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Insprational Qoute
मेरे मन की मेहरबानियां ही तो ये है जो आज मेरे दुखो का बांध टूटने नही देती, जमाना बड़ा निर्मोही है प्यारे यह छुपा गम मुस्कुराहट के पीछे किसी से न कहती, जीवन तो मात्र पानी का क्षणभंगुर सा बुलबुला है,न जाने कब समुद्र में मिल जाये, आज जो बड़े अच्छे चेहरे है तेरे सामने वो न जाने कब का कब पल में बदल जाये, सोच को अपनी इतनी विशाल रखो की कोई भी संकुचित विचारों का आगमन न हो, ईश्वर हम है नही इसलिए काम ऐसे करो कि तेरे पीठ पीछे भी तेरे सुकर्मों की जय हो। 📌नीचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें..🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को रचना का सार..📖 की प्रतियोगिता :- 178 में स्वागत करता है..🙏🙏 💫आप सभी 4-6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा।
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read moreनरेश होशियारपुरी
मन की बहकावें में जब दिल आता है। मन की ही करता है खुद को भूल जाता है। नहीं टिकती सदा मन की मेहरबानियां। भर्म टूटता है जब फिर समझ में आता है। 📌नीचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें..🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को रचना का सार..📖 की प्रतियोगिता :- 178 में स्वागत करता है..🙏🙏 💫आप सभी 4-6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा।
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read moreNeha Pathak
खुला है आसमाँ खुली है ज़मी क़ैद है मानव, भरके आँखों में नमी. मन की है मेहरबानियाँ हिम्मत वह हारती नहीं, स्थिति कुछ बदली-बदली सी है लग रही, जान अब लगती है मौत से भी सस्ती- थोड़ा और सहे हम दर्द-ओ-ग़म-आशा है ख़त्म होगा महामारी जल्द ही! 📌नीचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें..🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को रचना का सार..📖 की प्रतियोगिता :- 178 में स्वागत करता है..🙏🙏 💫आप सभी 4-6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा।
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read moreअभिलाष सोनी
मन की मेहरबानियाँ कहती हैं, हर किसी पे ऐतबार न कर। जो पूरा न कर सके तू कभी, ऐसा कहीं कोई इक़रार न कर। मुक़म्मल चाहत पाने के लिए, जो तू यूँ दर-दर भटकता है। ख़्वाहिशों को अपनी लगाम दे, बेवजह को इंकार न कर। तुझको वो जरूर मिलेगा, जो है तेरी किस्मत में लिखा। हसरतों को अपनी काबू कर, हर किसी से इज़हार न कर। 📌नीचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें..🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को रचना का सार..📖 की प्रतियोगिता :- 178 में स्वागत करता है..🙏🙏 💫आप सभी 4-6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा।
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read moreDR. SANJU TRIPATHI
गर हो जाए मन की मेहरबानियांँ तो मिट जाए जिंदगी की सारी परेशानियांँ, भटके न मन कभी भी इधर-उधर जब दिल की हो जाए मन से यारियांँ। सीख जाए गर मन हर हाल में खुश रहना तो मिट जाए सारी उदासियांँ, सजने लगेगीं जिंदगी में महफिलें दूर हो जाएंगीं सारी की सारी वीरानियांँ। 📌नीचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें..🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को रचना का सार..📖 की प्रतियोगिता :- 178 में स्वागत करता है..🙏🙏 💫आप सभी 4-6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा।
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read moreAnil Prasad Sinha 'Madhukar'
संतुष्ट नहीं कोई भी धरा पर, ख्वाब कभी भी पूरा होता नहीं, हर कोई बढ़कर चाहे, जब मन गढ़ता हो नित नई कहानियाँ। पैदल की चाह साईकिल, साईकिल से गाड़ी फिर हवाई जहाज, ना टिके ना रूके, चंचल चपल द्रुतगामी होते मन की निशानियाँ। जब आँख खुली हर ख़्वाब थे झूठे, ख़ुद को बस तन्हा पाया, लिखा जो तक़दीर बना रहूँ फ़कीर, थी केवल मन की मेहरबानियाँ। 📌नीचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें..🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को रचना का सार..📖 की प्रतियोगिता :- 178 में स्वागत करता है..🙏🙏 💫आप सभी 4-6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा।
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