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kumaarkikalamse
कुछ हादसों से मिला, कुछ हादसों में मिला, ना किसी से शिकायत, ना किसी से है गिला! #kumaarsthought #गिला #शिकायत #हादसों
#Kumaarsthought #गिला #शिकायत #हादसों
read moreNEERAJ SIINGH
दूँ क्या तुम्हें मैं हाँथ ? मैं भी उन हादसों से निकला एक कलाकार हूँ Three one liner post back to back #reposts #हादसों ढेर अदना #किरदार #yqbaba
Harish Kumar
कई हादसों से वाकिफ हूँ मैं जिंदगी के, कि एक बार इश्क मुझे भी हुआ है... ©Harish Kumar(Harsh) #हादसों #LostTracks
Indal Kumar
Trust me कोई समझ नही पाया है आज तक हमें..!! *.....*.....* हम अपने #हादसों के एकलौते गवाह हैं..!!
Diwan G
मैं हादसों से भरी जिंदगी जिया हूँ, एक गुजरा नहीं कि दूसरा आता है, मैं कई हादसों का सामना किया हूँ। हादसों को भुलाना मुश्किल होता है, कुछ हादसे आज भी कसक देते हैं, मैं तो अब सोचना ही छोड़ दिया हूँ।। Fantasy Writer® जिंदगी हादसों भरी। #Incident #हादसा #जिंदगी
#Mahi
वक्त से पहले #हादसों से लडा़ हुं, मैं अपनी #उम्र से कई साल बडा़ हुँ। ✏माही #mywrites
heena parmar
मैंने हर गम खुशी में ढाला है; मेरा हर चलन निराला है; लोग जिन हादसों से मरते हैं; मुझको उन हादसों ने पाला है।
Wazid Ali
छोटे बचपन मे उसके बराबर बच्चो के। हाथो में स्कूल के रंग बिरेंगे बेग देखकर। उसके गोरे गोरे लाल हाथो में । ईट से उसके हाथों के ओर लाल हो जाने से। मुझे डर लगता है ऐसे हादसों से। खुद होटल पर खाना खाते वक्त। होटल के बहार अपने छोटे भाई को। गोद मे लेकर करे एक बिखरे बाल के लड़के को देखकर। मेरे बाहर जाते ही खुद के लिए नही। अपने छोटे भाई के लिए कुछ माँगता है। औऱ जब जेब मे टटोल कर कुछ चिलर देता हूं। जिसे भूख क्या प्यास तक नक बुझे। घर आकर फिर डर लगता है मुझे अपने इंसान होने से। मुझे डर लगता है ऐसे हादसों से Written by : wazid ali #NojotoQuote
Aasif Khan
राब्ता उम्मीदों से रख के आगे बढता रहा हूँ मैं... ना पूछ जिंदगी के हादसों से कैसे लङता रहा हूँ मैं । बाद एक जमाने के अब मुफलिसी में भी मुस्कुरा देता हूँ ना पूछ कि मुद्दतों अंदर ही अंदर कैसे तङपता रहा हूँ मैं । कर्ज बनकर कभी फर्ज बनकर जिंदगी हिस्सों में बंट गयी... ना पूछ अश्क बनकर हर मोङ पर कैसे बिखरता रहा हूँ मैं । हौसला इतना भी नहीं दो लब्ज अपने जुंबा तक ला सकूं ना पूछ वो फसाने अपनी ही जिंदगी के कैसे पढता रहा हूँ मैं । मेरे पांव के चंद जख्मों के लिए अब दवा ढूंढता है तू। ना पूछ दर्द अपना ही देख देखकर कैसे सिकुड़ता रहा हूँ में । ना पूछ जिंदगी के हादसों से कैसे लङता रहा हूँ मैं । _Aashif #NojotoQuote #हादसा......
#हादसा......
read moreRoyal Writer
"मैं #वक़्त से पहले कई #हादसों से लड़ा हूँ" "#मैं अपनी #उम्र से कई #साल बड़ा हूँ" Royal Writer
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