Find the Best जन्मा Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos aboutजन्मा उदाहरण है-, बुद्धा ले जन्मा, जन्मा, अम्मांनी जन्मा सॉंग प्लीज, अम्मांनी जन्मा कन्नड गाणे,
Rakesh frnds4ever
White खुद को हमेशा दूसरों के लिए खो देने वाला मैं, ,,,,,,,,,,,काश,,,,,,,,, किसी दिन कोई मुझको भी,,,,,, खो दे,,,,,, तो कैसा हो जब से जन्मा रो ही रहा हूं ,,,,,,,,,,,,काश,,,,,,,,,, किसी दिन कोई मेरे लिए भी,,,,,,, रो दे,,,,,, तो कैसा हो जनता हूं कि ऐसा हरगिज़ होगा नहीं फिर भी ,,,,,,,,,,,,,,,,काश ,,,,,,,,,,,,,,,, किसी दिन कभी,,,,,,,,, ऐसा भी हो,,,,,,,, तो कैसा हो ©Rakesh frnds4ever #काश_कभी_हो #खुद_को को हमेशा दूसरों के लिए #खो देने वाला मैं, काश, किसी दिन कोई #मुझको भी खो दे तो कैसा हो जब से #जन्मा रो ही रहा हूं काश किसी दिन कोई मेरे लिए भी #रो दे तो कैसा हो जनता हूं कि ऐसा हरगिज़ होगा नहीं, फिर भी #काश_किसी_दिन कभी ऐसा भी हो तो कैसा हो,,,,,,
#काश_कभी_हो #खुद_को को हमेशा दूसरों के लिए #खो देने वाला मैं, काश, किसी दिन कोई #मुझको भी खो दे तो कैसा हो जब से #जन्मा रो ही रहा हूं काश किसी दिन कोई मेरे लिए भी #रो दे तो कैसा हो जनता हूं कि ऐसा हरगिज़ होगा नहीं, फिर भी #काश_किसी_दिन कभी ऐसा भी हो तो कैसा हो,,,,,,
read moreBENAAM
*आज की कविता हर माँ के लिए....* वाह रे पौरुष तेरा..... माँ के दूध का कर्ज उसी के खून से चुकाते हो... दूध पीकर माँ का तुम उस दूध को ही लजाते हो... वाह रे पौरुष तेरा...तुम खुदको मर्द कहते हो... हर वक्त उसके सीने पर नज़र होती है तुम्हारी... हर वक्त उसके सीने पर नज़र होती है तुम्हारी... उस सीने में छुपी ममता कोई तुमको देख नहीं पाते हो.... एक माँ ने जन्मा, पाला-पोसा है तुम्हे... एक माँ ने जन्मा, पाला-पोसा है तुम्हे.. बड़े होकर ये बात क्यू भूल जाते हो... तेरे हर एक आंसू पर अपनी हज़ार खुशियाँ कुर्बान कर देती है वो... तेरे हर एक आंसू पर अपनी हज़ार खुशियाँ कुर्बान कर देती है वो.... फिर एसा क्यू है की तुम उसके हज़ार आंसू भी नहीं देख पाते हो.... मंदिर में उसकी पूजा करते.. मंदिर में उसकी पूजा करते... घर में मर्यादा सिखाते हो... अरे उसे मर्यादा सिखाने वालों तुम्हे अपनी मर्यादा याद नहीं आती जब उसे अपने पैरों तले दबाते हो... वाह रे पौरुष तेरा... तुम खुदको पुरुष कहाते हो.... ✍सर्वेश कु. दुबे *आज की कविता हर माँ के लिए....* वाह रे पौरुष तेरा..... माँ के दूध का कर्ज उसी के खून से चुकाते हो... दूध पीकर माँ का तुम उस दूध को ही लजाते हो... वाह रे पौरुष तेरा...तुम खुदको मर्द कहते हो... हर वक्त उसके सीने पर नज़र होती है तुम्हारी... हर वक्त उसके सीने पर नज़र होती है तुम्हारी... उस सीने में छुपी ममता कोई तुमको देख नहीं पाते हो....
*आज की कविता हर माँ के लिए....* वाह रे पौरुष तेरा..... माँ के दूध का कर्ज उसी के खून से चुकाते हो... दूध पीकर माँ का तुम उस दूध को ही लजाते हो... वाह रे पौरुष तेरा...तुम खुदको मर्द कहते हो... हर वक्त उसके सीने पर नज़र होती है तुम्हारी... हर वक्त उसके सीने पर नज़र होती है तुम्हारी... उस सीने में छुपी ममता कोई तुमको देख नहीं पाते हो....
read moreParasram Arora
किसी भी आदमी का आंकलन करने के लिए जरूरी नहीं ये जानना वो कहा जन्मा कब जन्मा किस घर मे जन्मा ...... ... बल्कि इस बात मे है क़ि पैदा होते ही वो रोया था या नहीं. क्योंकि ऊसे पैदा होने वाले दिन से लेकर मृत्युवाले दिन तक रोते रहना है ये भी संभव है क़ि ये रूदन का सतत अभ्यास उसे किसी दिन बुद्धत्व के दिव्यलोक तक पहुंचा दे...... बुद्धत्व और रूदन
बुद्धत्व और रूदन
read moreManish Rohit Garai
हमें आज़ाद करने को कहीं आज़ाद जन्मा था पचीसी मौत मरने को कहीं आज़ाद जन्मा था कि उसके खूँ के छींटे से हुआ था बाग भी पावन बधाई भारती माँ को यहीं आज़ाद जन्मा था ©मनीष रोहित गराई✍
हमें आज़ाद करने को कहीं आज़ाद जन्मा था पचीसी मौत मरने को कहीं आज़ाद जन्मा था कि उसके खूँ के छींटे से हुआ था बाग भी पावन बधाई भारती माँ को यहीं आज़ाद जन्मा था ©मनीष रोहित गराई✍
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