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Nikhil tiwari Tiwari

जब हम किसी से मोहब्बत करते है और एक अरसे बाद वो मुझे छोड़ कर चला जाता है तब लड़का अपना दर्द बयां करता है कागज पर हमने जिंदगी लिख दी।। #Nature #निखिल #दर्द_ए_दिल #सायरी

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कागज पर हमने भी जिंदगी लिख दी
अश्क से सीच कर उनकी खुशी लिख दी
दर्द जब उबारा हमने लफ्जों पर
लोगो ने कहा वाह वाह क्या ग़ज़ल लिख दी...।।

©Nikhil tiwari Tiwari जब हम किसी से मोहब्बत करते है और एक अरसे बाद वो मुझे छोड़ कर चला जाता है तब लड़का अपना दर्द बयां करता है कागज पर हमने जिंदगी लिख दी।।


#Nature #निखिल #दर्द_ए_दिल #सायरी

Nikhil Vyas

गाँव आता हूं तो अब तू नजर नही आती..
ए खुशी क्या तू भी पलायन कर गयी।

                 निखिल #नोजोटोएप्प #Nojoto #gaav #khushi #गाँव #निखिल #बिखरा

Saurav Sachan

First part #LOVECYCLE-1.... #sayriwale #hindiwriting #LoveStory

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"Love cycle 
प्यारे पापा 
आपकी बहुत याद आती हैं 
याहा होस्टल का रूम थोड़ा छोटा हैं मगर खिड़की से
 हवा खूब आती हैं 
पापा आज कॉलेज का पहला दिन था !और मैं पहले दिन ही लेट हो गया 
टीचर जी ने थोड़ी डाट लगाई .फिर अगले ही पल वो पहचान गए की 
मैं ही फर्सट रैंकर हूं 
और उन्होने मुझे सीट पर बैठने का इशारा किया !
फिर मैं आगे की दूसरी सीट पर बैठ गया !पहले दिन की वजह से आज केवल 
टीचर इन्ट्रोडक्सन करा रहे थे 
छुट्टी होते ही हम सब बाहर निकल रहे थे 
तभी पीछे से तेज आवाज में मुझे किसी ने बुलाया 
"निखिल..... निखिल..... 
मैं चौक गया 
फिर मुझे लगा किसी और को बुलाया होगा .मगर अगले ही पल 
फिर आवाज आई 
"हाय निखिल ......
अब वो मेरे ठीक सामने खड़ी थी!
मैं यही सोच रहा था की कही ये किसी और को समझ कर मुझे तो...... 
मगर तब तक वो फिर से बोली.... "मैं निधी 
इसी क्लास में पढती हू .क्या आप मुझसे दोस्ती करे गे 
मैं डरते हुए "नहीं हा,  नहीं  मतलब कैसे 
मैं आपको जानता भी.....  नहीं 
उधर से जवाब आयी"अरे जान जाए गे !मैंने कहा ओके 
ये कह कर हम बाहर निकल आये 
फिर साइकिल स्टैन्ड से साइकिल उठाई और पैदल ही चल दिया 
क्योकी सुबह आते समय साईकिल पंक्चर.हो गई थी .......... First part #lOVECYCLE-1.... #sayriwale #hindiwriting #lovestory

Rajan Kumar Savita

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शहर याद आते वो पल


आज मैं आपके सामने एक कहानी लिख रहा हुँ।उस कहानी का एक पात्र समझे या मेरी हकीकत वो सुनने के बाद आप पर निर्भर करता है।
बात उस समय की है जब मैं ग्रेजुएशन के पहले वर्ष में था मैं B.Sc कर रहा था बायोलॉजी का स्टूडेंट था।नए कॉलेज नई क्लास में बहूत अच्छा लग रहा था पर एक डर था पता नहीं कैसे टीचर और कैसे साथी होंगे।सुना था कॉलेज में रैगिंग होती है और टीचर बहूत सख्त होते हैं इन्ही सोच के साथ मैनें क्लास का पता करते हुए अपनी क्लास में बैठा।
सर् ने अटेंडेंस ली और हम लोगों से पूछा पहले बॉटनी पढ़ेंगे या जूलॉजी जैसा कि मैं अपनी पढ़ाई के समय से सबसे आगे की सीट में बैठता था तो मैं आगे ही बैठा बोल पड़ा सर् बॉटनी पढ़ाइये तो सर् कोई टॉपिक स्टार्ट करते तो पीछे से एक लड़की की आवाज़ आयी सर् कुछ ऐसा पढ़ाइये जो जल्द समझ आये।इतना सुनते ही सारे बच्चे पीछे देखने लगे और सर् भी हस्ते हुए बोले जैसा आप लोग कहें क्योंकि मैं आप लोगों को बोर करके नहीं पढ़ाना चाहता।क्लास खत्म हुई सभी जाने लगे मैं वही बैठा अपने मोबाइल पे जो कि मेरे भाई ने मेरे बर्थडे में दिया उसे देख रहा था पीछे से आवाज आई यार तुम बहूत होशियार लगते हो।इतना कहते ही मैं पीछे मुड़ा तो देखा एक लगभग मेरी ही हाइट की लड़की बगल में खड़ी हो गयी बोली hi मैं पूजा और आप मैनें कहा मैं निखिल बोली कहां से हो मैनें कहा मैं नौबस्ता के पास रहता हू और आप बोली जहानाबाद मैनें कहा वाओ मेरा गांव वहीं है थोड़ा आगे खजुआ में बस ऐसी अपनी सुरुवात हुई और फिर कभी कभार बात होती थी।मैं थोड़ा लड़कियों के मामले में कम समझ रखता था।
फिर एक दिन उसने मुझसे मेरी बॉटनी की बुक मांगी बोली कल दे दूंगी जैसे मैनें बुक दी तो बोली अपना मोबाइल नंबर दो मैनें कहा हम यहां मिलते तो हैं तो नंबर क्यों बोली मान लो कल में नहीं आयी तो मैं बता दूंगी जिससे तुम मुझसे नाराज तो नहीं होगे।
मैनें कहा ठीक और अपना नंबर दिया फिर हमारी बात होने लगी।एक दिन सुबह मेरे पास कॉल आयी बोली हेलो कैसे हो मेरे स्वीटहार्ट बेबी मैनें कहा यार ऐसे मत बोला करो अजीब होता है तो बोली क्या बोला करू मैनें कहा बस मेरा नाम वो हस्ते हुए बोली मैं नौबस्ता में ही जो जूलॉजी वाले सर् हैं उनकी कोचिंग जॉइन कर रही इस लिए इतनी जल्दी कॉल की मैनें सुना है तुम भी वही जाते हो तभी होशियार हो तो सोचा मैं भी होशियार हो जाऊं।में भी हस्ते हुए बोल पड़ा इरादा क्या है बोली तुम्हें फ़साने का मेरे मुँह से अब कोई शब्द नहीं निकला और huunn कह के कॉल काट दी।ऐसे कई दिन कट गए हम अंजान से दोस्त और दोस्त से बहूत अच्छे दोस्त बन गए हम दोनों की कास्ट अलग अलग थी इस लिए मैं उससे थोड़ी दूरी बना कर रखना चाहता था लेकिन वो मेरे करीब आना चाहती थी।ये बात अब सारे क्लास के लोगों को पता चल चुका था ।तभी जब कभी वो कॉलेज नहीं आती तो सब मुझसे पूछते आज तुम्हारी mam कहाँ हैं तो मैं शर्माते हुए बोल देता मुझे क्या पता वो कोई मेरी पत्नी तो है नहीं जो सब जानकारी राख्खू हो गया होगा कोई काम तो नहीं आयी।।फिर एक दिन वो मनहूस दिन आया जो मैंने कभी सोचा नहीं वो मॉर्निंग में कोचिंग के लिए निकली तो मुझे कॉल किया कि मैं रोड पे खड़ी हु अभी बस नहीं मिल रही मैं क्या करूँ आज कोचिंग के लिए लेट हो जाउंगी तो मैंने कहा चिंता मत करो मैं हुँ न  जो छूट जाएगा मैं बता दूंगा इतनी बात होते ही मोबाइल कॉल कट गई मैं हेलो हेलो चिल्लाता रहा मेरे दोस्त साथ में खड़े बोले क्या हुआ मैनें गुस्से में कहा यार ये भी कोई बात होती है कॉल काटते टाइम कोई भी हो बाई बाद में बात करता हु या करती हूं कह के काटता है ये ऐसे ही बिना बताए काट दिया तो दोस्त बोले रोड पे होगी तो बस आ गयी होगी तो अचानक काट दी टेंशन क्यों ले रहा मैनें कहा नहीं भाई पहले इसने ऐसा कभी नहीं किया मेरा दिल घबराने लगा कोचिंग का टाइम हो चुका सर् भी आ चुके हमने पढ़ना स्टार्ट कर दिया थोड़ी देर में हमारी कोचिंग की एक लड़की जो पूजा के साथ आती थी क्लास में घुसते ही रोने लगी सब उसे देख अचानक तेज़ी से खड़े हुए और सब एक साथ बोल पड़े क्या हुआ रो क्यों रही और इतनी देर से क्यों आयी।वो बोलना चाहती थी पर डरते और कापते हुए लहजे में बोली सर् बहूत बुरा हुआ सर् ने बोला बताओगी क्या हुआ तो वो रोते हुए बोली जो मेरे साथ लड़की आती थी वो पूजा उसका एक्सीडेंट हो गया मैं लेट हो रही थी तो सोचा वो नही आएगी तो मैं चली आयी थोड़ा आगे चल ही पायी थी तो जाम लग गया तो मैनें लोगों से पूछा ये जाम कैसा तो लोग बोले कोई लड़की थी मोबाइल पे बात करते हुए रोड पार करके बस में बैठने जा रही थी तो एक्सीडेंट होने से मौत हो गयी उसकी मैनें ओह्ह गॉड कहते हुए यहां आ गयी।लेकिन कोचिंग आते टाइम किसी ने बस में बताया कि वो लड़की जहानाबाद की है और बेचारी कोचिंग में लेट होने के कारण ऐसा हो गया तो मुझे लगा वहां से तो नौबस्ता पढ़ने के लिए पूजा ही आती है पर अभी मुझे विश्वास नहीं ये सुनते ही मेरे पैरों। तले जमीन ही खिसक गई मैं आंखों में आँशु लिए अपने आप को यही समझा रहा था वो नहीं होगी मैनें उस लड़की से टाइम पूछा तो बोली 7 बजे के करीब तो मुझे अपने आप मे गुस्सा आया क्योंकि उस टाइम मैं ही उससे बात कर रहा था।मैं अपनी ही सोच में खोया था कि सर् की आवाज़ में आई क्या हुआ निखिल और उन्होंने सबको कहा आज छुट्टी अजीब लग रहा है आज पढ़ाने का मन नहीं है और वो जैसे बाहर निकले तो उनके मोबाइल में बेल बजी हम लोग आपस में बात करने लगे कि कौन था वो सबने उस लड़की को चिल्लाना सुरु किया कि जब तुमने देखा नही तो कैसे कह सकती वो पूजा ही है और सब मेरी तरफ देखने लगे में भी आंखों में आँशु लिए हुए बोला वो नहीं है पागल हो वो ऐसी बेवकूफी नही करेगी कि रोड पे बात करते हुए आये।इतना कहते हुए मैं अपने आप को तसल्ली देता की उससे पहले सर् की बाहर से आवाज़ आयी तुम सब अपने अपने घर जाओ आज छुट्टी हो गयी कॉलेज में वो जो एक्सीडेंट हुआ वो लड़की अपने कॉलेज की है और वो पूजा ही है जिसको उससे मिलने जाना है तो जा सकता है पर अपने घर वालों को सूचना दे दो।ये सुनते ही में रोने लगा मेरे साथियों ने समझाया यार जो हुआ क्या कर सकते चले उसके घर मैनें कहा मैं उसे उस हाल में नहीं देख सकता ये कहते हुए अपने घर आ गया दो दिन मैंने खाना नहीं खाया तो पापा बोले क्या हुआ मैनें कहा कुछ अच्छा नहीं लग रहा सच तो ये था उसकी मौत का जिम्मेदार में अपने आप को मान रहा था क्योंकि अगर मैं उससे कॉल पहले ही कट करने को कहता तो शायद ये ना होता।
बस जिंदगी का वो पल हमेशा याद रहेगा जिसे सोच मैं आज भी परेसान हो जाता हूँ।


अनुराज

Sangram Nikhil Singh

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उरी का बदला दिला करके विश्वास दिलाया मोदी जी,
अबकी बार भी वैसा ही कुछ कर दिखलाना मोदी जी।।

उरी के बदले एक दिया था जब अपना परिचय मोदी जी,
पुलवामा के बदले पांच दिलाकर कर दो साफ अब मोदी जी।।

अब जवानों की शहादत पर न हो कोई राजनीति,
56इंची सीने का करतब दिखलाना मोदी जी।।

हो इसी बार जो होना है,हम है तैयार जो खोना है।
अब यह खुल के साफ़ करें कि,
औऱ कब तक रोना है।।

"निखिल" पाक नही चाहिए पर,
अब नापाक भी नही चाहिए मोदी जी।।

"संग्राम निखिल सिंह"

पुलवामा में शहीद हुए जवानों को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि...🙏
कृपया इसी नाम के साथ शेयर करे, वन्दे मातरम् 🇮🇳 #NojotoQuote

Nikhil Kumar

★ज़ुल्म कुछ भी नहीं था  'निखिल'
सुना है जुल्म की सजा काटते हो,

अपने दर्द को जिंदा रखकर,
सुना है दर्द की दवा बाँटते हो।★

              ★ निखिल की कलम से।★ #ज़ख़्मी_दिल#

Nikhil Kumar

अब क्या कहें ' निखिल' मशवरे मोहब्बत में

दिल कई बार टूटेगा ,जुड़ने की फ़िराक में

मुझे तो मिल नहीं पाया जिसे सब प्रेम कहते है

फरेबी चेहरे ही देखे , मैंने अक़्सर नकाब में।

निखिल की कलम से। #मशवरा_मोहब्बत_का#nojoto_shayree

Nikhil Kumar

मन कोपभवन में बैठ गया
 जिद्दी छोटी सी जिद लेकर,
बोला की चाँद को ले आओ
खेलूँगा चाँद संग मन भरकर,
मैं बोला रे मन ले आता-2
पर कमी एक छोटी सी है,
जिस घर का वासी तू ठहरा 
उसमें एक छोटा दिल भी है,
उसकी भी अपनी आदत है 
वो दाग पसंद नही करता,
बेदाग खिलौने लाया हूँ
जाकर उससे मन बहला लो,
अग्रज हो तुम मन समझा लो 
मैं पक्षपात तो नही करता,
इस 'निखिल' की अपनी आदत है
अनुजों को निराश नहीं करता।
-निखिल की कलम से। #कविता_शीर्षक
#जिद्दी_मन

Nikhil Kumar

कविता - धरा बखान
इरादा क्यूँ बनाते हो वहाँ अम्बर में उड़ने का,
धरा भी खूबसूरत है इसे तुम गौर से देखो। 
वहाँ बस धूप तपती है कुछ काले मेघ चलते हैं,
यहाँ पर धूप खिलती है कभी तुम शीत में आओ।
नए पत्ते निकलते हैं नई कलियाँ भी खिलती हैं,
मनोहर फूल खिलते हैं जो सब के मन को हरते हैं।
घटा सावन की छाती है शाख पर कोयल गाती है,
विविध रंगों की एक तितली मेरे आँगन में आती है।
धरा पर देह धरकर के यहाँ पर सुर भी आते है,
कभी वो राम बनते हैं कभी कृष्ण बन जाते हैं।
मिले फुरसत कभी जो फिर निखिल के पास आ जाना,
धरा को छोड़कर जाने की चाहत दफ़्न कर दूँगा,
तुम्हें धरती दिखाऊंगा इसी में मग्न कर दूंगा।
--निखिल की कलम से
 #कविता-#धरा_बखान

RAJ SINGH ✔️

#दस_साल_बाद 

                           #मौत_का_इजहार 

                            #Rebirth 

                                #PART_1
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