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Trivedi Abhishek
#रहस्यमयी आवाज़ मुझे अपने आप से बात करना नहीं आता था पर उस एक वाक्य ने जीवन को एक नया रूख दे दिया... पहली बार जब घर से दूर रहकर पढ़ाई के लिये निर्णय लिया गया... काउंसिलिगं हुई और एडमिशन हो गया...पहला दिन था कालेज का थोड़ा उत्सुकता थी क्लास स्टार्ट हुई टीचर ने पढ़ाना शुरू किया और बीच बीच मे प्रश्न पुछते जिनसे डर कर मानव बैठा था... पर टिचर की नज़र पड़ी और पुछा...उत्तर देने मे मानव को पसीना छूट गया...और सभी हंसने लगे इस वाक्य ने पुरा दिन खराब होने के सकेंत दे दिया... हर क्लास मे कुछ न कुछ विचित्र बात हो रही थी... आखिर छुट्टी हुई और हास्टल पहुंच गये... रात का खाना हुआ...अब यहाँ सीनीयर उन्होंने सभी फ़्रेसर को बुलाया और हास्टल के नियम कानून बताये और पर वाणी ऎसी थी के सुनना मुस्किल था पर सुन रहे थे... आखिर अब अपने बेड पर आकर बैठे आंखों मे आशु थे गला बिल्कुल भरा हुआ था पर रो नहीं सकते थे... इतने एक हवा का झोका आया और थपकी दिया मानो माँ ने कंधे पर हाथ रखा हो और ऎसा मुझसे बोली तु क्यों उदास है तु तो मेरा शेर बेटा है तु इतनी बात से डर गया...पता ही नहीं लगा कब मैं भी अपनी बात बताने लगा... बाद में पता लगा कोई नहीं था... पर माँ के एहसास मात्र ने पुरे दिन की बातें भुला दिया और कब सो गया पता ही न लगा... #माँ की आवाज़ मेरी कहानी...☘️☘️☘️ Hidden story behind the lines ☘️ Task by yq didi ji ☘️ Thank you for reading ☘️ #रहस्यमयीआवाज़ #yostowrimo #maakapyaar #love #life #firstdayofcollege #mystory
मेरी कहानी...☘️☘️☘️ Hidden story behind the lines ☘️ Task by yq didi ji ☘️ Thank you for reading ☘️ #रहस्यमयीआवाज़ #yostowrimo #maakapyaar love life #firstdayofcollege #mystory
read moreIsh Kumar King
रहस्यमयी आवाज रातें ज्यादा अच्छी नही गुजर रही थीं। अक्सर सोच में डूब रहता,ललाट पर चिंता की लकीरें गहरी हो रही थीं। प्रसन्नता के छद्म आवरण को ओढ़े चेहरा भी मन की असमंजस को नही छुपा पाता था, मुस्कुराने में अक्सर शिकन सी झलक जाती थी। मानो की हृदय के कोने में नकारात्मक आवेश उत्पन्न हो रहा हो जो शून्य संतृप्त होने के लिए छटपटा रहा हो। एक आवाज़, जो धुंधली सी सुनाई देती थी, आज साफ़ लग रही थी। दरसअल वो आवाज़ मेरे चित्त से आ रही पुकार थी जिसे मन की कुढ़न और असंतोष दबा दिया करते, परन्तु आज वो प्रबल थी। उस प्रबल ओंकार ध्वनि ने शरीर को थर्रा कर रख दिया। मैं खुद में ऊर्जा महसूस कर पा रहा था, ध्वनि के तेज से कुढ़न,असंतोष और बुराइयां मिट चुकी थी थीं। चित्त शांत हुआ और गहरी नींद आ गयी। सुबह जब चक्षुओं ने सूर्य की रश्मि को चखा और नींद टूटी तो ऐसा लगा कि शरीर मे नव प्राण भर दिए हों। मुझे एहसास हुआ कि वो आवाज मेरे मन की आवाज थी जो अरसे से दबी थी, मैंने प्रण लिया कि अबसे कभी भी मन की आवाज को दबने नही दूंगा। #रहस्यमयीआवाज़ कभी कभी ऐसा होता है कि हम अंतर्मन की आवाज को दबाये रहते हैं जिससे कि मन की ऊर्जा का छरण होता चला जाता है, और एक दिन एहसास होता है कि अब पहले जैसा हौसला नही रहा।
#रहस्यमयीआवाज़ कभी कभी ऐसा होता है कि हम अंतर्मन की आवाज को दबाये रहते हैं जिससे कि मन की ऊर्जा का छरण होता चला जाता है, और एक दिन एहसास होता है कि अब पहले जैसा हौसला नही रहा।
read moreindra patel
भाग-1 अनुशीर्षक-खुशी रश्मि एक अवचेतन स्त्री थी, उसकी दुनिया बहुत ही खूबसूरत हुआ करती थी पढ़ाई में अव्वल,तो कभी मन की बात लिखने में अव्वल.. मगर वह किसी परेशानी में डूबी हुई थी जिसका कारण क्या है उसे खुद पता नहीं... एक ओर परेशानियों ने उसे कठपुतली बना दिया था तो दूसरी ओर रस्मी कठपुतली बन दुनिया के हिसाब से जीने लगी जीवन के इस भाग दौड़ में बनी एक कठपुतली जो जानती नहीं कि क्यू वो कठपुतली बने बैठी है बहुत कोशिश करती हर काम को करने में जिसमें उसे खुशी मिले मगर वो नाकाम रही (कारण उसे खुद पता नहीं) दुनिया देख जीने लगी और उसी कि ओर जाने लगी ना मंजिल का पता ना खुशी का पता बस चलते जा रही थी कठपुतली की तरह (कारण उसे खुद नहीं पता) रश्मि हर वक्त खुद को कोसती और रोती रही ये सोच कर कि काश पुराने दिन को और भी खूबसूरत बना सकती, यादें संजो पाती.. रश्मि कि कहानी में कमी थी तो बस खुशी की .... जिसे वो समझ ना सकी... भाग-1 अनुशीर्षक-खुशी रश्मि एक अवचेतन स्त्री थी, उसकी दुनिया बहुत ही खूबसूरत हुआ करती थी पढ़ाई में अव्वल,तो कभी मन की बात लिखने में अव्वल.. मगर वह किसी परेशानी में डूबी हुई थी जिसका कारण क्या है उसे खुद पता नहीं... एक ओर परेशानियों ने उसे कठपुतली बना दिया था
भाग-1 अनुशीर्षक-खुशी रश्मि एक अवचेतन स्त्री थी, उसकी दुनिया बहुत ही खूबसूरत हुआ करती थी पढ़ाई में अव्वल,तो कभी मन की बात लिखने में अव्वल.. मगर वह किसी परेशानी में डूबी हुई थी जिसका कारण क्या है उसे खुद पता नहीं... एक ओर परेशानियों ने उसे कठपुतली बना दिया था
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