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Rishi Dwivedi
॥ निर्वाण षटकम्॥ मनो बुद्ध्यहंकारचित्तानि नाहम् न च श्रोत्र जिह्वे न च घ्राण नेत्रे न च व्योम भूमिर् न तेजॊ न वायु: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवॊऽहम् ॥ न च प्राण संज्ञो न वै पञ्चवायु: न वा सप्तधातुर् न वा पञ्चकोश: न वाक्पाणिपादौ न चोपस्थपायू चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवॊऽहम् ॥ न मे द्वेष रागौ न मे लोभ मोहौ मदो नैव मे नैव मात्सर्य भाव: न धर्मो न चार्थो न कामो ना मोक्ष: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवॊऽहम् ॥ न पुण्यं न पापं न सौख्यं न दु:खम् न मन्त्रो न तीर्थं न वेदा: न यज्ञा: अहं भोजनं नैव भोज्यं न भोक्ता चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवॊऽहम् ॥ न मृत्युर् न शंका न मे जातिभेद: पिता नैव मे नैव माता न जन्म न बन्धुर् न मित्रं गुरुर्नैव शिष्य: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवॊऽहम् ॥ अहं निर्विकल्पॊ निराकार रूपॊ विभुत्वाच्च सर्वत्र सर्वेन्द्रियाणाम् न चासंगतं नैव मुक्तिर् न मेय: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवॊऽहम् ॥ ___ #yqbaba #yqdidi #yqdada #yqsanskrit
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read moreProtesting Mind 💎
একদিন আমাদের বিদ্যালয়ের শিক্ষিকা আমাদের সংস্কৃতির একটি ক্লাস নিচ্ছিলেন এবং তিনি যে শ্লোকটি পড়াচ্ছিলেন সেই শ্লোকটি হলো.. “ধর্মং বিনা সুখং ন ভবতি” আমরা সকলে শ্লোকটি শোনার পর শিক্ষিকাকে বললাম যে, ‘আমাদের একটিবার এর বঙ্গানুবাদ করে যদি এর মর্মার্থ টি বুঝিয়ে দিতেন, তবে আমাদের বুঝতে সুবিধা হত’। তখন তিনি বললেন, নিশ্চয়ই কেন নয়, এই শ্লোকটির বঙ্গানুবাদ হলো “ধর্ম ছাড়া সুখ হয় না”। তারপর তিনি আমাকে এবং আমার বন্ধুকে বললেন, বলতো রাম এবং রহিম তোমরা কি বুঝলে এই শ্লোকটির দ্বারা?
একদিন আমাদের বিদ্যালয়ের শিক্ষিকা আমাদের সংস্কৃতির একটি ক্লাস নিচ্ছিলেন এবং তিনি যে শ্লোকটি পড়াচ্ছিলেন সেই শ্লোকটি হলো.. “ধর্মং বিনা সুখং ন ভবতি” আমরা সকলে শ্লোকটি শোনার পর শিক্ষিকাকে বললাম যে, ‘আমাদের একটিবার এর বঙ্গানুবাদ করে যদি এর মর্মার্থ টি বুঝিয়ে দিতেন, তবে আমাদের বুঝতে সুবিধা হত’। তখন তিনি বললেন, নিশ্চয়ই কেন নয়, এই শ্লোকটির বঙ্গানুবাদ হলো “ধর্ম ছাড়া সুখ হয় না”। তারপর তিনি আমাকে এবং আমার বন্ধুকে বললেন, বলতো রাম এবং রহিম তোমরা কি বুঝলে এই শ্লোকটির দ্বারা? #Bengali #yqbaba #yqdada #স্বপ্নরুদ্রেক #protesting_mind #yqsanskrit #sapnorudrek
read moreGeet Misha
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् | उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्|| #yqdidi #yqbaba #yqsanskrit #bholenath #goddess_of_love #believe "श्रावण मास" की हार्दिक शुभकामनाएँ,🙏🏻
#yqdidi #yqbaba #yqsanskrit #Bholenath #goddess_of_love believe "श्रावण मास" की हार्दिक शुभकामनाएँ,🙏🏻 #Believe
read moreRaunack
इंसान बनने की चाह, सब में होती है, पर स्वार्थ के सामने इंसानियत सांस ही नही ले पाती....... #yqsanskrit #yqdidi #yqbaba
Vivek Kumar Singh
नमस्करोमि तव चरणयो:, हन्तु अज्ञान, स्वपुत्राय ददातु माते! विद्याया: वरदान। मूर्खोऽहमस्मि, अस्मि च कुमार्गगामी, क्षमस्व माम् , अस्मि लोभी च कामी। न करिष्यामीदृशंकदापि, ममेदं व्रतंमहान्, स्वपुत्राय ददातु माते! विद्याया: वरदान।। वरदान #yqdidi #yqbaba #yqgudiya #yqsanskrit #yqmuzaffarpur
वरदान #yqdidi #yqbaba #yqgudiya #yqsanskrit #yqmuzaffarpur
read moreVivek Kumar Singh
मया किमपराधोऽभवन्नारद्! भवता भयंकरो वरो आनीत:। सम्यक्वस्त्राणि च न आभूषणानि, कण्ठे नागराजश्च तनेव्याघ्रचर्माणि। भवती न करोतु विवाहम्, हे गिरिजा! वार्तांकरोमि, अतिशिघ्रमहम्। प्रसीदतु माते, किमपि न चिंतयतु, महादेव: स: , तस्य रूपमनुपम।। महादेव 🙏🏻 #vks #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqmuzaffarpur #shiva #yqsanskrit
महादेव 🙏🏻 #Vks #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqmuzaffarpur #Shiva #yqsanskrit
read moreVivek Kumar Singh
माता यशोदा अरण्यमगच्छत्, तत्र धेनव:, बालाश्च आसन्। "कान्हा-कान्हा" इति वदन्ती, नद्यास्तीरे गोपिकाश्च अव्रजन्। सर्वे जना: सर्वत्र अपश्यन्, परंतु श्याम: न अत्र न तत्र । महानसमे स: नवनीतमखादत्, तस्य निवासश्च न अन्यत्र ।। श्याम: #yqbaba #yqdidi #yqsanskrit #vks #yqmuzaffarpur माता यशोदा वन को गईं लेकिन वहाँ गायें और बच्चे ही थे। फ़िर कान्हा-कान्हा पुकारतीं गोपियाँ नदी के किनारे गईं। सभी लोगों ने सभी जगह देखा लेकिन श्रीकृष्ण कहीं नहीं मिले। वह तो रसोईघर में बैठे मक्खन खा रहे थे, मानो वहीं उनका निवास स्थान है।
श्याम: #yqbaba #yqdidi #yqsanskrit #Vks #yqmuzaffarpur माता यशोदा वन को गईं लेकिन वहाँ गायें और बच्चे ही थे। फ़िर कान्हा-कान्हा पुकारतीं गोपियाँ नदी के किनारे गईं। सभी लोगों ने सभी जगह देखा लेकिन श्रीकृष्ण कहीं नहीं मिले। वह तो रसोईघर में बैठे मक्खन खा रहे थे, मानो वहीं उनका निवास स्थान है।
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अस्ति क्रुद्धा भवती किमर्थम्? किमपि न शृणोति, वदति न च। दु:खिता मुद्रा, हसति न च। आर्द्रे नयने, रोदिति किमर्थम् ? अस्ति क्रुद्धा भवती किमर्थम्? कूजती चटका तूष्णीमस्ति, विदीर्णं मम हृदयमस्ति। अयि भो! निकषा आगच्छतु, स्वहस्तौ मम हस्तयो: यच्छतु। दूरातिदूरं व्रजति किमर्थम्? अस्ति क्रुद्धा भवती किमर्थम्? अस्ति क्रुद्धा भवती किमर्थम्? #yqsanskrit #yqbaba #yqdidi #vks #yqmuzaffarpur
अस्ति क्रुद्धा भवती किमर्थम्? #yqsanskrit #yqbaba #yqdidi #Vks #yqmuzaffarpur
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शैलजामात्रे च शैलजानाथाय, नमामि योगीराज्ञे च दिगंबराय। स्वयंभुवे च महाकालाय, नमः शंकराय च नमः शिवाय। नटराज्ञे च भीषणभटाय, नमामि शंभवे च रामेश्वराय। तांडवकर्त्रे च आशुतोषाय, नमः शंकराय च नमः शिवाय।। नमः शिवाय #yqsanskrit #yqbaba #yqdidi #vks #yqmuzaffarpur
नमः शिवाय #yqsanskrit #yqbaba #yqdidi #Vks #yqmuzaffarpur
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तववदनकांत्या प्रकाशितं, अभिराममर्द्धचंद्रसदृशम्। अतुल्यमतिप्रियदर्शनम्, मनोहरंतव नासाभरणम्।। तव नासाभरणम्। #yqsanskrit #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqmuzaffarpur #vks
तव नासाभरणम्। #yqsanskrit #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqmuzaffarpur #Vks
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