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Best सुचितापाण्डेय Shayari, Status, Quotes, Stories

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Suchita Pandey

// कब तक // यूँ पर्दों की ओट से, निहारोगे कब तक । दिल में छुपे दर्द, संभालोगे कब तक ।। न समझा है, न समझेगा, न सोचेगा कभी कोई, दिल में है जो दबे ज़ज़्बात उसे छुपाओगे कब तक ।

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//  कब तक   //

यूँ पर्दों की ओट से, निहारोगे कब तक । 
दिल  में  छुपे  दर्द, संभालोगे कब तक ।।

न समझा है, न समझेगा, न सोचेगा कभी कोई,
दिल में है जो दबे ज़ज़्बात उसे छुपाओगे कब तक ।

सुबह से लेकर शाम तक मानो एक जैसा मंज़र ,
ख़ुद के ज़ख्मो में यूँ मरहम लगाओगे कब तक ।

जो है नहीं काबिल जो बन सके हमदर्द तेरा,
दिल को तसल्ली दे उस पर जान लुटाओगे कब तक ।

इक तलाश रही अक्सर, सक़ून ए दिल मिल जाए मगर ,
यूँ ख्वाहिशों को रौद अपने अरमानो की होली जलाओगे कब तक ।

 //  कब तक   //

यूँ पर्दों की ओट से, निहारोगे कब तक । 
दिल  में  छुपे  दर्द, संभालोगे कब तक ।।

न समझा है, न समझेगा, न सोचेगा कभी कोई,
दिल में है जो दबे ज़ज़्बात उसे छुपाओगे कब तक ।

Suchita Pandey

// चुनावी लहर..बर्बादी की कहर.. //

मुँह में मिठास और दिल में जहर रखते हैं ।
मंच पर सद्भाव और जेहन में कहर रखते हैं ।

चुनावो में आंधी, तूफान, सुनामी जैसे लहरों 
से जीत गए, वो ऐसे सांपो के ज़हर रखते हैं ।

यह सल्तनत का खेल है, ज़रा बच के रहना ,
यहाँ अपने जेब मे ही बेगम की महर रखते हैं ।

गांवों की करेंगे हर बार यह बातें बड़ी उम्दा ,
सिर घुमाने पर फ़िर उम्मीदों में शहर रखते हैं ।

हम भी इन ओहदों के शोहदे रहे हैं अब तक ,
हर पाई - पाई पे , जर्रे-जर्रे पे नजर रखते हैं ।

✒सुचिता पाण्डेय✍

 #चुनावी_व्यंग
#चुनावी_वादे
#नेता_की_करनी_कथनी_हम_समझाएंगे
#politics_nowadays
#सुचितापाण्डेय
#suchitapandey 

// चुनावी लहर.. //

Suchita Pandey

#कोरोना_का_कहर #ज़िन्दगी शुक्र कर अपने रब का, की तू अपने घर में है , पूछ उस से जो अटका सफ़र में है..! यहाँ बाप की शक्ल नहीं देखी आखरी वक़्त में कुछ लोगों ने,

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शुक्र कर रब का, की तू अपने घर में है ,
पूछ उस से जो अटका सफ़र में है..!

यहाँ बाप की शक्ल नहीं देखी आखरी
वक़्त  में  कुछ  लोगों  ने,
बेटा हॉस्पिटल में और बाप कब्र में है!

तेरे  घर  में  राशन  है  साल  भर का,
उसका सोच जो दो वक़्त की फ़िक्र में है!

तुम्हें क्या जल्दी है गाड़ी में घूमने की,
अब  तो सारी दुनिया ही  सब्र में है...!

भ्रम में मत रहना किसी की नहीं सुनती,
आज  कल कुदरत भी अपने सुर में है..!
शुक्र कर अपने रब का, तू अपने घर में है..!! #कोरोना_का_कहर
#ज़िन्दगी

शुक्र कर अपने रब का, की तू अपने घर में है ,
पूछ उस से जो अटका सफ़र में है..!

यहाँ  बाप  की  शक्ल  नहीं  देखी
आखरी  वक़्त  में  कुछ  लोगों  ने,

Suchita Pandey

#myclickmyquote #चाँदसेबातें #होलीहै #yqholiquotes "चाँद" का क्या कुसूर, अगर रात बेवफ़ा निकली, एक पल ठहरी और दूजे पल जा निकली ! उसे भी तो इंतजार है कल के रंगीन सुबह का,

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"चाँद" का क्या कुसूर, अगर रात बेवफ़ा निकली,
  एक  पल  ठहरी  और  दूजे  पल  जा  निकली !
❤
  उसे  भी  तो  इंतजार है कल के रंगीन सुबह का,
  होली  जो  आयी  है  लेकर  रंगों  का त्यौहार है!! #myclickmyquote
#चाँदसेबातें
#होलीहै
#yqholiquotes

"चाँद" का क्या कुसूर, अगर रात बेवफ़ा निकली,
  एक  पल  ठहरी  और  दूजे  पल  जा  निकली !
  उसे  भी  तो  इंतजार है कल के रंगीन सुबह का,

Suchita Pandey

#पुराने_रंगों_वाली_होली #होली_के_रंग // पुराने रंगों वाली होली लौटा लाते है..// चलो फिर से वही पुराने रंगों वाली होली लौटा लाते है !

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// पुराने रंगों वाली होली लौटा लाते है..//

चलो फिर से वही पुराने रंगों वाली
होली लौटा लाते है !

वो रंग बिरंगे पतासो वाली होली,
हार पहनकर बचपन लौटा लाते है !

फिर वही माँ के हाथों से बनी गुज्जिया-पकोड़े
के स्वाद लेने वाले, वो दिन लौटा लाते हैं !

चलो वो गर्मियों की रंग - बिरंगी ठंडे बर्फ
के गोले आज फ़िर से खाते हैं !
 
इस व्यस्त सी जिंदगी में थोड़ा विराम लगाते हैं !
चलो फ़िर से वो रंगो वाली होली लौटा लाते हैं !!
 #पुराने_रंगों_वाली_होली
#होली_के_रंग

// पुराने रंगों वाली होली लौटा लाते है..//

चलो फिर से वही पुराने रंगों वाली
होली लौटा लाते है !

Suchita Pandey

#बेचारा_दिल ❤❤❤ एक अजनबी से बात क्या की, कयामत हो गई..! सारे शहर को इस बात की खबर हो गई..!

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एक अजनबी से बात क्या की,
   क़यामत हो गई..!

 सारे शहर को इस बात की 
    खबर हो गई..!

 क्यों न सजा दे इस कमबख्त
     दिल को,,,

दोस्ती का इरादा था और 
   मोहब्बत हो गई...!!! #बेचारा_दिल ❤❤❤


एक अजनबी से बात क्या की,
   कयामत हो गई..!

 सारे शहर को इस बात की 
    खबर हो गई..!

Suchita Pandey

#ज़िन्दगीकीकिताब "वज़ह कुछ भी नहीं थी, फिर भी दिल उदास था ! सीखा न सकी जो उम्र भर, तमाम किताबे भी मुझे ! कऱीब से कुछ चेहरे पढ़े, और न जाने कितने

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"वज़ह कुछ भी नहीं थी,
          फिर भी दिल उदास था !
सीखा न सकी जो उम्र भर,
         तमाम  किताबे  भी मुझे ! 
कऱीब से कुछ चेहरे पढ़े,
        और  न  जाने  कितने 
सबक  सीख  लिए...!!"✒ #ज़िन्दगीकीकिताब

"वज़ह कुछ भी नहीं थी,
          फिर भी दिल उदास था !
सीखा न सकी जो उम्र भर,
         तमाम  किताबे  भी मुझे ! 
कऱीब से कुछ चेहरे पढ़े,
        और  न  जाने  कितने

Suchita Pandey

#ज़िन्दगी #ज़िन्दगीकीकिताब // 🍁 फिर भी दर्द छलक जाता है..🍁 // हँसता है आँखों की नमी छुपाने को, नकली हँसी के पिटारे संभाले हुए ! डरता है बयान न हो जाए कही , इसलिए अश्रु पीकर भी मुस्कुराता है,

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// 🍁 फिर भी दर्द छलक जाता है..🍁 //

हँसता है आँखों की नमी छुपाने को,
नकली हँसी के  पिटारे संभाले हुए !
डरता  है  बयान  न  हो  जाए कही ,
इसलिए अश्रु पीकर भी मुस्कुराता है,
फ़िर  भी  दर्द  छलक   जाता   है...!

कहता है ख़ुश तो हुँ बेशक़, बेबाक़ सा
किसी  ग़म  के  सहारे ,
लौटा देता  शायद  यही देखकर, मर्ज़ी
नहीं  एक आरज़ू  समझ  कर !
सुनता  भी  है, सहता भी है, रिश्तों की
भीड़  में  सिमट  कर  रह  जाता  है ,
फ़िर भी छुपाता है बहोत मग़र आखिर
में  दर्द  छलक जाता है..!

नम आँखों के सहारे, हर बार किसी न
किसी  बहाने  से, कभी  काजल  बहा
जाता है, कभी आँचल भीगा जाता है !
छुपाता है बहोत मग़र फ़िर भी आखिर
में  बस  दर्द  छलक  ही  जाता  है...!!       ~सुचिता पाण्डेय ✒



 #ज़िन्दगी
#ज़िन्दगीकीकिताब
// 🍁 फिर भी दर्द छलक जाता है..🍁 //

हँसता है आँखों की नमी छुपाने को,
नकली हँसी के  पिटारे संभाले हुए !
डरता  है  बयान  न  हो  जाए कही ,
इसलिए अश्रु पीकर भी मुस्कुराता है,

Suchita Pandey

#ज़िन्दगी #ज़िन्दगीएकउड़तापतंग #ज़िन्दगीकेमायने ज़िन्दगी एक उड़ती 'पतंग' सी है , खुली हवाओं में आज़ाद तो है , मग़र डोरी कोई और संभाले है ! रंग बिरंगी सी है तो सही मग़र

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//  ज़िन्दगी एक उड़ती पतंग..  //

ज़िन्दगी एक उड़ती 'पतंग' सी है ,
खुली  हवाओं में आज़ाद  तो  है ,
मग़र डोरी कोई  और संभाले  है !
रंग  बिरंगी  सी  है  तो सही  मग़र 
कोई  और  चलाये  है  !
कब कट जायेगी, कब गिर जायेगी
ये  ख़ुद  कभी  न  जाने  है !
बस इसी  डर  के  सहारे जीती  है,
गिरती  है, संभलती  है, और  फ़िर
उड़  पड़ती  है, बस  एक  डोरी के
सहारे  फ़िर  निकल  पड़ती  है..!! #ज़िन्दगी
#ज़िन्दगीएकउड़तापतंग
#ज़िन्दगीकेमायने

ज़िन्दगी एक उड़ती 'पतंग' सी है ,
खुली  हवाओं में आज़ाद  तो  है ,
मग़र डोरी कोई और संभाले है !
रंग बिरंगी सी है  तो सही  मग़र

Suchita Pandey

#नैनोंकीभाषा #प्यारकाएहसास तेरी एक नज़र खींच लेती है रूह को ज़िस्म से इस कदर, समझा दीजिए ज़रा इन्हें,अंदाज़ तेरे नैनो के बड़े ही बेलग़ाम है।

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तेरी एक नज़र खींच लेती है रूह को ज़िस्म 
से इस कदर, 
समझा दीजिए ज़रा इन्हें,अंदाज़ तेरे नैनो के
बड़े ही बेलग़ाम है। 

तेरे इश्क़ कि मंजूरी से जी उठूंगी मैं हमदम, 
तेरे नज़र फेरने पर इस जनम में अब बाकि 
न कोई मक़ाम है। 

मेरे  ख़यालो  में  तो  आते  ही  थे  तुम  हमेशा, 
मेरे ख़्वाबों में भी अक्सर अब तेरे ही क़याम है। 

पलकें कब तक रखोगे सज़दो में बता दो ज़रा, 
लिखें  ख़त  में  वो  मज़ा  नहीं, जो  आँखों के
पैग़ाम  में  है।

~ सुचितापाण्डेय ✒


 #नैनोंकीभाषा
#प्यारकाएहसास

तेरी एक नज़र खींच लेती है रूह को ज़िस्म 
से इस कदर, 
समझा दीजिए ज़रा इन्हें,अंदाज़ तेरे नैनो के
बड़े ही बेलग़ाम है।
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