Find the Best kusum Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos aboutpoems in marathi by kusumagraj, marathi poem by kusumagraj, avahan poem by kusumagraj, kusumlata name meaning in hindi, kusumlata meaning in hindi,
Kusu Simran
बनते बनते बिगड़ गई है बहुत सी बातें, रो रो के गुजरी है यूंही काफी राते। लोग आके चले जाते हैं, क्यों उनके हाथों हम ही मले जाते है। ना हम किसी को सताते, ना ही दोबारा किसी पे अपना हक जताते। दोगले लोग अपने साथ सपने है कई लाते, आखिर में वही हमको चुन चुन के है खाते। अजनबी से हो गए है अपने कुछ सगे नाते, बनते बनते बिगड़ गई है बहुत सी बातें। क्या ही कहे किसी से , कसूर शायद कही हमारा ही तो है, अलग हुए है यहा सबसे, हर समुंदर में नमक खारा ही तो है। कभी नरम तो कभी पहाड़ सी सख़्त, कैसी ये जिंदगी अब हो गई कमबख्त। वो बचपन के किए खुद से वादे भुलाए ना जाते, अब तो कई बार ठीक से खा भी नी पाते। मन में यूंही कई बुरे ख्याल है आते, रो रो के गुजरी है यूंही काफी राते, बनते बनते बिगड़ गई है काफी बातें। ©Kusu Simran #kusum #Simran #kusu_simran #मन #बात #रात
Kusu Simran
गिर गिरके उठने की कोशिश, अक्सर हम करते ही रहते है। कहीं ना कहीं खुद के सवालों के, जवाबों में मरते ही रहते हैं। मिली ना मंजिल वो अब तक जिसकी बचपन से रखी है आस, खो गए बीच सफर में रिश्ते काफ़ी, धीर -धीरे कहीं खो गए जो थे कभी खास। सबकी गलती को भी किया माफ, दिल में ना रखी कोई नफ़रत एक एक लफ्ज को रखा साफ। ©Kusu Simran #kusum
Kusu Simran
जिस को हम अपना समझने लगे थे, वो किसी और के ख्यालों में गुम होके रहा। उन्हें पता था ये दिल पहले ही किसी का सताया हुआ , बस अपने ही आप में कही खो के रहा। नींद जानें कहा खो गई हमारी, रात भर इक चांद का साया रहा । हर मिठास हो गई अब खारी, ये पल हमने ही तो लाया रहा। ©Kusu Simran #kusum #kusu_simran #मन #रात #Mousam #Nojotoshayeri✍️M
#kusum #kusu_simran #मन #रात #Mousam shayeri✍️M
read moreKusu Simran
चैन की नींद सोते हैं ये बात बात पर मरने वाले, ख़ुद को ही कही खो देते है ये किस्मत किस्मत करने वाले। ©Kusu Simran #kusum #Simran #a #Feel #Emotional
#kusum #Simran #a #Feel #Emotional
read moreTrisha09
अरे ओ कुसुम, पतझड़ के मौसम, कुछ छुटा तो नही? चंद दिन की जिंदगी में, कोई रूठा तो नहीं? तरुवर के जिस्म पर, जो हिस्सा था तेरा, तेरे टुट जाने से, उसे दुखता तो नहीं? सूरज की किरने जो, तुझको लुभाती थी, वो खग और मृग, जो पास तेरे आती थी, तेरे गुज़र जाने से, तुझे भूले तो नहीं? वो खेत की मिट्टी, और पनपते नए पुष्प, तेरे छोड़ जाने से, तुझसे इर्षया तो नहीं? चंद लम्हों की धरोहर, ये नन्ही सी जिन्दि, फिर मौत के आने से, लगा डर तो नहीं? ©Trisha09 #hindi_poetry #nojohindi #हिन्दी #Jindagi #जिंदगी #यादें #kavita #hindi_poem #nojoto2023 #kusum
Kusu Simran
जूठ की चालाकी हर कोई चलाता है कोई सच की चलाए तो जाने, सुनता तो हर कोई है कोई समझके भी दिखाए तो माने। दूसरो मे गलतियां तो सब निकलते हैं कोई खुद की निकाले तो माने, सलाह तो हर कोई देता है कोई साथ भी दे तो जाने, लड़ाई तो सब करते हैं कोई प्यार करे तो माने। गालियां तो हर कोई दे सकता है कोई respect करे तो जाने, दिखावा तो हर कोई कर सकता है सचमुच की care करे तो माने, खुद की बातें तो हर कोई बता सकता है कोई दूसरो की सुने तो जाने, अपने आप को तो सब समझते हैं कोई दूसरो को understand करे तो जाने -2x ©Kusu Simran #kusum #Simran #kusu_simran #juth #Maan #Jaan #poem #Feel
Kusu Simran
किसी को रुलाना आसान है और हंसाना बहुत मुश्किल हम उन्हीं से हार बैठे हैं जिनसे लगाए बैठे थे दिल। कसूर किसका ये समझ नहीं आ रहा, दोनो के चहरे पे उदासी ही छा रहा। करे क्या और क्या ना करे, हालात पे ऐसे कब तक मरे। कोई खुशी का जरिया मिल जाएं ये आस लगाए बैठे हैं, वो तो अपनी अकड़ में ऐंठे है, अपने आशुओ को ankho में ही रहे हैं सिल, जीने की आस यही वो कभी ना कभी जायेंगे हमे मिल। हम उन्हीं से हार बैठे हैं जिनसे लगाए बैठे थे दिल, किसको रुलाना आसान है और हंसाना बहुत मुश्किल। दो पल में ही होठों की हसीं को छीन हैं लेते, खुशी के बदले क्यू हमको आंसु है देते। मुस्कुराहट को लाए कैसे हमारे तो होठ ही गए है जैसे सिल, हम उन्हीं से हार बैठे हैं जिनसे लगाए बैठे थे दिल, किसको रुलाना आसान है और हंसाना बहुत मुश्किल। ©Kusu Simran #kusum #kususimran #Simran #rulana #Hasana #New #SAD #Feel #bubbles
Kusu Simran
वक्त......... वक्त निकाल गया आगे , और बहुत कुछ पीछे छूट गया, रह गया अधूरा जो घर ख्यालों में बनाया था, किसी के साथ देखा वो हर एक सपना टूट गया। बदल गया है अब बहुत कुछ, पहले जैसा कुछ रहा नही, ऐसा मुश्किल से ही कोई दिन बीतता था, जब कोई आंसू आंख से बहा नहीं। कहने को कह देते हैं बड़ी आराम से लोग की वक्त के तुम साथ चलो, असल जिंदगी में कोई देता नही है साथ बस दिखावे का लेके तुम हाथो में हाथ चलो। प्यार से बांधा था जो रिस्तो का धागा, वो जरा सी पकड़ में टूट गया, बस खुद के सपने सजाने में, हर अपना मुझसे रूठ गया, रह गया अधूरा जो घर ख्यालों में बनाया था, किसी के साथ देखा वो हर एक सपना टूट गया, वक्त निकल गया आगे और बहुत कुछ पीछे छूट गया। जो करना था वो कर ना पाए, तब क्या पता था ये बस कुछ पल का है खेल, सबक सीखना था सबसे बड़ा, तभी तो हुआ था बेजान रिस्तो से मेल। खो चुके थे हम खुद को ही, और ये जानना ही बाकी था, जहर जिंदगी में मिलाने के लिए, सांपो को पालना ही काफी था। जिसको भी माना हमने सही, वही हमसे गद्दारी करने कूद गया, किसको कहे अपना, अब तो अपनो से ही विश्वाश उठ गया। रह गया अधूरा जो घर ख्यालों में बनाया था, किसी के साथ देखा वो हर एक सपना टूट गया, वक्त निकल गया आगे और बहुत कुछ पीछे छूट गया। ©Kusu Simran #वक्त #Waqt #kusum #kusu_simran #Pichhe #tut #Aage #Anjane #my #adventure
#वक्त #Waqt #kusum #kusu_simran #Pichhe #tut #Aage #Anjane #my #adventure
read moreKusu Simran
वक्त..... जब हमारे बचपन का दौर था, वो वक्त ही कुछ और था। ना किसी से कोई दुश्मनी ना कोई बैर, सब थे अपने नही था कोई गैर। एक दूसरे के साथ मिलके खेलते, नदानियो में दी गई मार को भी झेलते। खाते थे एक दूसरे से बहुत सी चोट, पर अपने मन में नहीं रखते थे कोई खोट। करते थे बहुत सी शैतानियां, और सिर्फ अपनी मनमानियां। कभी कभी अपने झगड़ो में मां बाप को भी शामिल कर लेते, वो सुनाते एक दूसरे को और हमारी परेशानियां हर लेते। लड़ झगड़ के हम तो फिर हो जाते एक, रह नही सकते थे दूर हमारे ख्याल थे इतने नेक। दिल से कोमल और दिमाग हमारा कच्चा था, मन से ही नही जुबां से भी हर बोल होता सच्चा था। हर गली कूचे में हमारा ही शौर था, वो वक्त ही कुछ और था,जब हमारे बचपन का दौर था। बड़े हुए तो अलग रहना हमें सिखाता गया, इसके साथ रहकर तू भी बिगड़ जायेगा, ये अपनो से ही हमको समझाया गया। हुए अलग और एक दूसरे से जैसे जंग छिड़ गई, जलन और आगे आने की दौड़ में, हमारी वो दोस्ती भी भीड़ गई। जाने अंजाने में हम हो गए थे काफी दूर, बचपन में दोस्ती के किए वादे हो गए थे चकनाचूर। अब बस अपने अपने घरों में हम रहने लगे, धर्म के नाम पर एक दूसरे को अलग अलग कहने लगे। सहने लगे अब अंदर ही अंदर काफी दर्द, ना बनाया अपना कोई बचपन जैसा हमदर्द। बता देते थे एक दूसरे से बेझिझक सारी बाते, हुआ करती थी तब हमारी हर रोज मुलाकाते। हमारा देखा गया सपना भी कितना सच्चा था, उन दिनों का माहौल ही सबसे अच्छा था। हर त्यौहार पे होता खुशियों शौर था, बड़ो की बातों पर होता बहुत गौर था। वो वक्त ही कुछ और था,जब हमारे बचपन का दौर था। ©Kusu Simran #kusum #kusu_simran #bachpan #Waqt #Khushi #sapne #Apne #Dil #dimag #flowers