोटी

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खनकती जेब
चंद सिक्के
फंटे होंठ
सूखा चेहरा
आधी मुस्कान

......
(कैप्शन में) #किसान #विदर्भ #YQdidi

खनकती जेब
चंद सिक्के
फंटे होंठ
सूखा चेहरा
आधी मुस्कान
बासी रोटी

🇮🇳always_smile11_15

पहली बार में अपने शहर को छोड़ 85km दूर एक यूनिवर्सिटी में मास्टर डीग्री के लिए apply की थी। सेलेक्ट लिस्ट को चेक करने पहली बार में उस शहर पह

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༶•┈┈⛧┈♛🖤♛┈⛧┈┈•༶
"भद्रपुस्र्ष" मुखोटा डाल तुम जो करते हों अहित
उन से भले तो "अभद्रपुरुष" जो करते हैं सब के हित 
always🌸smile

©🇮🇳always_smile11_15 पहली बार में अपने शहर को छोड़ 85km दूर एक यूनिवर्सिटी में मास्टर डीग्री के लिए apply की थी। सेलेक्ट लिस्ट को चेक करने पहली बार में उस शहर पह

@Devidkurre

वाणी मेरी नही लेकिन विचार इनके जैसे ही है किसकी है जनवरी, किसका अगस्त है? कौन यहां सुखी है, कौन यहां मस्त है? सेठ है, शोषक है, नामी गला-क #बाबा_नागार्जुन

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किसकी है जनवरी, किसका अगस्त है? 
कौन यहां सुखी है, कौन यहां मस्त है? 
सेठ है, शोषक है, नामी गला-काटू है 
गालियां भी सुनता है, भारी थूक-चाटू है 
चोर है, डाकू है, झूठा-मक्कार है 
कातिल है, छलिया है, लुच्चा-लबार है 
जैसे भी टिकट मिला, जहां भी टिकट मिला
शासन के घोड़े पर वह भी सवार है 
उसी की जनवरी छब्बीस 
उसीका पन्द्रह अगस्त है 
बाकी सब दुखी है, बाकी सब पस्त है 
कौन है खिला-खिला, बुझा-बुझा कौन है 
कौन है बुलंद आज, कौन आज मस्त है 
खिला-खिला सेठ है, श्रमिक है बुझा-बुझा 
मालिक बुलंद है, कुली-मजूर पस्त है 
सेठ यहां सुखी है, सेठ यहां मस्त है 
उसकी है जनवरी, उसी का अगस्त है 
पटना है, दिल्ली है, वहीं सब जुगाड़ है 
मेला है, ठेला है, भारी भीड़-भाड़ है 
फ्रिज है, सोफा है, बिजली का झाड़ है 
फैशन की ओट है, सबकुछ उघाड़ है 
पब्लिक की पीठ पर बजट का पहाड़ है 
गिन लो जी, गिन लो, गिन लो जी, गिन लो 
मास्टर की छाती में कै ठो हाड़ है! 
गिन लो जी, गिन लो, गिन लो जी, गिन लो 
मज़दूर की छाती में कै ठो हाड़ है! 
गिन लो जी, गिन लो, गिन लो जी, गिन लो 
घरनी की छाती में कै ठो हाड़ है! 
गिन लो जी, गिन लो, गिन लो जी, गिन लो 
बच्चे की छाती में कै ठो हाड़ है! 
देख लो जी, देख लो, देख लो जी, देख लो 
पब्लिक की पीठ पर बजट का पहाड़ है! 
मेला है, ठेला है, भारी भीड़-भाड़ है 
पटना है, दिल्ली है, वहीं सब जुगाड़ है 
फ्रिज है, सोफा है, बिजली का झाड़ है 
फैशन की ओट है, सबकुछ उघाड़ है 
महल आबाद है, झोपड़ी उजाड़ है 
गऱीबों की बस्ती में उखाड़ है, पछाड़ है 
धत् तेरी, धत् तेरी, कुच्छों नहीं! कुच्छों नहीं 
ताड़ का तिल है, तिल का ताड़ है 
ताड़ के पत्ते हैं, पत्तों के पंखे हैं 
पंखों की ओट है, पंखों की आड़ है 
कुच्छों नहीं, कुच्छों नहीं 
ताड़ का तिल है, तिल का ताड़ है 
पब्लिक की पीठ पर बजट का पहाड़ है! 
किसकी है जनवरी, किसका अगस्त है! 
कौन यहां सुखी है, कौन यहां मस्त है! 
सेठ ही सुखी है, सेठ ही मस्त है 
मंत्री ही सुखी है, मंत्री ही मस्त है 
उसी की है जनवरी, उसी का अगस्त है।

#बाबा_नागार्जुन वाणी मेरी नही लेकिन विचार इनके जैसे ही है 
किसकी है जनवरी, किसका अगस्त है? 
कौन यहां सुखी है, कौन यहां मस्त है? 
सेठ है, शोषक है, नामी गला-क
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