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Vijay Tyagi
झील के किनारे टिमटिमाते सितारे उतर आए पेड़ों की टहनियों पर जुगनुओं के रूप में... ...शेष अनुशीर्षक में... झील के किनारे टिमटिमाते सितारे उतर आए पेड़ों की टहनियों पर जुगनुओं के रूप में, चाँद भी मचल उठा इन जुगनुओं के लिए हो गया तैयार आने को धरा पर बैठने ओस भरी दूब में बादल भी चाँदनी की चादर ओढ़े घूम रहे है खुले आसमान में, घाटी सहेज रही ये दिलकश नज़ारा अपने बाहुपाश के मर्तबान में मैं अभी-अभी निशा से थम जाने की गुज़ारिश करके आया हूँ,
झील के किनारे टिमटिमाते सितारे उतर आए पेड़ों की टहनियों पर जुगनुओं के रूप में, चाँद भी मचल उठा इन जुगनुओं के लिए हो गया तैयार आने को धरा पर बैठने ओस भरी दूब में बादल भी चाँदनी की चादर ओढ़े घूम रहे है खुले आसमान में, घाटी सहेज रही ये दिलकश नज़ारा अपने बाहुपाश के मर्तबान में मैं अभी-अभी निशा से थम जाने की गुज़ारिश करके आया हूँ,
read morePoet Master
हाथ में सब्र, दूर सफर में, मैं जुगनुओं संग गा रहा हूँ, तुम भी साथ गाना, मैं जा रहा हूँ, तुम भी साथ आना।।। #हाथ में #सब्र, दूर #सफर में, मैं #जुगनुओं संग #गा रहा हूँ, तुम भी #साथ #गाना, #मैं जा रहा हूँ, #तुम भी साथ #आना।।।
Gopal Thakur
कुछ इस तरह तुम मुझसे रिश्ता जोड़ जाना मैं खूबसूरत सी सड़क बन जाऊं और तुम मुझपे बरस जाना मेरे शहर में पावन गंगा बहे जमुना को संग तुम ले आना मिलान हमारा भी संभव होगा बस दिल में थोड़ा गम ले आना कानपुर की शाम मे परवान चढ़ेगा इश्क़ बस कुछ शराफत ओढ़ आना मैं बड़ी मोहोब्बत से करूँगा इज़हार इश्क़ का बस बेरुखी अपनी तुम छोड़ आना मैं एक घनघोर दहर की तरह हूं तुम चंद जुगनुओं को अपने आस पास खींच लाना मैं सजा दूंगा दामन तेरा इन जुगनुओं की बारातों से बस अरमानी रंग को सींच लाना मैं सिमट जाऊंगा वक़्त बेवक़्त कुछ गज के जमीन में बस अपनी मुस्कुराहट को मेरी कब्र तक घसीटकर लाना..gpl..
kahaaniya
जागा करते है जुगनू अक्सर रात में कभी ख्वाब में तो कभी सर्द रात में कभी बाहों के दरमियां तो कभी अक्सर तन्हाइयो में जागा करते है आशिक़ अक्सर उन जुगनुओं की तरह जो भली दूर से बहुत खुश दिखाई देते है पर रोते है अंधेरों में परछाइयों की तरह जगमगाते जरूर है पर बरसते है जब उनके आंसू पानी की तरह रोती है चाँदनी भी अपनी उजाले की बदकिस्मती पर की उनके आसुओ की वो बूंद चमकती है जमीन पर बिल्कुल उन जुगनुओं की तरह ...... #nojoto
nojoto
read moreChirag Jain
फकीर के बदन पे लिहाफ़ सा हूं में किसी खोये शायर की किताब सा हूं में जो है आपको अगर तलाश जुगनुओं की तो जुगनुओं की बस्ती में आफताब सा हूं में!! #NojotoQuote
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