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Ganesh ram

pran bhale hi jaaye #mahabharat_charitra

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sagar

अमन सिन्हा

@Lovely_121rewa

नेहा उदय भान गुप्ता

#yqbaba #yqdidi #myquote #openforcollab #collabwithmitali #mahabharat_charitra #माता_गांधारी Time limit till 10:00pm tonight... No word limit You have to maintain these hashtags Kindly keep the bell icon on to get recent updates... Results will be out tomorrow along with new topic...

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गांधार देश की थी राजकुमारी गांधारी, कन्या थी वो सुबल राज्य की।
ब्याह कर अाई हस्तिनापुर फ़िर शिवभक्तनी, रानी बनी वो धृतराष्ट्र की।।
पतिव्रता थी नारी वो सत्य सत्यवती, आदर्श का लहराया परचम महान।
बांध ली आंखों पर वो पट्टी, ना हो नेत्रहीन धृतराष्ट्र को हीनता का एहसास।।
परम शिवभक्तनी नारी, कर तपस्या पाया शिव से सौ पुत्रों का वरदान।
गर्भाधान के 2 वर्ष बाद भी पुत्र ना पाकर, वो हुई हताश और निराश।।
क्रोध और ईर्ष्या के वशीभूत होकर, किया उसने अपने उदर पर प्रहार।
फ़िर उदर से निकला मांसपिंड, पड़ी अचरज में गांधारी, कैसा ये आकर।।
प्रकट हुए जब ऋषि वेद व्यास, फ़िर सुनाई गांधारी अपनी आपबीती।
ऋषि के निर्देशानुसार कर करके, पाई वो फ़िर सौ संतानों की प्रीति।।
सौ पुत्रों की फ़िर वो माता बानी, पाई गांधारी पुत्री दुष्शला सुकुमारी।
धर्म का भी कभी ना उसने त्याग किया, पुत्र मोह में भी पड़ी गांधारी।।
हो चाहे लक्ष्याग्रह, या हो द्रोपदी वस्त्र हरण, सबका किया उसने विरोध।
अाई फ़िर जब पुत्र प्रेम की बारी, समस्त शक्ति से बनाया उसे वज्र सा कठोर।।
पुत्र मोह में फंसकर, दिया विवश मा गांधारी ने भगवान श्रीकृष्ण को श्राप।
जैसे हुआ मेरे कुल ना नाश, संग तुम्हारे हो जायेगा तुम्हारे कुल का विनाश।।
थी वो आदर्श नारी, पतिव्रता में महान, इतिहास भी करता जिसका सम्मान।
शीश झुकाकर कर उदय दुलारी नेह भी, करती गांधारी को शत शत प्रणाम।।  #yqbaba #yqdidi  #myquote #openforcollab  #collabwithmitali #mahabharat_charitra #माता_गांधारी


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नेहा उदय भान गुप्ता

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है इनका किरदार अति पावन, प्रमुख पात्र है ये महाभारत के।
महाराज प्रतीप के पुत्र ये, कहानी है ये हस्तिना पुर महाराज के।।
अति बलशाली, अति वीर थे, पावन हृदय कोमलता का पहचान।
देवी गंगा संग विवाह किए, पाया पुत्र देवव्रत सा महान।।
तोड़ दिए जब प्रतिज्ञा गंगा का, पुत्र संग तब हुई अदृश्य।
तन्हाई दुखों में जीवन काटें, याद आने लगा बीते दृश्य।।
वर्षों बाद गंगा अाई वापस, पिता को पुत्र की धरोहर सौंप दी।।
पुत्र को पा हुए ख़ुश, पर कमी खलने लगी जीवन संगिनी की।
गंगा के किनारे बैठे तट पर, देख सत्यवती को ये हुए मोहित।
रोज जाकर उन्हें निहारने लगे, विवाह करने को हुए इक्छित।।
सत्यवती के पिता की शर्ते थी कि उनका पुत्र होगा गद्दी पर आसित
पर था यह बड़ा प्रण, पर पुत्र मोह में ना दे पाएं यह वचन।।
अब अाई वचन निभाने की बारी पुत्र की, किया उसने प्रतिज्ञा भीष्म।
आजीवन ब्रह्मचारी रहूंगा, तब देवब्रत से हुआ उनका नाम भीष्म।।
पुत्र प्रेम से भावुक होकर, दिया भीष्म को इच्क्षा मृत्यु का वरदान।
किए सत्यवती से फ़िर विवाह, हुआ पूर्ण फ़िर इनका प्रेम प्रसंग।।
पाया महाराज शांतनु ने, चित्रांगद और विचित्रवीर्य पुत्र को।
कथा इनकी गौरवशाली, याद करेगा जग युगों युगों तक शांतनु को।।  #yqbaba #yqdidi  #myquote #openforcollab  #collabwithmitali #mahabharat_charitra #maharaj_shantanu

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नेहा उदय भान गुप्ता

था जो सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर, दानवीरता में भी नहीं था कोई जिसके सामान। उदय दुलारी नेह आज गाथ लिखेगी, था जो महारथी कर्ण महान।। महर्षि दुर्वासा के दिए मंत्र से, कुन्ती ने किया सूर्य देव का आह्वावन। ऋषि का मंत्र मिथ्या ना जावें, इसलिए सूर्य ने किया पुत्र प्रदान।। कवच और कुंडल लेकर वो अवतरित हुए, सूर्य पुत्र दानवीर कर्ण।

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है ये कथा गौरवशाली भारत के इतिहास की।
दानवीर में जो अग्रणी था, वो कर्ण महान की।

बाक़ी अनुशीर्षक में पढ़े..👇👇  
था जो सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर, दानवीरता में भी नहीं था कोई जिसके सामान।
उदय दुलारी नेह आज गाथ लिखेगी, था जो महारथी कर्ण महान।।

महर्षि दुर्वासा के दिए मंत्र से, कुन्ती ने किया सूर्य देव का आह्वावन।
ऋषि का मंत्र मिथ्या ना जावें, इसलिए सूर्य ने किया पुत्र प्रदान।।

कवच और कुंडल लेकर वो अवतरित हुए, सूर्य पुत्र दानवीर कर्ण।

DR. SANJU TRIPATHI

#yqbaba #yqdidi #myquote #openforcollab #collabwithmitali #mahabharat_charitra #nakul_sahdev Time limit till 10:00pm tonight... No word limit You have to maintain these hashtags Kindly keep the bell icon on to get recent updates... Results will be out tomorrow along with new topic...

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अश्विनी कुमार नकुल सहदेव पांच पांडवों में चौथे और पांचवें स्थान पर थे।
माता माद्री के कोख से इनका जन्म चिकित्सक अश्विनों के वरदान से हुआ था।

नकुल, सहदेव शक्ति और रूप में जुड़वा बंधु स्वयं जुड़वा अश्विनों से बढ़कर थे।
नकुल का अर्थ है परम विद्वान नकुल धर्म नीति और चिकित्सा शास्त्र में दक्ष थे।

नकुल के गुरु द्रोणाचार्य थे नकुल पशु चिकित्सा और अश्वविद्या में दक्ष थे।
अज्ञातवास में नकुल ने ग्रंथिक का भेष बना राजा विराट के घोड़ों की देखभाल की।

नकुल वर्षा में बिना जल छुए घुड़सवारी कर सकते थे घुड़सवारी में पारंगत थे।
पत्नी द्रौपदी से पुत्र शतानीक और पत्नी करेणुमति से निरमित्र पुत्र हुए थे।

नकुल कामदेव सम सुंदर थे इसी घमंड के कारण स्वर्ग जाने के मार्ग में मृत्यु हुई थी।
सहदेव सबसे छोटे पांडु पुत्र थे यह भी पशुपालन शास्त्र और चिकित्सा में दक्ष थे।

अज्ञातवास में राजा विराट के यहां पशुओं की देखरेख व गाय चराने का कार्य किया।
सहदेव ने द्रोणाचार्य से धर्मशास्त्र चिकित्सा के अलावा ज्योतिष विद्या भी सीखी।

त्रिकालदर्शी थे सहदेव महाभारत के परिणाम जानते थे श्रीकृष्ण ने श्राप से चुप रहे।
सहदेव की चार पत्नियां थी द्रौपदी विजया भानुमति और जरासंध की कन्या।

सहदेव के नाम से तीन ग्रंथ प्राप्त हैं व्याधिसंधिमर्दन अग्नि शोध और शगुन परीक्षा।
अश्विनी कुमार नकुल और सहदेव भाइयों और माताओं के अति प्रिय थे
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DR. SANJU TRIPATHI

हस्तिनापुर के महाराज धृतराष्ट्र और गांधारी का पुत्र था दुर्योधन। महाबली योद्धा श्रेष्ठ गदाधारी द्रोणाचार्य का शिष्य था दुर्योधन। कौरव वंश का सौ पुत्रों में श्रेष्ठ पुत्र, बड़ा ही महत्वाकांक्षी था। शकुनि मामा ने बना दिया था दुर्योधन को राजपाट का लोभी। राजपाट और सिंहासन पाने को रहता था वह प्रबल आकांक्षी। कौरव सदा ही पांडवों को नीचा दिखाने की युक्ति लगाते थे।

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कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें
👇 👇 👇👇 हस्तिनापुर के महाराज धृतराष्ट्र और गांधारी का पुत्र था दुर्योधन।
महाबली योद्धा श्रेष्ठ गदाधारी द्रोणाचार्य का शिष्य था दुर्योधन।

कौरव वंश का सौ पुत्रों में श्रेष्ठ पुत्र, बड़ा ही महत्वाकांक्षी था।
शकुनि मामा ने बना दिया था दुर्योधन को राजपाट का लोभी। 

राजपाट और सिंहासन पाने को रहता था वह प्रबल आकांक्षी।
कौरव सदा ही पांडवों को नीचा दिखाने की युक्ति लगाते थे।

DR. SANJU TRIPATHI

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भाग्य की देवी लक्ष्मी का अवतार है कृष्ण भार्या देवी रुक्मिणी।
भगवान कृष्ण की पत्नी और द्वारिका की रानी है देवी रुक्मिणी।

लक्ष्मी जी विष्णु की शक्ति और कृष्ण की शक्ति है रुक्मिणी।
शक्तिशाली विदर्भ के राजा भीष्मक की पुत्री थी देवी रुक्मिणी।

गुण, चरित्र, आकर्षण और महानता में लोकप्रिय थी रुक्मिणी।
कृष्ण से प्रेम के कारण विवाह करना चाहती थी देवी रुक्मिणी।

भाई रुक्मी ने शिशुपाल से विवाह तय किया विरोधी थीं रुक्मिणी।
 कृष्ण को प्रेम पत्र लिखकर विवाह का प्रस्ताव भेज बुलायीं रुक्मिणी।

गिरजा मंदिर जाने के बहाने से महल के बाहर आई रुक्मिणी।
स्वेच्छा से कृष्ण के संग रथ पर सवार हो गई थी देवी रुक्मिणी।

रुक्मी व कृष्ण के बीच घमासान युद्ध में रुक्मी की जान बचाई रुक्मिणी।
द्वारिका में दोनों का विवाह रचाया गया प्रेम से संग रहे कृष्ण रुक्मिणी।

वास्तविक आंतरिक सुंदरता से ओतप्रोत समर्पित पत्नी थी रुक्मिणी।
कृष्ण की अति प्रिया और सबसे समझदार पत्नी थी रानी रूक्मिणी।
-"Ek Soch"    #yqbaba #yqdidi  #myquote #openforcollab  #collabwithmitali #mahabharat_charitra #krishna_bharya_rukmini


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