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vinay vishwasi

आज का दोहा


अगर अचानक से कभी,मिलें हमारे मीत।
हँसी ठहाके  संग ही, दिन  जाता  है बीत।। #विश्वासी #दोस्त_और_दोस्ती

vinay vishwasi

सफलता है  उसे मिलती, जिसे विश्वास  रहता है।

हुनर के साथ  हिम्मत और जज़्बा पास  रहता है।

जमाना   पूजता  उसको, नई  राहें   बनाता  जो-

चले जो लीक पर हरदम,नहीं वह खास रहता है।
 #मुक्तक #विश्वासी #लीक_से_हटकर

vinay vishwasi

सुनो-सुनो  ऐ  दुनिया वालों, इक  बात  बताने आये हैं।
आजादी का अमृत  महोत्सव,हम आज मनाने आये हैं।
आजादी को  पचहत्तर  साल हुए तो लेकर  जोश नया-
हर घर तिरंगा  शान से अब, हम आज  लगाने आये हैं।

माताओं  ने  बेटा  खोया, बहनों  ने दान  सुहाग  किया।
जिससे भी जितना हो पाया,सबने अपना सर्वस्व दिया।
लहू  बहा कितने  वीरों का,हम फिर कैसे  आजाद हुये-
अमर शहीदों की अमर कथा,हम आज सुनाने आये हैं।
हर घर तिरंगा  शान से अब, हम आज  लगाने आये हैं।

भारत माँ के  जब लाल  लड़े,यह धरा लहू से लाल हुई।
लड़ते-लड़ते  आजाद हुए  हम भारत माँ खुशहाल हुई।
करना  है प्रयत्न  यही सिर्फ,युवा शक्ति ना  थमने पाए-
मरे हुए  सम मानुष  तन में, हम जोश  जगाने  आये हैं।
हर घर तिरंगा  शान से अब, हम आज  लगाने आये हैं। #स्वतंत्रतादिवस #आजादी_का_अमृत_महोत्सव #हर_घर_तिरंगा #विश्वासी

vinay vishwasi

आज का दोहा


पावन रक्षा सूत्र से,सजी कलाई आज।

बहना का भाई बना,देखो जी सरताज।।
 #रक्षाबंधन #विश्वासी

vinay vishwasi

किसी के इक किसी के दो,किसी के तीन राखी से।
कलाई  आज  शोभित  है, सभी   रंगीन  राखी  से।
किसी भी चीज का हरदम, नहीं जो शौक रखते थे-
अचानक  हो  गए  देखो, वही   शौकीन  राखी  से।
 #राखी #विश्वासी

vinay vishwasi

आज का दोहा


ज्योति जले जब ज्ञान की,हर तम का हो नाश।

जग  सारा  प्यारा  लगे, उर   में   रहे   उजास।। #ज्ञान_की_ज्योति #विश्वासी

vinay vishwasi

आज का दोहा


मित्र मंडली जब मिले,होती दिल की बात।

मिलने को  तत्पर  रहें, दिन  हो  चाहे रात।।
 #मित्रतादिवस #विश्वासी

vinay vishwasi

जमाना आ  गया  कैसा, उड़े अब  धूल  सावन में।
बताए  ये   जरा  कोई, हुई  क्या  भूल  सावन  में।
बढ़ी  इतनी  अधिक  गर्मी, हुए बेहाल  पशु  पक्षी-
किसी रिमझिम फुहारों को,तरसते फूल सावन में। #मुक्तक #बारिशकाइंतज़ार #विश्वासी

vinay vishwasi

किसी अनजान उलझन में,कहीं हम खो गए यारों।

कभी  यूँ  राह  चलते  में, लगे  हम  सो  गए  यारों।

करें हम लाख कोशिश पर,कलम खामोश रहती है-

नहीं कुछ भी लिखा हमने, बहुत दिन हो गए यारों। #मुक्तक #विश्वासी

vinay vishwasi

फँसी  मँझधार  नैया  की, पिता  पतवार  होते  हैं।
हमारे  बीच   खुशियों  का, पिता  संसार  होते  हैं।
नहीं भगवान को देखा,किसी ने भी अगर तो क्या-
उसी  भगवान  का भू पर, पिता अवतार  होते  हैं। #fathersday #पितृदिवस #विश्वासी
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