Find the Best नित Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos aboutनितंबों क्या होता है, सरकून बसा की नित, नित्यानंद की वाणी, नित्यानंद की पुस्तक, सागरीय नितल की संरचना,
Ek villain
दिल्ली सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल के बीच रोजाना का झगड़ा सास बहू वाला हो गया है केंद्र और दिल्ली में पहले भी विपरीत दलों की सरकारें रही है लेकिन ऐसी किस-किस कभी नहीं देखी जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी और दिल्ली में भाजपा के मदन लाल खुराना वह बाद में शहीद सिंह विमान मुख्यमंत्री हुए पर कभी किसी बात पर सार्वजनिक ज्ञान मतभेद नहीं हुआ यह किसी के दौर किसी का कार्य अनावश्यक श्रेय लेने का प्रयास नहीं किया गया बाद में जब केंद्र में भाजपा की सरकार आई तो दिल्ली में शीला दीक्षित कांग्रेस की मुख्यमंत्री हुई वह समय भी इतनी खींचातानी देखने को नहीं मिली आम आदमी पार्टी के सर्व सर्व अरविंद केजरीवाल केंद्र सरकार से उछलकर सुर्खियों में रहना चाहते थे स्वयं को भी 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष के संभवत प्रधानमंत्री विवाद के रूप में प्रस्तुत करना चाहते थे ऐसी आशंका रखवा ना वैसे तो कोई बुरी बात नहीं है लेकिन मैं रोज-रोज के झगड़ों से नीति नहीं सर्वजनिक पर संतों खड़े ना करें ©Ek villain #City #नित नए सार्वजनिक प्रसन्ना खड़े करें
Dilip Singh Harpreet
दुर्गाष्ठमी के उपलक्ष में ..............* माँ सिद्धेश्वरी देवी * ....को समर्पित मुक्तक . दरबार में मैया नित उठ तेरे आऊँ सेवा को संसार दिया ... माँ नित ..... दर्शन तेरे पाऊँ . जिस कारज में डारू हाथ आशिष तेरे से ... माँ उसमें ही सुफल हो जाऊँ . में अग्यानी मनुज ... माँ ना कोई जानू मंत्र ही ना ही चढ़ाबे को है , पास मोरे .... मधुपर्क . देवमही नही में ... सिद्धेश्वरी में हूँ .... अंश तेरा ... क्षत्रिय . बस कृपा इतनी कीजो .... माँ " हरप्रीत " दास पे सेवा तोरी ..... पा जाऊँ !! ... .......... दिलीप सिंह हाड़ा " हरप्रीत शशांक " #Nojotonews #Hindikavi #हरप्रीत #Nojotolover #poem #Satya #Nojotoshayri #Nojotokavita #Nojotostory
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read moreराजेश गुप्ता'बादल'
जो भी दे सीख हमें , शिक्षा के वो सब हैं द्वार। नित नित जो हरता रहे , मम् मति का तम ओ बिकार। ना उम्र ना जाति-पाति, ना लिंग भेद की दीवार। सजीव निर्जीव या हो खुद इस मन के उद्गार। शान्त सरल लता पताका या फिर ग़म ए मातम हो या खुशीयों का अम्बार। जीवन पथ जो भी मिला, कंटक दिये उसी ने बुहार। वो सब ही मेरे शिक्षक है, मातु शारदे कैसे दूं आभार। #Qanda#jindgi #rah #shikshak #ushtad #umra #jatpat
अभिषेक ठाकुर
गीत : मैं और तुम मैं स्वर मीठी कविता का, तुम इकतारे की सरगम। मैं गीत मधुर अधरों का, तुम हो पायल की छम छम। मैं नित तुम में हंसता हूं, तुम नित मुझमें हंसती हो। मैं तो तुम में बसता हूँ, मुझमें तुम ही बसती हो। मैं नव फूलों का मधुरस, तुम हो रातों की शबनम। तुम मधुवन की कलिका हो, मैं भौंरे का गुंजन हूं। तुम स्वर्णपत्र प्रीतम का, मैं भावों का अंकन हूं। मैं दिन तपते सूरज का, तुम शीतल शीतल पूनम। मैं श्याम अधर की मुरली, तुम राधा का भोलापन। मैं राम सिया के मन का, तुम उर्मिल का सूनापन। मैं स्नेहसिक्त सरिता सा, तुम प्रेम विजय का परचम।
Maths by Rinku baghel sir
मधुर व्यवहार व एक कुशल व्यक्तित्व प्रिय भाई *शुभम जादौन जी* को अवतरण दिवस की अनवरत बधाइयाँ व शुभकामनाएं... ........!!!!🌹🌹💐💐🎂🎂🎂🎂💐💐🌹🌹 .............ईश्वर से प्रार्थना है कि आपके जीवन पटल पर सफलता के नित नये आयाम इंगित हों..... .........साथ ही विचारधारा में सदैव शालीनता , मानवता व सामाजिक आर्द्रता बनी रहे......!!!!!💐💐💐💐🎂🎂🎂🎂 ............ नित नये मंगल बने ,हर सफ़लता पास हो
मधुर व्यवहार व एक कुशल व्यक्तित्व प्रिय भाई *शुभम जादौन जी* को अवतरण दिवस की अनवरत बधाइयाँ व शुभकामनाएं... ........!!!!🌹🌹💐💐🎂🎂🎂🎂💐💐🌹🌹 .............ईश्वर से प्रार्थना है कि आपके जीवन पटल पर सफलता के नित नये आयाम इंगित हों..... .........साथ ही विचारधारा में सदैव शालीनता , मानवता व सामाजिक आर्द्रता बनी रहे......!!!!!💐💐💐💐🎂🎂🎂🎂 ............ नित नये मंगल बने ,हर सफ़लता पास हो
read moreमलंग
सरकारी शिक्षक सोचते हैं सब, शिक्षक तो पढ़ाता होगा स्कूल जाकर सिर्फ ABCD कराता होगा। जिस दिन तुम उसका हाल जान जाओगे शिक्षा की बदहाली का राज जान जाओगे कभी दाल सब्जी, कभी चावल है उठाता कभी एम डी एम का ,है हिसाब लगाता कम हो गए डाकिये, पर इनकी डाक कम ना हुई घर घर जाकर भी , इनकी नाक कम ना हुई चुनाव आते ही , ये मतदान अधिकारी बन जाते हैं जब प्रिंसिपल ना हो तो , ये प्रभारी बन जाते हैं हरफनमौला किरदार है इनका, पर घमंड बिल्कुल नहीं ज्ञान के सागर हो जायें , पर पाखण्ड बिल्कुल नहीं। नित नित नए प्रयोग, इन पर ही किये जाते हैं नवाचार के बहाने रोज नए टिप्स दिये जाते हैं प्रयोगशाला नहीं उपकरण नहीं फिर भी प्रयोग कराना है अनुदान मद प्राप्ति से पहले ही, उसका उपभोग कराना है कभी बाबू कभी क्लर्क कभी चपरासी बन जाते हैं अपने विभाग के लिए तो ये जगदासी बन जाते हैं एम डी एम की थाली गिनकर भी, कभी ये बताते हैं एम डी एम की गैस भरने की, लाइन भी ये लगाते हैं ऑडिट के समय हर चीज का, हिसाब भी देना पड़ता है विद्यालय बिल्डिंग का तो इन्हें, टेंडर भी देना पड़ता है पढ़ लिखकर ठेकेदारी की, कला तो इनमें आई नहीं इंजीनियरिंग की डिग्री भी, इन्होंने कभी पाई नहीं पर शिक्षक बन अब हर चीज में, दिमाग लगाना पड़ता है शिक्षण को ताक पर रखकर अब,हर कार्य कराना पड़ता है फिर भी नजरों में सबके ये सिर्फ, हराम की ही खाते हैं औरों के लिए तो ये स्कूल में सिर्फ, आराम फरमाते हैं बच्चा लायक नहीं फिर भी पास करना है रेड एंट्री से इन्हें हर दम हर समय डरना है स्कूल ना आये बच्चा तो ,दोष इन पर ही मढ़ना है घर जाकर हर बच्चे के, फिर पैर इन्हें ही पड़ना है नित नए नए तुगलकी फरमान इन्हें ही सुनाये जाते हैं परीक्षा परिणाम बेहतर ना हो तो आरोप भी लगाये जाते हैं अभी दुर्गम के शिक्षक का तो,हाल तुम ना पूछो कैसे जिंदा है वो वहाँ, ये राज तुम ना पूछो अपने को दूसरी दुनिया का कभी वो पाता है जान हथेली पर रखकर भी वो स्कूल जाता है ऊपर से सरकार ने इस कदर रहम किये दुर्गम विद्यालय होकर भी सुगम कर दिए अब भले ना सब्जी मिले ना मिले यहाँ चावल ना नहाने को पानी मिले ना पोछने को टॉवल फिर भी सुगम की नौकरी ये कर रहे हैं दुर्गम जैसे सुगम में , ये मर रहे हैं फिर भी किंचित गम ना करते बाधा देख कभी ना डरते मिशन कोशिश तो अब आई है ये खुद कितने मिशन हैं करते अब शिक्षकों पर प्रयोग तुम बंद करो उलझाकर इनकी बुद्धि ना कुंद करो राष्ट्र निर्माता को राष्ट्र निर्माण करने दो बख्श दो इन्हें देश कल्याण करने दो शिक्षक को शिक्षण के काम में ही लगाओ इस डूबती व्यवस्था को कोई तो बचाओ वरना वो दिन दूर नहीं जब सरकारी स्कूल सब खाली होंगे ना रंग बिरंगे फूल कोई ना चौकीदार ना माली होंगे गरीब का जो भला करना है तो सरकारी स्कूल बचाना होगा गुरूओं को स्कूलों में सिर्फ पढ़ाना होगा यकीं मानो उस दिन इक नई भोर होगी शिक्षा और खुशहाली फिर चहुँ ओर होगी। रचयिता- -बलवन्त रौतेला रुद्रपुर
pandeysatyam999
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती। तेरे भक्त जनो पर माता भीर पड़ी है भारी। दानव दल पर टूट पड़ो मां करके सिंह सवारी॥ सौ-सौ सिहों से बलशाली, है अष्ट भुजाओं वाली, दुष्टों को तू ही ललकारती। ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती। तेरे भक्त जनो पर माता भीर पड़ी है भारी। दानव दल पर टूट पड़ो मां करके सिंह सवारी॥ सौ-सौ सिहों से बलशाली, है अष्ट भुजाओं वाली, दुष्टों को तू ही ललकारती। ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
read moresagar tiwari
कलम की यह कैसी प्यास, कलम आज फिर उदास है, कलम की स्याही नित पन्नों पर अपना दुख सुनाती है, भुखमरी बलात्कार भ्रूण हत्या, नित आती समस्याओं से त्रस्त वह अपनी व्यथा बताती है, कलम का यह सपना है, इस देश में रामराज आए यह हक अपना है, हो सच सपना यह कलम का इतनी ताकत हम अपनी कलम को देते हैं, निकले शुभ शब्द इससे सुनहरे भारत के बस इतनी ही शुभकामनाएं हम अपनी कलम को देते हैं........... #GandhiJi
गिरीश तिवारी आजाद
मां आदि शक्ति जगदम्बा है माता भवम भवानी तुम ही हो जगत रचैता तुम ही हो जग कल्याणी तुम असुर निकन्दनी माता तुम जग की भाग्यविधाता हे मइया शेरा वाली हे मइया जोता वाली तुमने ही असुर संहारे तुमने ही भक्त उबारे कण*कण में आप समाई तेरी महिमा गाई न जाये ब्रह्म*बिष्णु,शिवशंकर नित ध्यान तुम्हारा धरते नित ध्यान तुम्हारा धरते मां सुमिरन भी हैं करते तुम अजर*अमर*अविनासी तुम हो घट*घट की वासी मां मैं गिरीश शरण तेरी आया दे दो चरणों की छाया🙏 जय माता की #gk001
K.Mahendra
मैं इसी में सपने देखता, नये रंग इसमे बुनता, एक ही दिवस की है नही प्रति दिन की पहचान है। हिन्दी मेरी पहचान है। सतत मलय सुगंध है महका सभी का अंग है सब ओर इसका गूंज हो सस्वर ऐसी नाद हो। जो व्याकरण पे हो खरी ये भाषा का विज्ञान है। हिंदी मेरी पहचान है...... आगत के शब्दों को साथ कर, सहजता का वैभव सार कर, ये ध्वनि तरंगों के ताल पर, पथ बढ़ रही जो महान है हिन्दी मेरी पहचान है.... नव शब्द नूतन बढ़ रहे, व्योम को ये चढ़ रहे, नित नित प्रगति में हो रहे, समृद्ध अनुसंधान है। हिंदी मेरी ही जान है...... खुसरो से कवि गंग तक, तुलसी से घनानन्द तक, नानक कीगुरुवाणी है ये, स्वर में सदा रसखान है। हिन्दी मेरी पहचान है.... 15 सितम्बर ♏