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Anjali Raj
मिल ना सके कभी रात और दिन और मिल ना सके धरती आकाश एक आभासी मिलन है इनका कहीं क्षितिज कहीं सांध्य प्रकाश फिर भी इक दूजे के बिन हैं आधे अधूरे , हम भी काश यूँ ही रहें सदा साथ, न हो कभी मिलन से जीवन मे अवकाश -अंजलि राज मिल न सके अब मिल भी न सकेंगे? #मिलनसके #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #अंजलिउवाच #संध्या #आकाश #अवनी
मिल न सके अब मिल भी न सकेंगे? #मिलनसके #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #अंजलिउवाच #संध्या #आकाश #अवनी
read moreQamar Abbas
दरअसल मोहब्बत का पैगाम लिखा है मैंनें ये कलम लेकर तेरा नाम लिखा है दिल की दिवारों पे मोहब्बत की कलम से ऐ जाने-वफा तेरा नाम सुबह -शाम लिखा है (क़मर अब्बास) #अवनी
Rajat Raj Shelly
क्यों अचरज हो? क्यों विस्मय हो? जो आज यह तेरी करनी है, तेरी एषा ही कारक है, हृदय ही उसकी जननी है। ना गूढ़ समझ अभिलाषा अपनी, ना मूढ़ यहां कोई प्राणी है। गर्धित प्रवत्ति से पटी तेरी काया, दुख रूपी अचल से दबनी है। जिस मूलतत्व का परिणाम जगत है, दोहन मत करना उस अबला का, नृत्य चंडिका के फलस्वरूप, धरा पर चपला बसनी है। तू निकल सुषुप्ती से चेतस जगा, समझ- बूझ कर ना समय गवां, कर्ण- पट्टिका खोल भी तू, यह कहती तुझसे अवनी है। गर मूलतत्व की तंद्रा टूटी तो, चित्यम तेरी सजनी है। यह कहती तुझसे अवनी है। यह कहती तुझसे अवनी है। कहती तुझसे अवनी है..........
कहती तुझसे अवनी है..........
read moreAshish Kumar Chaudhari
जीवन का हर पल... खुशियों का तरंग हो..... आनन्द हो हर्ष हो... और विचारों का स्वछंद हो.... गीत हो संगीत हो और... मधुर तरंग हो.... आपके जीवन में... केवल उमंग ही उमंग हो.... "अवनी"को सभी एक स्वर... में कह रहे मुबारक हो... मुबारक हो मुबारक हो... आपको जन्मदिन मुबारक हो... #अवनी# #NojotoQuote मेरी प्यारी गुड़िया का जन्मदिन
मेरी प्यारी गुड़िया का जन्मदिन
read moreShivam Mishra
अवनी को अश्रुपूर्ण श्रद्धांन्जली ,ॐ शान्ती उन्हे जंगली ही दो रहने एक अकेली बाघिंन माँ को मार कर बनते तीरन्दाज हो रख दो कभी बंदूक नीचे फिर देखें जंगल मे किस की आवाज हो घुस के अवनी के घर तुमने धोके से उसको मारा घुसपैठिये तुम हो और कहते हो उसने इंसानों को मारा घुसपैठ जंगल मे हम इंसान है करते ये कहा का न्याय भोले भाले जानवर उनके घर मे ही मरते कभी कभी सोचता हूँ की सभ्य कौन है आज एक बाघिंन माँ की मौत पे पूरी दुनिया मौन है क्या था जुर्म उसका क्या था उसका अपराध कितने दे संसाधन उसके पकड़ने के फिर भी तुम बन गए जंगली व्याध ये प्रकृति का नियम है वो पहले सहती है पर अगर पार हो जाये हद तो उसकी प्रलय की कहानी खुद धरती माँ कहती है समय आ गया होने का सावधान अब मत डालो प्रकृति के चक्र मे व्यवधान ज़ियो और दो जीने जंगल घर है उनका उनको जंगल मे ही दो जीने खुद ही सभ्य बन जाओ उन्हे जंगली ही दो रहने हाथ जोड़ के हूँ कहता उन्हे जंगली ही दो रहने ©शिवम मिश्र
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