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Poonam Suyal

खूबियाँ हैं हम सब में जंगल के राजा शेर ने बुलाया सभी को करने युद्ध की तैयारी करने लगा मंत्रणा सबसे किसको क्या दी जाएगी जिम्मेदारी हाथी, हिरण, खरगोश, बंदर, गधा, भालू

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खूबियाँ हैं हम सब में 

(अनुशीर्षक में पढ़ें)













 खूबियाँ हैं हम सब में 

जंगल के राजा शेर ने बुलाया सभी को 
करने युद्ध की तैयारी 
करने लगा मंत्रणा सबसे 
किसको क्या दी जाएगी जिम्मेदारी 

हाथी, हिरण, खरगोश, बंदर, गधा, भालू

Anuj Jain

रात होने को थी परंतु बिट्टू की आँखों में नींद का नामो निशान न था। 
छुटकी ने बताया था की आज अमावस्या की रात है और आज भूत निकलते हैं उन बच्चों को खाने जो झूठ बोलते हैं। छुटकी के अनुसार पहले भूत उन बच्चों के बाल पकड़ कर हवा में लटका देते हैं। 
बिट्टू को डर खाये जा रहा था की उसने छुटकी की चॉकलेट खा ली थी और कहा था की उसने नही देखी। 
सुबह माँ ने जब बिट्टू के कमरे में देख तो वो एक कोने में पड़ा सो रहा था और उसके बगल में कैंची पड़ी थी तथा उसके कटे हुए बाल ज़मीन पर बिखरे हुए थे। #rzबालसाहित्य 
#rzहिंदीकाव्यसम्मेलन 
#rzhindi 
#restzone 
#yqbaba 
#yqdidi 
#yqrestzone
#anujjain

Insprational Qoute

# बाल कविता ************ मन में मेरे कई उलझनें आज समाई आये रे, लीटर,मीटर कोई ग्राम मुझे आकर समझाये रे, टुनटुन मौसी सुन दौड़ी चली आई.... रामबाण सी सूझ हमें फिर समझाई....

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बाल कविता # बाल कविता
************
मन में मेरे  कई उलझनें  आज  समाई आये रे,
लीटर,मीटर कोई ग्राम मुझे आकर समझाये रे,

टुनटुन मौसी सुन दौड़ी चली आई....
रामबाण सी सूझ हमें फिर समझाई....

तेरे बिन अधूरा सा हूं...!!❤️

"बाल कविता"
___________
हम बच्चे हैं भोले-भाले
करते रहते काम निराले।

उल्टे-सीधे,टेढ़े-मेढ़े
जैसा बनता वैसे जोड़ें।

चाहे धूप कड़ी हो कितनी
चाहे बरफ सी ठंड हो जितनी।

हमको फरक ना पड़ता है,
हमको तो दिन-रात बस
खेलना अच्छा लगता है। #rzहिंदीकाव्यसम्मेलन
#restzone#rzबालसाहित्य

Dr Upama Singh

आओ बच्चों तुम्हें आज सिखाऊँ। जीना कैसे है वर्तमान समय में मैं तुम्हें आज ये बतलाऊंँ।। रिश्ते, ज्ञान, प्रकृति और प्रेम दिखलाऊँ। यहीं हैं जीवन के सारे सच्चे रंग तुम्हें बताऊंँ।। जीवन में कितने भी आएं कठनाई। तुम सब ना छोड़ना राह जीवन की सच्चाई।।

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         रचना नंबर – 2 बाल कविता
         शीर्षक – “जीवन का सच”    

 आओ बच्चों तुम्हें आज सिखाऊँ।
जीना कैसे है वर्तमान समय में मैं तुम्हें आज ये बतलाऊंँ।।

रिश्ते, ज्ञान, प्रकृति और प्रेम दिखलाऊँ।
यहीं हैं जीवन के सारे सच्चे रंग तुम्हें बताऊंँ।।

जीवन में कितने भी आएं कठनाई।
तुम सब ना छोड़ना राह जीवन की सच्चाई।।

Rashmi Hule

बालकविता :- स्वरचित चिंटू, मिंटू, पप्पू, टप्पू चलो पतंग उड़ाने चले ढिल दो डोर को आसमान छूने चले.... टिपटिप बारीश गीर रही है

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चिंटू, मिंटू, पप्पू, टप्पू
चलो पतंग उड़ाने चले
ढिल दो डोर को
आसमान छूने चले.... 
टिपटिप बारीश गीर रही है
चलो बारीश में भिगने चले
बनाये नाव कागज की
उसमें सैर करने चले.... 
इमली,बेर, चाॅकलेट 
कच्ची कैरी खाने चले
खट्टी-मीठी यारी अपनी
जिवनभर निभाते चले....
       Rashmi  बालकविता :- स्वरचित 

चिंटू, मिंटू, पप्पू, टप्पू
चलो पतंग उड़ाने चले
ढिल दो डोर को
आसमान छूने चले.... 

टिपटिप बारीश गीर रही है


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