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@thewriterVDS
रोटी भुजिया खा लऽ आजु काल्हु पूड़ी त मिलबहीं करी आजु सूखले पानी से काम चला लऽ काल्हु बोतल त खुलबहीं करी। खोल बऽ न होऽऽ ए... 😉 #रोटी_भुजिया #खा #अाजु #पूड़ी #पानी #बोतल #yqbabuaa #आख़िरीपंक्तियाँ YourQuote Babuaa Vaibhav Dev Singh
#रोटी_भुजिया #खा #अाजु #पूड़ी #पानी #बोतल #yqbabuaa #आख़िरीपंक्तियाँ YourQuote Babuaa Vaibhav Dev Singh
read moreदेव बाबू ,की कलम से /-/emat ,s
सब बदल गया_____ तब?? #एक तौलिया से पूरा घर नहाता था । दूध का नम्बर बारी - बारी आता था । #छोटा माँ के पास सो कर इठलाता था । पिताजी से मार का डर सबको सताता था । बुआ के आने से माहौल शान्त हो जाता था । #पूड़ी खीर से पूरा घर रविवार मनाता था । बड़े भाई के कपड़े छोटे होने का इन्तजार रहता था #स्कूल में बड़े की ताकत से छोटा रौब जमाता था । बहन - भाई के प्यार का सबसे बड़ा नाता था । धन का महत्व कभी सोच भी न पाता था । बड़े का बस्ता किताबें साईकिल कपड़े खिलोने पेन्सिल स्लेट स्टाईल चप्पल सब से मेरा नाता था । मामा - मामी नाना - नानी पर हक जताता था । एक छोटी से सन्दुक को अपनी जान से ज्यादा प्यारी तिजोरी बताता था अब - ~ ~ #तौलिया अलग हुआ , दूध अधिक हुआ , माँ तरसने लगी , पिता जी डरने लगे , बुआ से कट गये , खीर की जगह पिज्जा बर्गर मोमो आ गये , कपड़े भी व्यक्तिगत हो गये , भाईयो से दूर हो गये , #बहन के प्रेम की जगह गर्लफ्रेण्ड आ गई , धन प्रमुख हो गया , #अब सब नया चाहिये , नाना आदि औपचारिक हो गये । बटुऐ में नोट हो गये । कई भाषायें तो सीखे मगर संस्कार भूल गये । बहुत पाया पर कुछ खो गये । रिश्तो के अर्थ बदल गये , - #हम जीते तो लगते है पर एहसास व संवेदनाहीन हो गये । कृपया सोचें . कहां थे , कहां पहुंच गये ©Dev Babu #RAMADAAN
Divya Tripathi
शहर वाराणसी. बनारस की बात ही अलग है। यहां के तीर्थ स्थल, अल्हड़ सी अदा, मंदिरों और घाटों के नजारे मन मोह लेते हैं। इसक अलावा बनारस अपने खान-पान के लिए भी जाना जाता है। बनारस के खाने के आइटम्स पूरे दुनियां में मशहूर हैं। तो अगर आप बनारस आयें तो इन लजीज व्यंजनों का स्वाद जरूर चखें। कुल्हड़ वाली चाय चाय एक ऐसा चीज है जो पूरे दुनिया के लोग पीते हैं, तो अगर आप चाय के शौकीन है तो बनारसी की कुल्हड़ वाली चाय का मजा जरूर लें। यहां मिट्टी की सोंधी-सोंधी खुशबू वाले कुल्हड़ में चाय पीने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। वैसे तो चाय पीने के लिए दुकानों पर हमेशा ही भीड़ लगी रहती है, लेकिन सर्दियों में इसका अपवा मजा है। बनारस का पान बनारस के पान के क्या कहने, खयीके पान बनारस वाला गाना तो अपने भी सुना होगा, ये गाना ऐसा ही नहीं बना। सच में बनारस का पान इतना रसीला, स्वादिष्ट है जैसे ये गाना। विदेशी टूरिस्ट भी एक बार इसका स्वाद जरूर चखते हैं। ह्यगुलकंद वाला पानह्ण हर किसी की पहली पसंद है। बनारसी मिठाइयां की अलग है मिठास बनारस के खान पान की बात हो और मिठाइयों बात ना हो ऐसा हो ही नहीं सकता। बनारस की मिठआई अपने आप में अलग महत्व रखती है। यहां के रसगुल्ले, गुलाबजामुन, मलाई-गिलौरी, लौंगलता, बेसन के लड्डू, खीर- कदम और न जाने कितनी ही मिठाइयां हैं, जिसका स्वाद आपका मन मोह सकता है। ओस की बूंदों से बनृता है ये मलइयो दूध से बनने वाला मलइयो काशी की खास पहचान है। गंगा घाट, चौक और गदौलिया में मिलने वाला मलइयो लोगों को अपनी तरफ खींच ही लेता है। इसे बनाने की विधि भी बेहद खास है। दूध को चीनी के साथ उबालकर आसमान के नीचे ओस में रख दिया जाता है। रात भर ओस में रखने के बाद इसमें दूध मिलाया जाता है। इसके बाद किसी बर्तन में दूध को काफी देर तक फेंटा जाता है। इससे झाग तैयार होता है, जिसे लाजवाब मलइयो कहते हैं। बनारस की खास लस्सी बनारसी लस्सी भी यहां की पहचान है। इंडिया घूमने आए विदेशी इसका स्वाद जरूर चखते हैं। चौक इलाके की कचौड़ी गली में ब्लू लस्सी के नाम से एक दुकान है। यहां आपको सेब, केला, अनार, आम और रबड़ी समेत हर फ्लेवर की लस्सी मिल जाएगी। बनारस की सुबह और पूड़ी-सब्जी, जलेबी और वो कचौड़ी गली कद्दू की सब्जी-पूड़ी और साथ में गरमागरम जलेबी बनारस की पहचान है। लंका पर स्थित ह्यचाची की दुकानह्ण पूड़ी-सब्जी के लिए मशहूर है। इसका स्वाद चखने के लिए लोग सुबह से ही दुकान पर जमा हो जाते हैं। वहीं, चौक की कचौड़ी गली इसी के लिए ही फेमस है। अगर आप काशी आएं तो इसका स्वाद एक बार जरूर चखें। बनारसी टमाटर चाट काशी में आए और टमाटर चाट का स्वाद नहीं चखा, इसका मतलब आप बनारसीपन के एक हिस्से को नहीं जान सके। जी हां, टमाटर चाट बनारस का फेमस स्ट्रीट फूड है। इसे बनारसी चाट भी कहा जाता है। इसका स्वाद बेहद अलग और स्वादिष्ट होता है। लौंग लता इसे ह्यलवंग लतिकाह्ण भी कहते हैं। ये बंगाली समाज के त्योहारों पर बनने वाली पारंपरिक मिठाई है। बनारस की हर दुकान पर ये करीने से सजी हुई रखी रहती है। जो काशी आता है, वो एक बार इसका स्वाद जरूर चखता है। चूड़ा-मटर बनारस का चूड़ा मटर जिसका स्वाद ही अलग है, इसे सर्दियों में चाय के साथ खाने का लुफ्त आप उठा सकते हैं। काशी में सर्दियों में हर घर में चूड़ा-मटर बनता है। यही नहीं, ये आपको दुकानों पर भी गरमागरम मिल जाएगा। यहां के लोग अक्सर बतकही लगाते और साथ में चूड़ा-मटर खाते दिख जाएंगे। रबड़ी वाला दूध वैसे तो आप घर में ही दूध गर्म करके पी लेते होंगे, लेकिन बनारस में बड़ी सी हांडी में घंटों तक दूध पकाया जाता है। इससे दूध का स्वाद बढ़ जाता है। इसके बाद दूध में रबड़ी भी मिलाई जाती है, जो इसके टेस्ट को और भी बढ़ा देती है। बनारसी चाट बनारस की चाट काफी मशहूर है। देश-विदेश से लोग आलू-टिक्की चखने के लिए काशी आते हैं। अलग-अलग मसालों से बनी आलू-टिक्की का अलग ही स्वाद होता है। आप जब भी काशी आएं तो ये डिश भी है खास सेवपुरी आलू, टमाटर, प्याज, अलग-अलग मसाले और सेव से बनी सेवपुरी अपने स्वाद के लिए काफी मशहूर है। अगर आप बनारस आने का प्लान बना रहे हैं तो इसे भी एक बार जरूर चखें। Apna banars
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read moreVaishali Kahale
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