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Best lockdown_3 Shayari, Status, Quotes, Stories

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Rohit Singh

#lockdown_3

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सुनी पड़ गयी थी गलियां शहर की,
 कतारें लगी, मयखानों के खुलते ही,
गरीब का रोना, ना खुलवा पाया जो दरवाज़े,
मदिरा क्या थिरकी, खुल गए सब आशियाने!!

चिल्लाता रहा पीड़ित प्रवाशी,
था जब मदिरा में चूर, शहर का वासी,
क्या करे रुक कर वो ऐसे बेगाने शहर में,
जहाँ खुलते हैं दरवाज़े मयखानों की तर्ज पर!!

                            रोहित सिंह गुलिया #Lockdown_3

soft_y

#lockdown_3 jeevesh yadav Suman Zaniyan Author shivam kumar mishra A.sahu🖋️ 📒 muba writes

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हे राम 
कैसा यह युग आया हैं 
जहा सामने  काल आया हैं 
पर उसका भी मज़ाक बनाया हैं ..

बड़ी विचित्र परिस्तिति हुई हैं ..
सबकी नजरे एक बात पर टिकी हुई हैं ...
बंद पिंजरों में मानव हुआ हैं  ..
आराम से पशु घूम रहा हैं ...

जाने अंजाम कितना बुरा हैं ...
पर कुछ का विश्वास बड़ा हैं ..
के फिर से खुशियों की लहर आएगी ...
अच्छाई बुराई पर विजय पायेगी  ..
©soft_y #Lockdown_3 jeevesh yadav Suman Zaniyan Author shivam kumar mishra A.sahu🖋️ 📒 muba writes

Black cover

Bimar hai jo kis dharm ke hai 
unse ye kabhi na bhed hua.
sarhad pe jo wardi Khakhi thi
ab uska rang safed hua... #Lockdown_3 #tribute_to_soilders #Tribute_to_doctors #tribute_to_police...

Neelesh Singh

#lockdown_3

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Band gharo me tadap rahe ho, Bahar bahut khatra hai..
Lockdown hai badh gaya, agli taarikh satrah hai.. #Lockdown_3

Kavye_Sajal

तुमने देखा क्या

बड़ा अजब सा नज़ारा दिख रहा है आज कल
अरे तुमने देखा क्या

ये आसमान इतना नीला तो न था
ये मौसम इतना रंगीला तो न था
ये चिड़िया इतना चहचहाती तो न थी
माँ ऐसे लोरिया सुनाती तो न थी

ये छत्तो पर जाना बढ़ क्यों रहा है
पतंगों का डोर हाथ मे पड़ क्यों रहा है
दादी हाथ से खाना खिला क्यों रही है
किसी पुराने दोस्त की याद आ क्यों रही है

एक अजब सा माहौल बन रहा है आज कल
अरे तुमने देखा क्या

ये लूडो का पासा खनक क्यों रहा है
ये कैरम का स्टाइकर लुढ़क क्यों रहा है
मार्च में सर्दी गुदगुदा क्यो रही है
वो खिड़की पर पड़ोसन मुस्कुरा क्यों रही है

ये जिंदगी थोड़ी सी खिलखिला सी रही है
रातो में चैन की नींद आ सी रही है
अलार्म की टिक टिक का झंझट नही है
मंदिर की घंटी मुझे जगा रही है

अचानक से मज़ा सा आ रहा है आजकल
अरे तुमने देखा क्या

दादी माँ ने एक खोला है राज
पुराने समय मे मैं आ गयी हु आज
ऐसा ही तो पहले होता था शेरा (बेटा)
सुकून का था सभी घरों में डेरा

पैसों के पीछे न पागल थी दुनिया
प्रकृति को नतमस्तक हो जाती थी दुनिया
ये जहर जो हवा में मिलाया गया है
एक सबक सबको सिखाया गया है

प्रकृति भी प्रेम लुटा रही है आजकल
अरे तुमने देखा क्या #lockdown_3 

#Kavye_Sajal

Shaivya Bhadauriya

#lockdown_3.0

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इन दिनों आयीं काफी दिक्कतें, 
अनाज की और आवास की, 
फिर भी हमने दिक्कतों को नहीं करने दी मनमानी, 
यही है हमारी सूझबूझ और बुद्धिमानी , 
अब फिर से य़ह बात खुद को और दूसरों को है समझानी, 
यही होगी हमारी देशभक्ति की निशानी, 
इतने दिनों जब सहीं हैं परेशानी, 
तो कुछ दिन और सही, 
फिर हम साथ मनाएंगे जश्न यहीं।।
                                                    01_Bizarre #lockdown_3.0


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