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aditi the writer
White तू तन्हाइयों में छिपा है पर मेरी रूबाइयों में बसा है मोहब्बत है तुमसे क्योंकि तू इस दिल में टिका है ©aditi the writer #good_night Sethi Ji Kumar Shaurya आगाज़ Raj Sabri
#good_night Sethi Ji Kumar Shaurya आगाज़ Raj Sabri
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White हाय तेरी फुलझड़ी तुझे बुला रही है, साथ में तुझे सपने बड़े दिखा रही है। कहीं आंख न खुल जाए तुम्हारी, फेविकोल से बंद करना आंखे। कहीं सपना टूटने पर दिल न टूट जाए अदिति जैन ©aditi the writer #Funny आगाज़ OZL Raj Sabri
#Funny आगाज़ OZL Raj Sabri
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White खो गई हंसी बन गया रेगिस्तान बंजर जमीं पर नहीं बन सकता खुशियों का आसमान ©aditi the writer #good_night .......... आगाज़ shraddha.meera Raj Sabri 13ra__Rao
#good_night .......... आगाज़ shraddha.meera Raj Sabri 13ra__Rao
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White आँखों से जो बहे, वो सच हैं दिल की गहराईयों में छुपे दुख हैं। हर बूंद में छिपी एक कहानी है, जिंदगी की कड़वी सच्चाई की निशानी है। बेवजह नहीं गिरते ये आँसू, बेबसी का इज़हार हैं ये आँसू। कभी हंसी में, कभी ग़म में ढलते, ये ख़ामोश दर्द की जुबान हैं चलते। कभी यादों का बोझ बनकर आते, कभी हसरतों का भार बढ़ाते। पर ये आँसू ही हैं, जो बतलाते, कि दिल अभी ज़िंदा है, धड़कते जाते। सच बताते आँसू, जिंदगी का राज़ खोलते, खुशियों की परतों के नीचे दर्द बोलते। हर एक आँसू में छिपी है दास्तान, जो कहती है, "जिंदगी कभी आसान नहीं, इंसान।" ©aditi the writer #आंसू Rajat Bhardwaj vineetapanchal आगाज़ shraddha.meera Raj Sabri
#आंसू Rajat Bhardwaj vineetapanchal आगाज़ shraddha.meera Raj Sabri
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मर्यादा है दहलीज पर, संस्कारों की रेखा गहरी। जहां पग रखते झुक जाते, आदर और प्रेम की लहरी। घर की इज्जत, मान है ये, पीढ़ियों की धरोहर प्यारी। मर्यादा की सीमा रेखा, संभाले हमने सदा से न्यारी। दहलीज के उस पार बसे, संस्कारों का है संसार। जहां रिश्तों की नींव गढ़ी, हर दिल में सम्मान अपार। आगे बढ़े कदम जहां, वहां सदा मर्यादा रहे। यह वो लक्ष्मण रेखा है, जिससे हर घर आबाद रहे। दहलीज की इस लकीर में, छिपा है जीवन का सार। सम्मान से जीना सिखाए, मर्यादा का अद्भुत प्यार। मर्यादा है दहलीज पर, इससे बढ़कर कुछ भी नहीं। जो इसको समझे, माने, वो दुनिया में झुके कहीं। ©aditi the writer #navratri आगाज़ Niaz (Harf) Da "Divya Tyagi" shraddha.meera Raj Sabri
#navratri आगाज़ Niaz (Harf) Da "Divya Tyagi" shraddha.meera Raj Sabri
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White कठपुतली सी जिंदगी, डोर किसी और के हाथ। चलना है उसकी मर्ज़ी, खो जाती अपनी बात। कभी हंसाए, कभी रुलाए, जो चाहे वो कराए, हम बस खेलते हैं किरदार, पर खुद को नहीं पा पाए। रंग-बिरंगी ये दुनिया, सपनों का बाजार, पर पीछे छिपी हैं डोरें, जो करती हैं वार-पार। हर कदम पे नाचते हैं, पर क्यूँ नाचते हैं हम, क्या यही है जिंदगी का सच, या फिर कोई भ्रम? कभी तोड़ें ये डोर, उड़ें आजाद गगन में, खुद के फैसले खुद लें, रहें अपने ही तन-मन में। कठपुतली नहीं हम, इंसान हैं अपनी पहचान से, चलें उस राह पर, जो शुरू हो अपने अरमान से। ©aditi the writer #कठपुतली Niaz (Harf) आगाज़ vineetapanchal Raj Sabri Kundan Dubey
#कठपुतली Niaz (Harf) आगाज़ vineetapanchal Raj Sabri Kundan Dubey
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White कठपुतली सी जिंदगी, डोर किसी और के हाथ। चलना है उसकी मर्ज़ी, खो जाती अपनी बात। कभी हंसाए, कभी रुलाए, जो चाहे वो कराए, हम बस खेलते हैं किरदार, पर खुद को नहीं पा पाए। रंग-बिरंगी ये दुनिया, सपनों का बाजार, पर पीछे छिपी हैं डोरें, जो करती हैं वार-पार। हर कदम पे नाचते हैं, पर क्यूँ नाचते हैं हम, क्या यही है जिंदगी का सच, या फिर कोई भ्रम? कभी तोड़ें ये डोर, उड़ें आजाद गगन में, खुद के फैसले खुद लें, रहें अपने ही तन-मन में। कठपुतली नहीं हम, इंसान हैं अपनी पहचान से, चलें उस राह पर, जो शुरू हो अपने अरमान से। ©aditi the writer #कठपुतली Niaz (Harf) आगाज़ vineetapanchal Raj Sabri Kundan Dubey
#कठपुतली Niaz (Harf) आगाज़ vineetapanchal Raj Sabri Kundan Dubey
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White "लाल तेरे रंग में रंग जाऊं शास्त्री जी, देश के वास्ते अपना तन मन लुटाऊं शास्त्री जी।" बापू तेरे बलिदान पर वारी जाऊं आजादी को आज मैं मान से मना पाऊं हर अधिकार अब मेरा है ना अब फिरंगियों का डेरा है बस भारत मेरा है भारत मेरा है ©aditi the writer #gandhi_jayanti vineetapanchal आगाज़ Niaz (Harf) shraddha.meera Raj Sabri
#gandhi_jayanti vineetapanchal आगाज़ Niaz (Harf) shraddha.meera Raj Sabri
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White कठ-पुतली है या जीवन है जीते जाओ सोचो मत सोच से ही सारी उलझन है जीते जाओ सोचो मत लिखा हुआ किरदार कहानी में ही चलता फिरता है कभी है दूरी कभी मिलन है जीते जाओ सोचो मत नाच सको तो नाचो जब थक जाओ तो आराम करो टेढ़ा क्यूँ घर का आँगन है जीते जाओ सोचो मत हर मज़हब का एक ही कहना जैसा मालिक रक्खे रहना जब तक साँसों का बंधन है जीते जाओ सोचो मत घूम रहे हैं बाज़ारों में सरमायों के आतिश-दान किस भट्टी में कौन ईंधन है जीते जाओ सोचो मत निदा फाजली ©aditi the writer #good_night Niaz (Harf) Kumar Shaurya vineetapanchal आगाज़ Raj Sabri
#good_night Niaz (Harf) Kumar Shaurya vineetapanchal आगाज़ Raj Sabri
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