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Best सायद Shayari, Status, Quotes, Stories

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M.K Meet

Mkmeet✍️ #सायद

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Anil Kumar

#सायद रब को मेरी खुशी मंजूर नहीं #इसीलिए गमों का पहाड़ मेरी झोली में डालता हैं #i am feeling sad today

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मेरे अतीत इतने बुरे हैं की सोच कर 
आंसू आ जाते हैं 

पर अब क्या करे जिन्दगी हैं साहब,
जिना पड़ता हैं,, 
मुस्कुरा कर गमों में गिरते आंसू को भी, 
पीना पड़ता है,,
 
इतिहास मेरा अब बनेगा 
😎😎😎 #सायद रब को मेरी खुशी मंजूर नहीं 
#इसीलिए गमों का पहाड़ मेरी झोली में डालता हैं
#I am feeling sad today

Arya Arys

#लव

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वो खुश हैं पर
सायद हम से नहीं।

वो नाराज़ है पर 
सायद हम से नहीं।।

कौन कहता उनके दिल में 
मोहब्बत नहीं...

मोहब्बत तो है पर 
सायद हमसे नहीं।। #लव

musiclover

मेरे नसीब में                                            मेरे नसीब मै तुम नही सायद 
                                      मै फिर भी तुम्हारा इन्तजार करती हूँ 
तुम चाहते रहो इसी कदर मुझे 
मै बस इतनी सी ख्वाइश रखती हूँ 
                                     हम पास न हुए तो क्या हुया 
                            जन्मो जन्म साथ रहे यही फ़रियाद करती हूँ
मै बेशक तुम्हे पा न सकी जानती हूँ 
मगर अपनी जान से ज्यादा चाहती हूँ
                                           मेरे नसीब मै तुम नही सायद 
                                      मै फिर भी तुम्हारा इन्तजार करती हूँ #naseeb#musiclover#nojotowritter#nojotoofficial#nojotohindi

Dakshina Devi Gajurel

एउटा मौका उ संग माग्थे ================ आज धेरै दिन भयो आमा, देब्रे पाटो दुखेको काहाकता दुखछ बेसरी - थाहा छइन पोहोरसालपनि एस्तो भएको थियोे। तर........! यतिसारौ पारेन दुखेको वेदनाले किनकि तिमि थिएउँनित आमा वीरको वारेमा छरेको तोरि

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एउटा मौका उ संग माग्थे
================
आज धेरै दिन भयो  आमा, देब्रे पाटो दुखेको
काहाकता दुखछ बेसरी - थाहा छइन
पोहोरसालपनि एस्तो भएको थियोे। तर........! 
यतिसारौ पारेन दुखेको वेदनाले
किनकि तिमि थिएउँनित आमा
वीरको वारेमा छरेको तोरि
पहिलात मैले टिपेर ल्याएको अनि
किटको कराइमा तिमिले गदगद पकाएको स्वाद
अझै आलोनै छ आमा वीरेलेेे पिसाएर  ल्याएको त्यही तोरीको तेलले चपचिल्लेइ मालिस गरि दिएकी थिएँउ 
जिउभरि अंगेनाको छेउमा बसेर तिम्रा न्यानो हातले। 
कतै केहि लागेको पो हो कि ?
 आतिदै कति धाएउ धामि र जोखाना
अचम्म लाग्द थियो तिम्रो माया देखि 
घर धन्दा सवेइ सकि
इष्ट मित्र सवेइलाइ राखि
कसरि गरदथिए्उ आमा एकछिन पनि न थाकि
शुकवारे गइ रकति र भूडि 
हपतेइ खुवाउथैउ परपरि भूटि
पईसा त आमा निकै नि पाउथेउ 
जागिर आखिर तिमि पनि गरथेउ 
सुन लाउने रहर कहिलेइ पोखिन्उ 
जै गर्ने  मन छ गरदेइ जाउ छौरि 
संस्कार  अर्ति कतिधेरै गरि
सुटुक्क आफू किन गएउँ एसरि
कर्तव्य मेरो गर्नुपर्ने थियो
छाति तिम्रो दुखत सुमसुम्याउने अधिकार खौत दिएउ? 
एक्लै कतेइ नजाने तिमी 
त्यो घरलाई छोडी कसरि गएउ.!!! 
देब्रे पाटो दुख्यो, आसुँने झरो
सम्झना तिम्रो कति धेरै आयो
निदाउन खोज्दा छटपट भयो
तस्विर आमा तिम्रोने आयो
एकान्तमा सिरानी भिज्यो 
तोरीको तेलत आजपनि आयो
काखको तातो हातको। न्यानो कता विलायो
याद जब आउछ तस्वीर तिम्रो छाउँछ
मुगुको रोग भित्र पालेर
कसरि हासेर आमा, कसरि बसेउ?
कहिल्यै केहिनभएझै निरोगी वनेर
बिहानीपख दाहिने छाति दुःखत बाडुली मलाइ लागेन
खोइ किन आमा? 
आमा कि आमा मपनि हुन्थे
दुखको छाति मायाले चुम्थे
के भन्ने थिए एकैपल्ट सुन्थे
तोरि होइन तिलतेल लगाई मालिस म गर्थे 
मुखले तिमी लाई म स्वास दिनथै
काललाई सायद विन्तनै गरथै
एउटा मौका उसंग माग्थे 
आमा लाई अहिले नलौइजा भन्थे
आखिर इच्छा जाहिर गर्दै, सायद 
तिमिलाई मईले फर्काएर ल्याउँथे 
दुखको पाटोमा तिम्रो स्पर्श पाउँथे 
सूपचौसुर हालि पकाएको पुबा
तिम्रो हातले म आज खान्थे 
टाउको तिम्रो काखमा राखि
ढुक्कले म कति निधाँउथे
चोरि अम्लो समाति जाँ गएपनि
संगेइ जान्थे, अरूले आरिस गर्ने गरि
मैले माया कतिधेरै पाउथे 
एउटा मौका उ संग माग्थे । 2

                          दक्षिणा देवी गजुरेल, ठेलामारा ।
                             तेजपुर (असम) 
                      ====================== एउटा मौका उ संग माग्थे
================
आज धेरै दिन भयो  आमा, देब्रे पाटो दुखेको
काहाकता दुखछ बेसरी - थाहा छइन
पोहोरसालपनि एस्तो भएको थियोे। तर........! 
यतिसारौ पारेन दुखेको वेदनाले
किनकि तिमि थिएउँनित आमा
वीरको वारेमा छरेको तोरि

Madanmohan Thakur (मैत्रेय)

वो कहावत है ना कि प्रेम की न तो समीछा हो सकती है ना ही समय के प्रवल प्रहार से हीं समय घवङा सकती हैं,यह प्रेम हीं तो हैं साहेव,इंसान का सबकुछ लुट लेती हैं फिर भी इंसान परम संतोष की अनुभुति करता हैं!! मदन मोहन(मैत्रेय) मिलते नही वो रोज कहते भी कुछ नही, सब्रे हुजुर समझे बस यह मेरा खयाल है!           सायद इन पंक्तियों मे जीवन की गूढता छिपी हुई है,इश्क का मर्ज ऐसा होता हैं जनाब कि कहें क्या हलकी सी आहट पर भी दिल मचल उठता है!लगता है कि चाहतो के समंदर मे बस गोते लगाते रहें,यह इश्क हीं तो हैं साहेव कि

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वो कहावत है ना कि प्रेम की न तो समीछा हो सकती है ना ही समय के प्रवल प्रहार से हीं समय घवङा सकती हैं,यह प्रेम हीं तो हैं साहेव,इंसान का सबकुछ लुट लेती हैं फिर भी इंसान परम संतोष की अनुभुति करता हैं!!

मदन मोहन(मैत्रेय)

मिलते नही वो रोज कहते भी कुछ नही,
सब्रे हुजुर समझे बस यह मेरा खयाल है!
          सायद इन पंक्तियों मे जीवन की गूढता छिपी हुई है,इश्क का मर्ज ऐसा होता हैं जनाब कि कहें क्या हलकी सी आहट पर भी दिल मचल उठता है!लगता है कि चाहतो के समंदर मे बस गोते लगाते रहें,यह इश्क हीं तो हैं साहेव कि

प्रशान्त पंडित (जौनपुरिया लौंडा)

#दिल की बात

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मेरे सपनो के दरवाजों से, मुझे तुम मुस्करा के जगाती थी,,, 
और बिना कोई सक तुम आँख खुली नही की बस मुझे ही कॉल लगाती थी,, 
सायद तुम हमेसा सही लेकिन ये बाते तो लगभग झुटी थी,,,
की मेरे दूर होने पर तुम्हारी आँखे भर आती थी,, 
रूह थी मेरी न तुम,, तो चलो पुछता हु मै,, 
जब मै चीखता, रोता था तेरी याद मे,, उसकी गूंज क्या तेरे दिल को , नही सुनाई आती थी,, 
सायद तुम सही थी, लेकिन ये बात लगभग झूठी थी,,,, की दूर होने पर तेरी आँखे भर आती थी,, #दिल की बात

shatakshi bhardwaj

#HaseenSapna

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'''क्या कहुँ मेरे लिए क्या हो तुम।
क्या कहुँ मेरे लिए क्या हो तुम,,
मेरे जीन्दगी में सबसे अजीज़ हो तुम।
हर वक्त मेरे लबों पे रहने वाले एक कीस्सा हो तुम।।
मेरे जहन में बसने वाले एक अजीब सा एहसास हो तुम।
मेरी हर एहसास में गुनगुनाने वाले एक नज्म़ हो तुम।।
पा ना सकेंगे तुम्हें,,,
पा ना सकेंगे तुम्हें,सायद एक ऐसी अधुरी खवाहिश हो तुम।
सायद मेरी अॉखों में  ठहरने वाले एक हसीन सा सपना हो तुम।,,, #HaseenSapna

chef.ab.dyri

sed👨🏼‍🍳

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ख़ुश है वो सायद पर हम से नहीं
         नाराज़ है वो पर
       सायद हम से नहीं

मैंने देखा है उनके दिल मै प्यार 
     अब वो प्यार किसी
        और के लिए है 

   सायद अब हम उनके
 दिल के लायक बचे नहीं
👨🏼‍🍳M.T sed👨🏼‍🍳

Sonu Kumar Yadav

दिल की पुकार

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दिल की पुकार 

कुछ  अच्छी तकदीर  लगती  है  हमे ,
कुछ गंदे खुआब  लगते  है  हमे|
कुछ ज़िंदगी तबाह हो जाती है ,
कुछ आशिक  बदनाम हो जाते है |
 

कुछ आँसू छिप  जाते है ,
कुछ  दर्द  निकल जाती है |
किसी को मंज़िल मिल जाती है ,
किसी को  ज़नत मिल जाती है |


सायद  हमे ही कुछ कमी होगी ,
सायद हमे ही कुछ नमी होगी|
जो नेक  बाटे भी बेकार  हो जाती है ,
जो समय भी अपना मुँह मोर लेती है |

...कवी सोनू दिल की पुकार
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