Find the Best आशियाँ Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos about
Uttam Dixit
जिंदगी ये कहाँ हमको लेके आ गयी है, मौत भी मेरी हालत से शरमा गयी है..!! फासले खुद से खुद के यूँ बढ़ने लगे हैं, के चोट भी दूर जाने से घबरा गयी है..!! जो रास्ता था वो मुझसे बिछड़ने लगा है, और मंजिल भी मंजिल से टकरा गयी है..!! साथ जो भी रहा वो समझ ना सका, अब ये तन्हाई भी हमको तड़पा रही है..!! आशियाँ खुद के ख्वाबों से ही जल गया, औ' आग के साथ देखो हवा आ रही है..!! ये रात ऐसी है जिसका सवेरा नहीं, सच को आँखें मेरी क्यूँ ये झुठला रहीं हैं..!! भूलना जिसको चाहे है ये "मतवाला", साँस-दर-साँस वोही तो याद आ रही है..!! बड़े दिनों से लिखते लिखते आज पूरी हुई, बड़े दिनों बाद कोई ग़ज़ल लिखी है, वो भी अपने चिरपरिचित अंदाज़ में.... #udquotes #जिंदगी #मौत #मंजिल #आशियाँ #याद #yqghazal
Uttam Dixit
जिंदगी ये कहाँ हमको लेके आ गयी है, मौत भी मेरी हालत से शरमा गयी है..!! फासले खुद से खुद के यूँ बढ़ने लगे हैं, के चोट भी दूर जाने से घबरा गयी है..!! जो रास्ता था वो मुझसे बिछड़ने लगा है, और मंजिल भी मंजिल से टकरा गयी है..!! साथ जो भी रहा वो समझ ना सका, अब ये तन्हाई भी हमको तड़पा रही है..!! आशियाँ खुद के ख्वाबों से ही जल गया, औ' आग के साथ देखो हवा आ रही है..!! ये रात ऐसी है जिसका सवेरा नहीं, सच को आँखें मेरी क्यूँ ये झुठला रहीं हैं..!! भूलना जिसको चाहे है ये "मतवाला", साँस-दर-साँस वोही तो याद आ रही है..!! बड़े दिनों से लिखते लिखते आज पूरी हुई, बड़े दिनों बाद कोई ग़ज़ल लिखी है, वो भी अपने चिरपरिचित अंदाज़ में.... #udquotes #जिंदगी #मौत #मंजिल #आशियाँ #याद #yqghazal
Ajayraj Singh
तुम संग कुछ ख़्वाब देखे थे कुछ वादे किये थे कुछ रस्में निभाई थीं बहुत प्यार से ख़्वाबों का एक छोटा सा आशियां बनाया था, तुमने उन सभी को बिखेर दिया है और मेरे हिस्से में दर्द और ज़िंदगी का ज़हर कर दिया है.. ©ajay singh #प्यार #दर्द #कसमें #वादे #रस्में #आशियाँ #सबकुछ_बिखेर_दिया #सब_ख़त्म #मेरादर्द
आर्या
हवाओं का तो शौख़ था उसका आशियाँ जलाने का, तक़लिफें फ़क़त इतनी थी,उसे जलाने वाले अपने थे।। यहाँ हर ख़्वाब जलकर धुँआ हो रहा था,और इस मंज़र को देखने के लिए न जाने लोग कितने थे।। यहाँ किसी के ग़मों से किसी का कोई वास्ता न था, यहाँ तो हर किसी को तकलीफ़े भी तमाशे ही लगने थे।। वो मुसाफ़िर जो भटक रहा था मंज़िल-ए-तलाश में, और उन रास्तों को उसके सफ़र-ए-दास्ताँ जानने थे।। मुफ़लिसी सड़को पर रात गुज़ारती थी,और लिखने वालों को उसकी ज़िन्दगी के फ़साने लिखने थे।। कई शाम तक बैठा रहा एक शख़्स सहर-ए-इंताज़र में,पर उसके उम्मीदों के सूरज को कभी न निकलने थे।। :-आर्या 08/03/22 ©आर्या #मुफ़लिसी#हवा#आशियाँ
Shyarana Andaaz
काश तू सागर और में दरिया होता किसी किनारे पर हमारा भी आशियाँ होता गुजरती ज़िन्दगी हम दोनों की यूँ ही बस एक तुम,एक मैं और ये आशियाँ होता ©Pushp Raj किसी किनारे ओर हमारा भी आशियाँ होता । #सागर #दरिया #किनारे_पर #आशियाँ #ज़िन्दगी
किसी किनारे ओर हमारा भी आशियाँ होता । #सागर #दरिया #किनारे_पर #आशियाँ #ज़िन्दगी
read morePràteek Siñgh
कभी-कभी पंछियों ने सिखाया मुझे, ना भटकने के लिए झुंड में भी उड़ लिया जाए, जब के एक आशियाँ, उजाड़ दे कोई तो दूसरा आशियाँ बना लिया जाए, हमें कैद कर ही खुश हो तुम तो कैद भी रह लिया जाए, भूल गए हैं जो इंसानियत याद आएगी सब्र रखा जाए। ©Pràteek Siñgh #Panchi #आशियाँ #इंसानियत #कैद #Twowords
atharv.aman
आशियाँ बनाने चले हो उजाड़ कर घर किसी और का, बना तो लोगे आशियाँ,मगर शुकूं कहा से लाओगे यूँ उजाड़ कर घर किसी और का!! ©atharv.aman #आशियाँ
Nishu Maurya.....(Arjnii)
हा....रो लेती हूँ मैं... ख़ुद ही ख़ुद के बाँहों में हा...चीख़ लेती हूँ मैं ख़ुद ही ख़ुद के कानो में हा...लिख लेती हूँ दर्दों को मैं दर्दों के उस आशियानो में। Nishu Maurya... #kaid ek awaz... #दर्द #आशियाँ #खुदगर्ज #kaidEkAwaz
#दर्द #आशियाँ #खुदगर्ज #kaidEkAwaz
read moreManeesh Ji
Mr. MANEESH ......................................................................... 🖤 . 🖤 . 🖤 . 🖤 . 🖤 . 🖤 . 🖤 . 🖤 . 🖤 . 🖤 . 🖤 तुमसे एक #मुलाकात को तरसतें रहें हम बस यूँ ही दर - ब - दर #भटकतें रहें हम कोशिशे हजार की हमने तुमसे मिलने की मगर तेरी तस्वीर को सीने से लगाकर #तड़पते रहें हम
pushpendra pandey "ankit"
चलो आशियाँ मे फिर चलते हैं मिट्टी के घरौंधो में फिर बसते हैं जहाँ गोबर के लीपी धरती थी जहाँ मिट्टी के बर्तन खिलौने थे चलो उस आशियाँ में फिर चलते है जहाँ शादियों में सांझे का बिस्तर था बेटी की सादी में दुश्मन भी बाप था बिटिया गावँ की, अपनी बिटिया थी चलो उस आशियाँ में फिर चलते है जहाँ बिपात्ति में दुश्मन भी साथ था जहाँ झगड़े में भी खाना साथ था जहाँ बेटी को दहेज पूरा गांव देता चलो उस आशियाँ में फिर चलते है जहाँ हीरा और मोती दो नंदी बैल थे जहाँ गन्ने का रस हड़िया में दाल थी जहाँ खेत मे चने और चौराई साग था चलो उस आशियाँ में फिर चलते हैं जहाँ पहरुए की धाक धमकती थी जहाँ चाकी में दाल चटका करते थे जहाँ जात से घर आटा निकलता था चलो आशियाँ में फिर चलते हैं जहाँ दादी के हाथ का सत्तू था जहाँ दादा का एक किस्सा था जहाँ गिल्ली डंडा , कबड्डी थी चलो आशियाँ में फिर चलते हैं जहाँ भाई बहनो मे प्यार था जहाँ औरतो में भी लाज था जहाँ महिलाओं को आप था चलो आशियाँ में फिर चलते हैं जहाँ पग,तहमत ,कुर्ता धोती जहाँ मूछो पर ताव,जुबान था जहाँ धन बाटने का ही नाम था चलो आशियाँ में फिर चलते हैं जहां बाप का मलिकाना था जहां हर रिश्तो का पैमाना था जहा भाईचारे में मिठास थी चलो आशियाँ में फिर चलते हैं उस बने घरौदो में फिर बसते हैं जहां माँ के चूल्हे की रोटी थी जहां खेतो में बैल चला करते थे ......... #आशियाँ।
आशियाँ।
read more