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Sunil Kumar Maurya Bekhud
कठपुतली नचा रहा कर कोई इशारा नाच रही कठपुतली विवश हुई कुछ कर नहीं सकती उसपर हावी ऊँगली सभी चाहते दुनिया उनके आगे हो नतमस्तक सारा रस पान करें फिर लोग चबाएँ गुठली कोई भी शासन में आए चले उन्हीं का सिक्का ऐसा जाल बना दें जग में जोड़ जोड़ कर सुतली बेखुद कठपुतली कहती है बहुतेरे मुझ जैसे असल खिलाडी कोई और है वो पुतला है नकली ©Sunil Kumar Maurya Bekhud #कठपुतली
Shalini Nigam
अपने "जीवन" की "डोर" अपने "हाथों"में रखो°° क्योंकि.. ऊपरवाले ने हमें "इंसान" बनाया है, "कठपुतली" नहीं.. ©Shalini Nigam #कठपुतली #हाथों #Shayari #Love #Life #Nojoto
Savita Suman
#कठपुतली खुद को हीं बना कठपुतली नचाती रही बंद कर पिंजरे में खुद को हीं सताती रही क्या कहेगी दुनियाँ जब निकलूंगी मन के कारा से यह बात हर पल दिल को सताती रही था वहाँ विस्तृत व्योम कारा के बाहर पर पंख अपने समेट खुद हीं, जलाती रही विद्रोह करता रहा मन इस गहरे अंधियारे का पर समझ इस निशा को अपना मुकद्दर खुद को इस तमस में लिपटाती रही चलता रहा है बर्षों से ये द्वंद्व अन्तर्मन में पर हर बार मना कर खुद को हीं समझाती रही खुद को हीं बना कठपुतली नचाती रही क्यों डोर औरों के हाथों में थमाती रही ©Savita Suman #कठपुतली
अनिता कुमावत
कठपुतली पूरी रचना अनुशीर्षक में .... एक दिन देखा खेल कठपुतली का हँसती , गाती , नाचती , सजी-धजी कितनी ख़ूबसूरत लग रही थी ... तभी मेरी नजर पड़ी उसके चेहरे पर चेहरा उसका निश्तेज शून्य को ताकती सूनी -सूनी सी आँखें उसकी
Poonam Ritu Sen
कठपुतली बना कर कुछ वक्त के लिये ही सही, उसने थामा तो था मेरा हाथ कभी.. #yqbaba #yqdidi #कठपुतली #वक़्त #थामा #हाथ
S. Bhaskar
इशारों पे यहां क़दमों की आहट होती है, और इंसानों को चुप्पी की आदत होती है, हरकते यहां पे उंगलियों की मोहताज होती है, हम कठपुतलियों में ये बात आम होती है। एक हुकुम के गुलाम हम पुतले ही मिलते है, हमारे कदम दूसरों के निशान पे चलते है, हाथ बांध के खड़े क़दमों पे शाम होता है, खता किसी की पर जुबानों पे हमारा ही नाम होता है, हम कठपुतलियों ये बात आम होता है। जुबान छीन लिए है मुझसे मेरे चिल्लाने को, तरस गया है दिल छुट्टी के बहाने को, रोते काठो का यहां कोई हिसाब नहीं होता है, रुला के खेलने वालों का मन सुकून से सोता है, हम कठपुतलियों का अपना जुनून ही छोटा है। यहां काठ भी खुद को सबसे मजबूत समझते है, जो कमजोर है अक्सर वहीं ज्यादा तनते है, परिस्थितियों में खुद को साबित करना एक कला है, पर साबित करने को परिस्थितियां बनाना सही कहां है, अंधी कदमों पे चलना हम कठपुतलियों का जहां है। कठपुतली देखते ही आपके मन में क्या विचार आता है। कठपुतली एक लेखक के मन को कैसे उद्वेलित करती है। लिखें YQ DIDI के साथ। #कठपुतली #collab #yqdidi ... YourQuote Baba के सीक्रेट न्यूज़लेटर को सब्सक्राइब करने के लिए bio में दिए लिंक पर क्लिक करें। #YourQuoteAndMine
कठपुतली देखते ही आपके मन में क्या विचार आता है। कठपुतली एक लेखक के मन को कैसे उद्वेलित करती है। लिखें YQ DIDI के साथ। #कठपुतली #Collab #yqdidi ... YourQuote Baba के सीक्रेट न्यूज़लेटर को सब्सक्राइब करने के लिए bio में दिए लिंक पर क्लिक करें। #YourQuoteAndMine
read moreGumnaam
वो कड़पुतलिया बनाता है खुद कड़पुतली होकर। #child labour #कठपुतली #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine
#Child labour #कठपुतली #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine
read moreDr. Sumayya Hasan
Kathputli bane hain hum samaj k thekedaaron ki Na kuch apni marzi se kar skte hain k wo sunayenge sabko hamari kaarguzaari कठपुतली देखते ही आपके मन में क्या विचार आता है। कठपुतली एक लेखक के मन को कैसे उद्वेलित करती है। लिखें YQ DIDI के साथ। #कठपुतली #collab #yqdidi ... YourQuote Baba के सीक्रेट न्यूज़लेटर को सब्सक्राइब करने के लिए bio में दिए लिंक पर क्लिक करें। #YourQuoteAndMine
कठपुतली देखते ही आपके मन में क्या विचार आता है। कठपुतली एक लेखक के मन को कैसे उद्वेलित करती है। लिखें YQ DIDI के साथ। #कठपुतली #Collab #yqdidi ... YourQuote Baba के सीक्रेट न्यूज़लेटर को सब्सक्राइब करने के लिए bio में दिए लिंक पर क्लिक करें। #YourQuoteAndMine
read moreJuhi Grover
पल ही में सब के घमण्ड चूर हुए, अब नया साल फिर से खड़ा हुआ। नया साल अब खुशियों से भरा रहे, यों न रहे अब बस सब ठहरा हुआ। उम्मीदें कायम हैं,हमेशा कायम रहेंगी, ज़िन्दगी का चलना बस अटका हुआ। दुआओं में तो अब कोई कसर नहीं, नई सुबह का सूरज अब लटका हुआ। (कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें) एक गया तो दूजा ये शुरू हुआ, बस वक़्त था कुछ ठहरा हुआ। ठहराव ये आखिर यों कब तक, ज़र्रा ज़र्रा खुद में सिमटा हुआ। रुकी ज़िन्दगी में चलने की चाह, सब कुछ मग़र बस सहमा हुआ।