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QUAZI MUEEZ HASHMI

तुम ख़्वाब देखों, हकीकत हम बनाएँगे । तुम्हें करेंगे चाॅकलेट के लिए परेशान, फिर तुम्हारे चहरे पर हँसी भी हम लाएँगे । जब भूल जाओगे अपने सारे गम तब चाॅकलेट अकेले-अकेले हम खाएँगे, तुम दूर से देखना हम तुम्हें चिड़ाएँगे ।

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#OpenPoetry तुम ख़्वाब देखों,
हकीकत हम बनाएँगे ।

तुम्हें करेंगे चाॅकलेट के लिए परेशान,
फिर तुम्हारे चहरे पर हँसी भी हम लाएँगे ।

जब भूल जाओगे अपने सारे गम तब चाॅकलेट अकेले-अकेले हम खाएँगे,
तुम दूर से देखना हम तुम्हें चिड़ाएँगे ।

तुम बनना टोम हम जैरी बन कर सताएँगे,
अकसर साथ मिल कर चाॅकलेट भी तो खाएँगे।

हम शुरू करेंगे दोस्ती का गाना फिर दोनों साथ गुन-गुनाएँगे,
इन ही लफ़्ज़ो के साथ दोस्ती ज़िन्दगी भर निभाएँगे।

- काज़ी मुईज़ हाशमी तुम ख़्वाब देखों,
हकीकत हम बनाएँगे ।

तुम्हें करेंगे चाॅकलेट के लिए परेशान,
फिर तुम्हारे चहरे पर हँसी भी हम लाएँगे ।

जब भूल जाओगे अपने सारे गम तब चाॅकलेट अकेले-अकेले हम खाएँगे,
तुम दूर से देखना हम तुम्हें चिड़ाएँगे ।

QUAZI MUEEZ HASHMI

शायर भी अजीब है कितना गज़ब लिखते है, किसी को बड़ा तो किसी को छोटा लिखते है, हर कोई शामिल होना चाहता है इनके लफ़्ज़ों में, क्योंकि इनके लफ़्ज़ अक्सर आस पास की सच्चाई लिखते है, दुख होता है ऐसे शायरों को देखकर जो कभी पैसे के लिए तो कभी सियासत के लिए बिकते है। - काज़ी मुईज़ हाशमी

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#OpenPoetry शायर भी अजीब है कितना गज़ब लिखते है,
किसी को बड़ा तो किसी को छोटा लिखते है,
हर कोई शामिल होना चाहता है इनके लफ़्ज़ों में,
क्योंकि इनके लफ़्ज़ अक्सर आस पास की सच्चाई लिखते है,
दुख होता है ऐसे शायरों को देखकर जो कभी पैसे के लिए तो कभी सियासत के लिए बिकते है।

- काज़ी मुईज़ हाशमी शायर भी अजीब है कितना गज़ब लिखते है,
किसी को बड़ा तो किसी को छोटा लिखते है,
हर कोई शामिल होना चाहता है इनके लफ़्ज़ों में,
क्योंकि इनके लफ़्ज़ अक्सर आस पास की सच्चाई लिखते है,
दुख होता है ऐसे शायरों को देखकर जो कभी पैसे के लिए तो कभी सियासत के लिए बिकते है।

- काज़ी मुईज़ हाशमी

QUAZI MUEEZ HASHMI

हमारी दोस्ती हमारी शान है, हमारी दोस्ती से कोई नहीं अंजान है। दोस्ती में बस्ती हमारी जान है, क्योंकि हम में से कोई नहीं बेईमान है। देख लेना एक दिन ऐसा आएगा हर एक अपनी पहचान बनाएगा, और दूसरा उसके लिए उसका ज़रिया बन जाएगा।

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- QUAZI MUEEZ HASHMI हमारी दोस्ती हमारी शान है,
हमारी दोस्ती से कोई नहीं अंजान है।

दोस्ती में बस्ती हमारी जान है,
क्योंकि हम में से कोई नहीं बेईमान है।

देख लेना एक दिन ऐसा आएगा हर एक अपनी पहचान बनाएगा,
और दूसरा उसके लिए उसका ज़रिया बन जाएगा।

QUAZI MUEEZ HASHMI

Instagram :- hashmi__ji Twitter :- hashmi__ji आ गया है बातों में लोगों के दिलों को लुभाना, ये बात हमने नेताओं के लफ़्ज़ो से है जाना, तारीफ़ हर किसी की होनी चाहिए, चाहे हो दीवाना या हो बेगाना ।

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#OpenPoetry आ गया है बातों में लोगों के दिलों को लुभाना,
ये बात हमने नेताओं के लफ़्ज़ो से है जाना,
तारीफ़ हर किसी की होनी चाहिए,
चाहे हो दीवाना या हो बेगाना ।

- काज़ी मुईज़ हाशमी Instagram  :-  hashmi__ji 
Twitter  :-  hashmi__ji 

आ गया है बातों में लोगों के दिलों को लुभाना,
ये बात हमने नेताओं के लफ़्ज़ो से है जाना,
तारीफ़ हर किसी की होनी चाहिए,
चाहे हो दीवाना या हो बेगाना ।

QUAZI MUEEZ HASHMI

Instagram :- hashmi__ji Twitter :- hashmi__ji Feel free to collaborate मेरी गलतियों को मेरी नाकामियों से क्यों जोड़ कर देखा जाता है ?

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मेरी गलतियों को मेरी नाकामियों से क्यों जोड़ कर देखा जाता है ?
मेरी हो जो कहीं ज़रा भी तारीफ़ तो हर रिश्ता जोड़ कर सुनाया जाता है ।

बीच समंदर की गहराई में डर कर हर कोई साथ क्यों छोड़ कर भागना चाहता है ?
कश्ती जो किनारे पर हो तो हर कोई सफ़र करने आता है ।

- काज़ी मुईज़ हाशमी Instagram  :-  hashmi__ji 
Twitter  :-  hashmi__ji 


Feel free to collaborate 


मेरी गलतियों को मेरी नाकामियों से क्यों जोड़ कर देखा जाता है ?

QUAZI MUEEZ HASHMI

हमारी सिर्फ़ सोच ही मुख़्तलिफ़ थी पर याराना तो था, पता नहीं कब मुख़्तलिफ़ से मुखालिफ़ हो गए । - काज़ी मुईज़ हाशमी मुख़्तलिफ़ = अलग = different मुखालिफ़ = दुश्मन = Rival Instagram :- hashmi__ji

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QUAZI MUEEZ HASHMI

Instagram :- hashmi__ji Twitter :- hashmi__ji Feel Free to collaborate तेरी झुकी नज़र, मुस्कुराते हुए लब, खुली ज़ुलफे, चहरे का नूर तीर हो जैसे,

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तेरी झुकी नज़र, मुस्कुराते हुए लब, खुली ज़ुलफें, चहरे का नूर तीर हो जैसे,
तू ही बता भला मेरा नाज़ुक दिल था इस कातिलाना वार से सम्भलता कैसै ?

- काज़ी मुईज़ हाशमी Instagram  :-  hashmi__ji 
Twitter  :-  hashmi__ji 


Feel Free to collaborate 


तेरी झुकी नज़र, मुस्कुराते हुए लब, खुली ज़ुलफे, चहरे का नूर तीर हो जैसे,

QUAZI MUEEZ HASHMI

Instagram :- hashmi__ji Twitter :- hashmi__ji Feel Free to collaborate दिल कोमल था इस लिए भी बार-बार टूटा,

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दिल कोमल था इस लिए भी बार-बार टूटा,
पत्थर जो होता तो, चोट उनको भी लगती, दर्द उनको भी होता ।

- काज़ी मुईज़ हाशमी Instagram  :-  hashmi__ji 
Twitter  :-  hashmi__ji 


Feel Free to collaborate 


दिल कोमल था इस लिए भी बार-बार टूटा,

QUAZI MUEEZ HASHMI

Instagram :- hashmi__ji Twitter :- hashmi__ji Feel Free to collaborate वो कत्ल करते तो हो जाते बदनाम,

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वो कत्ल करते तो हो जाते बदनाम,
हमें देखकर भी अनदेखा करना शुरू किया ।

-काज़ी मुईज़ हाशमी Instagram  :-  hashmi__ji 
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Feel Free to collaborate 


वो कत्ल करते तो हो जाते बदनाम,

QUAZI MUEEZ HASHMI

Instagram :- hashmi__ji Twitter :- hashmi__ji FEEL FREE TO COLLABORATE यहाँ अपने बैठे रह गए नया सपना जपने में,

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यहाँ अपने बैठे रह गए नया सपना जपने में,
वो मशगूल हो गए गैरों को अपना करने में ।

- काज़ी मुईज़ हाशमी Instagram  :-  hashmi__ji 
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FEEL FREE TO COLLABORATE 


यहाँ अपने बैठे रह गए नया सपना जपने में,
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