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Best “वस्तु” Shayari, Status, Quotes, Stories

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Atul Sharma

📚 *“सुविचार"*📝 🖊️ *“2/5/2022”*🖋️ ✍🏻 *“सोमवार”*📘 #“वस्तु” #“महत्वपूर्ण”

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📚 *“सुविचार"*📝 
🖊️ *“2/5/2022”*🖋️
✍🏻 *“सोमवार”*📘

कोई भी “वस्तु” अकेली “महत्वपूर्ण” नहीं होती है
एक बात आपको “स्मरण” रखनी होगी,
कोई भी “वस्तु” अकेली “महत्वहीन” होती है
किसी के “साथ” से उसका “सम्मान” बढ़ता है,उसका “महत्व” बढता है और ये “मनुष्य” के लिए भी है
यदि आप “आगे बढ़” रहे है और “अकेले बढ़” रहे है और आप कितने ही “आगे बढ़” जाए,
तो आप जो “कुछ” भी कर लिजिए,
आपको वो “प्रेम”, वो “सम्मान”, 
वो “संबंध” नहीं मिलेगा
किसी को “साथ” लेकर चलिए 
आपका भी “मान” बढ़ेगा
किसी को “स्थान” दिजिए आपका भी “सम्मान” बढ़ेगा
जैसे “प्रेम” से “गुण” का मान बढ़ता है
और “अच्छे व्यक्तित्व” से 
“अच्छे इंसान” का निर्माण होता है...
 *अतुल शर्मा*✍🏻

©Atul Sharma 📚 *“सुविचार"*📝 
🖊️ *“2/5/2022”*🖋️
✍🏻 *“सोमवार”*📘

#“वस्तु” 

#“महत्वपूर्ण”

Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“1/3/2022”*📚 🖋️ *“मंगलवार”* 🌟 #“विष” #“अमृत”

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*✍🏻“सुविचार"*📝 
📘 *“1/3/2022”*📚
🖋️ *“मंगलवार”* 🌟

“विष” और “अमृत”...
“समुंद्र मंथन” किया गया तब भी 
इन दोनों की ही प्राप्ति हुई,
पहले “विष” मिला और फिर “अमृत”,अब जो यह “विष” जो है यह “अमृत” से कई “अधिक शक्तिशाली” है,
और इसलिए कई अधिक “घातक” भी,
अब समझते है कि “विष” क्या है ?
कोई भी “वस्तु” या “भाव” यदि “मात्रा से अधिक” आपके पास हो,“आवश्यकता से अधिक” आपके पास हो 
तो वह आपके लिए “विष” बन सकता है,
चाहे वह “धन” हो,“शक्ति” हो,“मान” हो आदि इत्यादि,
“मां पार्वती” यह देख समझ गईं कि “भगवान शिव” के लिए “विष” “घातक” साबित हो सकता है इसलिए उन्होंने अपने “हाथों” से “भगवान शिव”का “गला” पकड़ लिया 
और “विष” गले में ही रोक लिया। विष के कारण 
“भगवान शिव” का गला “नीला” हो गया और 
इसलिए उन्हें “नीलकंठ” कहा जाने लगा,
यदि आपके पास कुछ भी ऐसा है जो “मात्रा से अधिक” है तो उसे “बांटना” सीख जाइए,और यदि आपने “बांटना” सीख लिया तो यही भी “विष” आपके लिए “अमृत” बन जाएगा और उनके लिए भी “अमृत” बन जाएगा 
जिन्हें “सहायता की आवश्यकता” है,
इसलिए “बांटना सिखिए” 
और सदैव “प्रसन्न” रहना सिखिए...
*“अतुल शर्मा”*✍🏻

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 
📘 *“1/3/2022”*📚
🖋️ *“मंगलवार”* 🌟

#“विष”

#“अमृत”

Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“29/12/2021”*📚 🖋️ *“बुधवार”* 🌟 *#“संसार”* *#“दुःख” और “समस्याएं”*

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*✍🏻“सुविचार"*📝 
📘*“29/12/2021”*📚
🖋️*“बुधवार”* 🌟

इस “संसार” में चारों और “दुःख” है,“समस्याएं” है,
लेकिन फिर भी “कुछ लोग” ऐसे होते है 
जो “हंसमुख” होते है,
उनके “हंसमुख” होने “कारण” है “प्रेम”
आपके “जीवन” में ये “प्रेम” ही 
आपकी “मुस्कान का कारण” होता है, 
जैसे आपका “पत्नी प्रेम”,“परिवार प्रेम”,“संतान प्रेम”,
“मित्र प्रेम”,“कला प्रेम”,“साथी प्रेम” आदि इत्यादि, 
उनका ध्यान सिर्फ उस “प्रेम” पर ही रहता है, 
जब भी “मुख” पर इस “प्रेम को स्मरण” करेंगे
 तो “चिंता”,“तनाव” या “दुःख के भाव” दिखना “असंभव” है,बस यही है “रहस्य” “हंसमुख” रहने का,
इसलिए आप भी अपने “जीवन” में यही किजिए 
यदि आपको आपके “जीवन” में “प्रेम” प्राप्त है,
तो “धन्यवाद” किजिए उस “प्रेम” का,
“धन्यवाद” किजिए उस हर “वस्तु” और “व्यक्ति” का 
जो आपको “खुशियां” देती है, 
और आप ने ये तो “सुना” ही होगा 
कि “खुशियां बांटने” से “बढ़ती” है 
तो “खुशियां” बांटिए और “खुश” रहिए...
*अतुल शर्मा*✍🏻

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 
📘 *“29/12/2021”*📚
🖋️ *“बुधवार”* 🌟

*#“संसार”* 

*#“दुःख” और “समस्याएं”*

Atul Sharma

*📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“19/10/2021”*📝 ✨ *“मंगलवार”*🌟 #“संसार” #“वस्तु”

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*📚 *“सुविचार"*🖋️ 
📘*“19/10/2021”*📝
✨*“मंगलवार”*🌟

इस “संसार” में हर “वस्तु” के, 
हर “परिस्थिति” के,हर “भाव” के दो “पहलू” होते है,
इसमें “बदलाव” आता है केवल “दृष्टिकोण” द्वारा,
अब यदि कोई “व्यक्ति” है जो “पर्वत” पर खड़ा है
 तो उसे ये ही लगेगा कि जो ये “जल की धारा” है 
वो “समुद्र की ओर” बह रही है, दूसरा “व्यक्ति”
 जो “समुद्र” के पास खड़ा है उसे लगेगा कि ये धारा 
“समुद्र की ओर” आ रही है, बात यहा है “दृष्टिकोण” की,
अब यहीं “समय के साथ” भी होता है कई बार “मनुष्य” जो है वो “चिंतित” रहता है,कि उसके पास समय बहुत कम है,उसमें वो कुछ कर नहीं सकता,
“थोड़ा और समय” होता तो अच्छा होता,
वो ऐसे भी सोच सकता है 
कि “कुछ ही सही" समय “श्रेष्ठ” तो है,
अर्थात जो “बचा” है उसे “बचाया” भी जा सकता है,
इसमें “जीवन” बसाया भी जा सकता है
 तो ये निर्भर करता है आप पर, 
तो “दृष्टिकोण” शुभ रखिए,
*“अतुल शर्मा”🖋️📝*

©Atul Sharma *📚 *“सुविचार"*🖋️ 
📘 *“19/10/2021”*📝
✨ *“मंगलवार”*🌟

#“संसार” 

#“वस्तु”

Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️ *“1/7/2021”*🖋️ ✨ *“गुरुवार”*🌟 #“विष” #“अमृत”

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*✍🏻“सुविचार"*📝 
🖊️*“1/7/2021”*🖋️ 
✨*“गुरुवार”*🌟

“विष” और “अमृत”...
“समुंद्र मंथन” किया गया 
तब भी इन दोनों की ही प्राप्ति हुई,
पहले “विष” मिला और फिर “अमृत”,अब जो यह “विष” जो है यह “अमृत” से कई “अधिक शक्तिशाली” है,
और इसलिए कई अधिक “घातक” भी,
अब समझते है कि “विष” क्या है ?
कोई भी “वस्तु” या “भाव” यदि “मात्रा से अधिक” आपके पास हो,“आवश्यकता से अधिक” आपके पास हो तो वह आपके लिए “विष” बन सकता है,
चाहे वह “धन” हो,“शक्ति” हो,“मान” हो आदि इत्यादि,
यदि आपके पास कुछ भी ऐसा है जो “मात्रा से अधिक” है तो उसे “बांटना” सीख जाइए,और यदि आपने “बांटना” सीख लिया तो यही भी “विष” आपके लिए “अमृत” बन जाएगा और उनके लिए भी “अमृत” बन जाएगा जिन्हें “सहायता की आवश्यकता” है,इसलिए “बांटना सिखिए” और सदैव “प्रसन्न” रहना सिखिए...
*“अतुल शर्मा”🖋️📘*

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 
🖊️ *“1/7/2021”*🖋️ 
✨ *“गुरुवार”*🌟

#“विष”

#“अमृत”

Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*📝 🌟*“10/4/2021”*🌟 🖋️ *“शनिवार”*✨🖊️ #“मनुष्य” #“विचित्र”

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*✍🏻“सुविचार"*📝 
🌟*“10/4/2021”*🌟
🖋️ *“शनिवार”*✨🖊️

 कुछ “मनुष्य” जो “विचित्र” होते है,
उन्हें कुछ “वस्तु” का “महत्व”
 केवल दो बार ज्ञात होता है
एक “मिलने से पूर्व” और दूसरा “खोने के पश्चात”,
इसी प्रकार हमारे “मित्र” भी तो होते है 
यदि आज आपके “मित्र” आपके “साथ” है तो उन्हें “आभार व्यक्त” करे,उन्हें “प्रसन्न रखें”,उनका “महत्व” समझे, क्योंकि एक बार आपने इन्हें “खो” दिया “पश्चाताप” करने पर भी पुनः नहीं लोटेंगे,और एक बार “मित्रता” के दौरान “गलत” के साथ “समझौता” करना या स्वयं “गलत” बन जाना 
ये “अनुचित” है ये बिल्कुल न करे, 
तो “प्रेम” से ये मित्रता निभाइए,
✨ *अतुल शर्मा🖋️📝📙* *✍🏻“सुविचार"*📝 
🌟*“10/4/2021”*🌟
🖋️ *“शनिवार”*✨🖊️

#“मनुष्य” 

#“विचित्र”

Atul Sharma

*📝“सुविचार"*📝 🖊️*“25/2/2021”*🖋️ 📘✨ *“गुरुवार”*✨📙 #“वस्तु” #“महत्वपूर्ण”

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*📝“सुविचार"*📝 
🖊️*“25/2/2021”*🖋️
📘✨ *“गुरुवार”*✨📙

कोई भी “वस्तु” अकेली “महत्वपूर्ण” नहीं होती है
एक बात आपको “स्मरण” रखनी होगी,
कोई भी “वस्तु” अकेली “महत्वहीन” होती है
किसी के “साथ” से उसका “सम्मान” बढ़ता है,उसका “महत्व” बढता है और ये “मनुष्य” के लिए भी है
यदि आप “आगे बढ़” रहे है और “अकेले बढ़” रहे है और आप कितने ही “आगे बढ़” जाए,
तो आप जो “कुछ” भी कर लिजिए,
आपको वो “प्रेम”, वो “सम्मान”,
वो “संबंध” नहीं मिलेगा
किसी को “साथ” लेकर चलिए 
आपका भी “मान” बढ़ेगा
किसी को “स्थान” दिजिए आपका भी “सम्मान” बढ़ेगा
जैसे “प्रेम” से “गुण” का मान बढ़ता है
और “अच्छे व्यक्तित्व” से 
“अच्छे इंसान” का निर्माण होता है...
✨ *अतुल शर्मा🖋️📝📙* *📝“सुविचार"*📝 
🖊️*“25/2/2021”*🖋️
📘✨ *“गुरुवार”*✨📙

#“वस्तु” 

#“महत्वपूर्ण”


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