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ॐ Sᴀɴᴀᴛᴀɴɪ ꔪ
Rajeev Kumar
Humko lag raha hai Azadi 15 August ko hi milegi comedy inquilab zindabad #Comedy #inquilabzindabad
read moreNewAgeClash
"मेरे सपनों का भारत ऐसा हो जिसमें अन्याय, असमानता और दुर्बलता का कोई स्थान न हो।" - भगत सिंह . . . . . . .
read moreAmjad Hussain
good morning ©Amjad Hussain #इतिहास_के_पन्नों_से "चुपके चुपके रात दिन आंसू बहाना याद है..." गुलाम अली की गाई यह ग़ज़ल तो हम सभी ने सुनी है और आज़ादी की लड़ाई की पहचान 'इंकलाब ज़िंदाबाद' का नारा भी! लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दोनों चीज़ों में एक चीज़ कॉमन क्या है? वह हैं हसरत मोहानी। वही भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और उर्दू कवि हसरत मोहानी, जिन्होंने अपनी कलम से अंग्रेज़ों की नाक में दम कर दिया था। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के कस्बा मोहान में हुआ था। मौलाना हसरत का असली नाम सैयद फ़ज़ल-उल-हसन था, लेकिन वह कविताओं और ग़ज़लों में अपना नाम हसरत इस्तेमाल करते थे। यानी यह उनका पेन नेम था। प्रारंभिक पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी में दाखिला लिया था और कॉलेज के दौरान ही क्रांतिकारी आंदोलनों में कूद पड़े। इसी वजह से जेल भी जाना पड़ा। कॉलेज से निष्काषित भी हो गए, लेकिन आज़ादी के प्रति मोहानी की दीवानगी की कोई हद नहीं थी। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने में 1903 में 'उर्दू-ए-मुअल्ला’ पत्रिका निकालनी शुरू की जो अंग्रेज़ी शासन के खिलाफ लिखती थी। इसके बाद 1907 में उन्हें फिर से जेल हुई और उनकी पत्रिका बंद करवा दी गई। साल 1907 तक वह कांग्रेस के साथ रहे। उसके बाद बाल गंगाधर तिलक के कांग्रेस छोड़ने पर मौलाना ने भी पार्टी का साथ छोड़ दिया क्योंकि वह तिलक के करीबियों में से एक थे। फिर वह गर्मदल के क्रन्तिकारियों के साथ स्वतंत्रता के लिए लड़ने लगे। साल 1921 में हसरत मोहानी ने अहमदाबाद में हुए कांग्रेस सम्मेलन के दौरान सबसे पहले पूर्ण स्वराज्य का प्रस्ताव रखा था। प्रस्ताव तो उस समय पारित नहीं हो सका लेकिन उन्हें 1925 में फिर से जेल में डाल दिया गया। लेकिन इससे पहले ही मौलाना मोहानी साल 1921 में ‘इंकलाब ज़िंदाबाद’ का नारा भारत को दे चुके थे। यह वही नारा है जिसे भगत सिंह ने हमेशा के लिए अमर कर दिया। देश की आज़ादी के बाद हसरत मोहानी ने कोई भी सरकारी सुविधा लेने से इंकार कर दिया था। खुद के खर्चे से संसद जाते थे। उन्होंने अपनी आखिरी सांस भी देश के लिए कुर्बान कर दी। 13 मई 1951 को लखनऊ में हसरत मोहानी ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनका नाम इतिहास के पन्नों में आज भले ही धुंधला हो गया हो लेकिन उनके योगदान और कुर्बानियां अमर हैं।
#इतिहास_के_पन्नों_से "चुपके चुपके रात दिन आंसू बहाना याद है..." गुलाम अली की गाई यह ग़ज़ल तो हम सभी ने सुनी है और आज़ादी की लड़ाई की पहचान 'इंकलाब ज़िंदाबाद' का नारा भी! लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दोनों चीज़ों में एक चीज़ कॉमन क्या है? वह हैं हसरत मोहानी। वही भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और उर्दू कवि हसरत मोहानी, जिन्होंने अपनी कलम से अंग्रेज़ों की नाक में दम कर दिया था। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के कस्बा मोहान में हुआ था। मौलाना हसरत का असली नाम सैयद फ़ज़ल-उल-हसन था, लेकिन वह कविताओं और ग़ज़लों में अपना नाम हसरत इस्तेमाल करते थे। यानी यह उनका पेन नेम था। प्रारंभिक पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी में दाखिला लिया था और कॉलेज के दौरान ही क्रांतिकारी आंदोलनों में कूद पड़े। इसी वजह से जेल भी जाना पड़ा। कॉलेज से निष्काषित भी हो गए, लेकिन आज़ादी के प्रति मोहानी की दीवानगी की कोई हद नहीं थी। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने में 1903 में 'उर्दू-ए-मुअल्ला’ पत्रिका निकालनी शुरू की जो अंग्रेज़ी शासन के खिलाफ लिखती थी। इसके बाद 1907 में उन्हें फिर से जेल हुई और उनकी पत्रिका बंद करवा दी गई। साल 1907 तक वह कांग्रेस के साथ रहे। उसके बाद बाल गंगाधर तिलक के कांग्रेस छोड़ने पर मौलाना ने भी पार्टी का साथ छोड़ दिया क्योंकि वह तिलक के करीबियों में से एक थे। फिर वह गर्मदल के क्रन्तिकारियों के साथ स्वतंत्रता के लिए लड़ने लगे। साल 1921 में हसरत मोहानी ने अहमदाबाद में हुए कांग्रेस सम्मेलन के दौरान सबसे पहले पूर्ण स्वराज्य का प्रस्ताव रखा था। प्रस्ताव तो उस समय पारित नहीं हो सका लेकिन उन्हें 1925 में फिर से जेल में डाल दिया गया। लेकिन इससे पहले ही मौलाना मोहानी साल 1921 में ‘इंकलाब ज़िंदाबाद’ का नारा भारत को दे चुके थे। यह वही नारा है जिसे भगत सिंह ने हमेशा के लिए अमर कर दिया। देश की आज़ादी के बाद हसरत मोहानी ने कोई भी सरकारी सुविधा लेने से इंकार कर दिया था। खुद के खर्चे से संसद जाते थे। उन्होंने अपनी आखिरी सांस भी देश के लिए कुर्बान कर दी। 13 मई 1951 को लखनऊ में हसरत मोहानी ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनका नाम इतिहास के पन्नों में आज भले ही धुंधला हो गया हो लेकिन उनके योगदान और कुर्बानियां अमर हैं।
read moreAjay Sharma
Shaheed-e-Aazam Bhagat Singh Desh Prem di Masaal 🙏🏽 Shaheed Bhagat Singh ji ko unke janamdin par shat shat naman PC GOOGLE #yqbaba #yqoneliner #shaheedbhagatsingh #shaheedeazam #deshbhakti #deshbhakt #jaihind #inquilabzindabad
Shaheed Bhagat Singh ji ko unke janamdin par shat shat naman PC GOOGLE #yqbaba #yqoneliner #shaheedbhagatsingh #shaheedeazam #Deshbhakti #deshbhakt #jaihind #inquilabzindabad
read moreNami haider ali
इस वीर की वजह से ही इस देश में आजादी आई इसकी वीरता को देख हर एक देशद्रोही के माथे पे शिकन आई जिसने कभी हिंदुस्तान का मस्तक ना झुकने दिया जिसने अपने लहू से आजादी का आगाज शुरू किया जिसका लहू आज भी हर एक हिंदुस्तानी के रगों में दौड़ता है वह शहीद भगत सिंह आज भी अमर है क्योंकि वतन पर कुर्बान होने वाले कभी मरते नहीं वीरता भी जिस वीर के सामने अपने मस्तक झुका कर आई इस देश के वीर पुत्र भगत सिंह की गाथा सुनके हर एक हिंदुस्तानी की आंखें भर आई भारत को वैचारिक क्रांति से जोड़ने वाले अमर शहीद भगतसिंह का आज जन्मदिवस है। धार्मिक उन्माद, असामनता और अन्याय के विरुद्ध लड़ने वाले भगतसिंह ने भारत की आज़ादी के लिए हँसते-हँसते अपने प्राणों की आहुति दे दी। शत-शत नमन है उन्हें। #शहीदभगतसिंह #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #inquilabzindabad #namihaideraliquotes #poem
भारत को वैचारिक क्रांति से जोड़ने वाले अमर शहीद भगतसिंह का आज जन्मदिवस है। धार्मिक उन्माद, असामनता और अन्याय के विरुद्ध लड़ने वाले भगतसिंह ने भारत की आज़ादी के लिए हँसते-हँसते अपने प्राणों की आहुति दे दी। शत-शत नमन है उन्हें। #शहीदभगतसिंह #Collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #inquilabzindabad #namihaideraliquotes #poem
read moreRaja Shekar
ಅವನ ಎದೆಗೆ ಗುಂಡಿಕ್ಕಿ ಕೊಂದಿರಬಹುದು ನೀನು ಆದರೆ ಅವನು ಪಸರಿಸಿರುವ ಕಾಡು ಮಲ್ಲಿಗೆಯಂತ ಕ್ರಾಂತಿಯ ಸುಗಂಧವ ಹೇಗೆ ತಡೆಯುವೆ ಈಗ? #inquilabzindabad
Nagvendra Sharma( Raghu)
इक तेरे सम्मान के खातिर, सब कुछ हम लुटा देंगे, हम तेरे चरणों कि रज को, भाल पे अपने सजा देंगे, तेरे श्वेत मुकुट कि शोभा फिर से हमें बचानी है, फिर से तेरे सिंहो कि गर्जन दुश्मन को हमें सुनानी है, हम तेरे गेसु के रंग को, दुश्मन के लहु से सजा देंगे, हम तेरे चरणों के आगे नभ, पाताल नवा देंगे,
इक तेरे सम्मान के खातिर, सब कुछ हम लुटा देंगे, हम तेरे चरणों कि रज को, भाल पे अपने सजा देंगे, तेरे श्वेत मुकुट कि शोभा फिर से हमें बचानी है, फिर से तेरे सिंहो कि गर्जन दुश्मन को हमें सुनानी है, हम तेरे गेसु के रंग को, दुश्मन के लहु से सजा देंगे, हम तेरे चरणों के आगे नभ, पाताल नवा देंगे,
read moreNagvendra Sharma( Raghu)
अभी तो ओढ लिया है 'तिरंगा' हमने बना कर कफन, परन्तु जल्द ही कर देगें तुम्हे हम हर हाल में दफन, हर हाल में तुम्हें हम मार गिराऐगें, पृथ्वी पर पैदा न हो पाओगे कायरों, ऐसा सबक सिखाएगे । अभी तो ओढ लिया है 'तिरंगा' हमने बना कर कफन, परन्तु जल्द ही कर देगें तुम्हे हम हर हाल में दफन, हम हर हाल में तुम्हें हम मार गिराऐगें, पृथ्वी पर पैदा न हो पाओगे कायरों, ऐसा सबक सिखाएगे । #nagvendrasharma #indianarmy #श्रद्धांजलि #pulwamaattack #vandematram #jaihind #india #inquilabzindabad
अभी तो ओढ लिया है 'तिरंगा' हमने बना कर कफन, परन्तु जल्द ही कर देगें तुम्हे हम हर हाल में दफन, हम हर हाल में तुम्हें हम मार गिराऐगें, पृथ्वी पर पैदा न हो पाओगे कायरों, ऐसा सबक सिखाएगे । #nagvendrasharma #IndianArmy #श्रद्धांजलि #PulwamaAttack #VandeMatram #jaihind #India #inquilabzindabad
read moreNagvendra Sharma( Raghu)
भ्रष्ट नेता के हाथों सम्मान लुटने नहीं देंगे, गुनहगार को कुटेंगे,बेगुनाह को कुटने नही देंगे, बात जब तक सही गलत कि है तब तक ठीक है जनाब, बात जब देशहित कि होगी शीश "भारत" का झुकने नहीं देंगे । भ्रष्ट नेता के हाथों सम्मान लुटने नहीं देंगे, गुनहगार को कुटेंगे,बेगुनाह को कुटने नही देंगे, बात जब तक सही गलत कि है तब तक ठीक है जनाब, बात जब देशहित कि होगी शीश "भारत" का झुकने नहीं देंगे । #nagvendrasharma #india #yqquotes #yqhindi #yqindia #loveindia #inquilabzindabad #proudtobeanindian
भ्रष्ट नेता के हाथों सम्मान लुटने नहीं देंगे, गुनहगार को कुटेंगे,बेगुनाह को कुटने नही देंगे, बात जब तक सही गलत कि है तब तक ठीक है जनाब, बात जब देशहित कि होगी शीश "भारत" का झुकने नहीं देंगे । #nagvendrasharma #India #yqquotes #yqhindi #yqindia #loveindia #inquilabzindabad #proudtobeanindian
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