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उपांशु शुक्ला

Tarakeshwar Dubey

चंद्रमुखी OneSeason

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चंद्रमुखी
#####

इक राग पर रागिन दीवानी हुई,
तेरी मेरी ये प्रीति जुबानी हुई।
जमाने ने ढाहे कितने सितम-दर-सितम,
जब से बैरन हमारी जवानी हुई।

चाय पर चर्चा हमसे वे करते रहे,
प्याली की भी अपनी एक कहानी हुई।
मधुशाला की पड़ गई छाप जब से,
मद भरी फिर तो वह एक पैमानी हुई।

नजरों को पिलाने की आदत है,
अधरों की सारी रश्में बेमानी हुई।
एक बूंद भी पीला देना होठों से,
मानूं शाकी तेरी मेहरबानी हुई।

चले आते है हर रोज मयखाने मे,
मुड़कर वे कभी लड़खड़ाये नहीं।
पारो की माला फेरते सदा झूम के,
सुख काठी चंद्रमुखी की जवानी हुई।

© मृत्युंजय तारकेश्वर दूबे।

©Tarakeshwar Dubey चंद्रमुखी

#OneSeason

Sunena

मैं एक शायरी सुनाओ तू चंद्रमुखी मैं सूरजमुखी😂😇 comedy #short_video #shortsfeed #shortnojotovideo #कॉमेडी

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अज्ञात

#रत्नाकर कालोनी.. सुधा की शानदार प्रस्तुति के बाद अपने डान्स फॉर्म में मशगूल बहन चंद्रमुखी जी ने सुधा दी से माइक लिया और उन्होने क्या गाय #कविता

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अज्ञात

#रत्नाकर कालोनी. पेज-23 लेकिन शुभ कार्य करने पूर्व आप सब सुबह देर से मंदिर हो कर आ जाइये..! मनीषा-भैया.. देर से क्यूँ रोज सुबह जाते हैं कल #प्रेरक

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पेज-23
लेकिन शुभ कार्य करने पूर्व आप सब सुबह देर से मंदिर हो कर आ जाइये..!
मनीषा-भैया.. देर से क्यूँ रोज सुबह जाते हैं कल देर से... कोई खास वज़ह...!
राकेश-हुम्म.. कल तुम्हें पूरी कालोनी देखेगी ना.. इसलिये.. !
मनीषा-ओह्ह... सरप्राइज..!
राकेश-हूम्म.. समझ गये..!
मनीषा-बहन किसकी हूं अब..!

इतना कहकर राकेश अपने घर को चला रास्ते में चंद्रमुखी जी का घर पड़ा
 जहाँ चंद्रमुखी जी पट बंद ही करने वाले थे कि राकेश ने कहा-बहना दो मिनट रुकिये ना..!

चंद्रमुखी जी-उइ मइया.. ! भैया जी आइये ना पधारिये...और एक गीत गुनगुनाने लगे... !
स्वागत है भैया जी आपका,.. स्वागत है भरमार.. !
राकेश-बहुत बहुत आभार बहना बस एक संदेश भिजवाने के लिये आपको कष्ट दे रहा हूं.. 
चंद्रमुखी जी-हाँ प्यारे भाई जी हुक्म कीजिये बहना सुनने को उतावली हो रही है..!
राकेश-जी मानक के घर बस इतना बताना है कि कल दोपहर को लड़की वाले मानक को देखने आने वाले हैं.. !
चंद्रमुखी जी- ओये होये..राजा की जायेगी बारात रंगीली होगी रात मगन में नाचूंगी... हाय मगन मैं नाचूंगी...!
भैया आपको पता है एक नंबर डांस आता है मुझे.. आप देखना सब लोग मेरे ऊपर से ही नोटों की न्योछावर करेंगे..!
राकेश-बिलकुल बहना अगर बात जम गई तो बहुत जल्द.. ""
चंद्रमुखी जी- शहनाइयों की सदा कह रही है.. मिलन की मुबारक़ घड़ी आ गई है...!
राकेश-हाँ बहना आप ध्यान से बता देना उन्हें और उनकी तमाम बहनों भाइयों को भी..!
चंद्रमुखी जी- पल्लो लटके री मारो पल्लो लटके..जरा सा.. जरा सा... हुम्म.. जरा सा... !💃
राकेश-(🤭ओ गॉड अभी तो शादी तय भी नहीं हुई है)
बहना ओ बहना आप बता तो दोगे ना..! अररररर रे इधर देखकर बोलो बहना..!
चंद्रमुखी जी-धूम मचा दे धूम मचा दे धूम..! 💃
राकेश-अल्लाह... !🤔 (किसी और को भी बताना पड़ेगा..)
अच्छा चलता हूं बहना जय सियाराम.. !🙏
आगे शालिनी बहना का घर पड़ता है मगर पता नहीं वो जाग रहे होंगे या नहीं... देखूँ तो उस तरफ... 
🚶‍♂️🚶‍♂️🚶‍♂️🚶‍♂️🚶‍अरे हाँ ये तो... प्रिया खड़ी है शायद...!जय सियाराम प्रिया... !
प्रिया-ओ तेरी.. भैया आप इस वक़्त.. कहां से आ रहे हैं.. !
राकेश-अरे सुनो ना मेरा काम करोगे प्लीज..!
प्रिया-अर्रे ये क्या बात हुई क्यूँ ना करूंगी मैं.. कहिये ना.. !
राकेश-अरे मानक के घर ख़बर भिजवाना है कि कल दोपहर को मानक को देखने वाले आ रहे हैं..!
प्रिया-अभी लीजिये अभी कॉल किये देती हूं..!
राकेश-तुम उन्हें बता दो मुझे थोड़ा अर्जेन्ट काम है मैं चलता हूं..!
(कुछ दूर चलते ही.. )अरे ज़नाब कहां से तशरीफ़ ला रहे हैं आप.. बड़ी जल्दी में दिख रहे हैं..!
राकेश-अरे हिसाम साहब... क्या बताऊं एक बड़े काम को अंजाम देना है...! 
हिसाम जी-अरे हुक्म करें.. शायद हम भी किसी काम आ जायें...!
राकेश-अरे जी बिलकुल आप तो काम आने ही आने हैं..!
ईश्वर ने चाहा तो बहुत जल्द इस कालोनी में उत्सव होगा . !
हिसाम जी-अरे वाह क्या बात... नइ कालोनी में पहला उत्सव होगा..
.चलिए हमें इंतजार रहेगा..! ख़ुदा हाफ़िज.. !
राकेश-ख़ुदा हाफ़िज हिसाम साहब 🙏🙏

दृश्य समाप्त.. अब आगे -24

©R. Kumar #रत्नाकर कालोनी. 
पेज-23
लेकिन शुभ कार्य करने पूर्व आप सब सुबह देर से मंदिर हो कर आ जाइये..!
मनीषा-भैया.. देर से क्यूँ रोज सुबह जाते हैं कल

Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय"

#चंद्रमुखीनामा wishing u many many happy returns of day my Babu Doll 🎂🍰🍫🥂🎉 जन्मदिन मुबारक हो लल्लुआ के माई Chandramukhi Mourya Bhagat 🙌😃🎊

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चंद्रमुखीनामा
°~°~°~°~°~°

कभी मिले नहीं हैं हम फ़िर भी
अपनीं हर आदतें मिलती हैं,
हमारे मन में बात हो जो वो जानें-अंज़ानें 
आपके जुबां से निकलती हैं।

बड़ी ही नटखट चुलबुली-सी परी
हरपल अपनें ही धुन में खोई रहती हैं,
अलग हैं सबसे आप ओ देवसेना दीदी
अश्क़ों को मुस्कान में बदलनें का हुनर रखती हैं।

न्यारी-सी प्यारी-सी हैं यहाँ
 हर किसी के लेखन पर पैंनी नज़र रखती हैं,
अंदाज़ है आपका सबसे हटके 
हर किसी के विचारों पर अपना मत भी रखती हैं।


लेखन की क्या बात करें हम आप तो
मगन भावनाओं में डूब के लिखती हैं,
किसी भी विषय पर लिखनें से पूर्व 
आप चिंतन कर यथार्थ परखती हैं।

वैसे तो "चंद्रमुखी" है नाम आपका
सदा मुख पर चंद्र का ओज हो,
"हृदय" कामना है यही कि आपके
जीवन में बहारों का जश्न हर रोज़ हो।
-रेखा "मंजुलाहृदय"

जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं दीदी!
🍰🎂🍫🥂

©Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" #चंद्रमुखीनामा

wishing u many many happy returns of day my Babu Doll 🎂🍰🍫🥂🎉

जन्मदिन मुबारक हो लल्लुआ के माई Chandramukhi Mourya Bhagat  🙌😃🎊

Writer_Sonu

#chaand कविता चंद्रमुखी उपमा चंदा कहे हम राम से चंदा कहे हम श्याम से मेरी मां कहे चन्दा मामा दुर के नानी कहे पुआ पकाए पुर के

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कविता चंद्रमुखी उपमा

चंदा कहे हम राम से 
चंदा कहे हम श्याम से

मेरी मां कहे चन्दा मामा दुर के
नानी कहे पुआ पकाए पुर के

नौका हमारी कागज़ की
बहती हुई जाती हैं

रात्रि में बहते हुए पानी में
 चंदा की चांदनी मुस्काती है

चंदा कहे हम राम से 
चंदा कहे हम श्याम से

©Writer_KAVISONU #chaand कविता चंद्रमुखी उपमा

चंदा कहे हम राम से 
चंदा कहे हम श्याम से

मेरी मां कहे चन्दा मामा दुर के
नानी कहे पुआ पकाए पुर के

अज्ञात

#रत्नाकर कालोनी पेज-74 हल्दी मुलाई थारे तेल चढ़ावा,  हल्दी रो मोल चुकावां ला,  उगतेड़ो सूरज रो रंग लागे सुरंगो,  #प्रेरक

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पेज-74
बन्ना गीत जो अपने बन्ना अर्थात दूल्हे को रिझाने की, मनाने की, सजाने संवारने की और उसकी बिरदावली बखान करने की एक बड़ी ही सुहावनी गीत शैली है.. जिनके बिना विवाह आनंद ही नहीं आता.. और सच मानिये तो विवाह में फ़िल्मी गीतों का वो प्रभुत्व आज तक नहीं बन पाया जो बन्ना बन्नी गीतों का सदियों से चला आ रहा है फिर बन्ना गीत की बात हो और हमारी दिव्या बहन पीछे रह जाए ऐसा तो हो नहीं सकता..   बस फिर क्या... ज्यों ही मातृकापूजन को सभी चले.. दिव्या ने शुरु किया अपना बन्ना गीत
आगे कैप्शन में.. 🙏

©R. K. Soni #रत्नाकर कालोनी 
पेज-74
हल्दी मुलाई थारे तेल चढ़ावा, 

हल्दी रो मोल चुकावां ला, 

उगतेड़ो सूरज रो रंग लागे सुरंगो, 

अज्ञात

#रत्नाकर कालोनी पेज-30 आज मानक के घर अलग ही रौनक दिख रही है.. घर पर बच्चों की खिलखिलाती मुस्कान.. सबके चेहरे खिले हुये... आज लड़कीवाले देखने #प्रेरक

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पेज-30
आज मानक के घर अलग ही रौनक दिख रही है.. घर पर बच्चों की खिलखिलाती मुस्कान.. सबके चेहरे खिले हुये... आज लड़कीवाले देखने आ रहे हैं... भगवान ने चाहा और रिश्ता पक्का हो गया तो इस कालोनी में पहली शादी की धूम धाम होगी कितना हर्ष उल्लास होगा... सबके मन में उमंग और मानक की शादी के ख़्वाब, शॉपिंग की लिस्ट.. सब कुछ मन मस्तिष्क में अपना असर छोड़ने लगा...! मेहमानों के आने के पहले ही मानक की बहन प्राजक्ता और पारिजात अपने भाई के घर मदद करने पहुंच चुकी थी.. धीरे से चंद्रमुखी बहन भी आ पहुंची जिनकी खुशी का ठिकाना ही ना था.... अभी बात पक्की भी नहीं हुई मगर यहाँ मानक के पिता जी से पूरी योजनाओं का विस्तार से वर्णन होने लगा.. हम ऐसा करेंगे हम वैसा करेंगे... आप तो बस देखते जाना पापा जी... और मम्मी आप.. आपको कोई भी काम करने की जरूरत नहीं दूल्हे राजा की सारी बहनें मिलकर सब काम हाथों हाथ कर लेंगी.. तभी पीछे से प्राजक्ता ने आवाज़ दी-फिलहाल थोड़ी मदद हमारी भी कर दो दीदी... चंद्रमुखी जी-जे लो इनको अभी से फफोले पड़ने लगे जरा सी बात क्या की इनको लगने लगा हमें तो कोई पूछ ही नहीं रहा है... अरे बहना तुम्हें भी अवसर मिलेगा... जरा हमें रुपरेखा तो बनाने दो..तभी पारिजात ने कहा-कुछ कुछ मशविरा हमसे भी ले लेना दी.., छोटे हैं पर मानक भाईसा पर हम भी उतना ही हक़ रखते हैं जितना आप.. इतने में प्राजक्ता बोल पड़ी-अरे अभी बात पक्की तो होने दो... अभी दिल्ली दूर है...! इनकी आँखों में अभी से नूर है...! यहाँ आओ वरना पापाजी.. के कानो से..! चंद्रमुखी जी- देखा पापा जी कैसे मिर्ची लग रही है इन दोनों को... और इसे अकेले नहीं कई होंगे आप तो किसी की सुनना ही नहीं... आप तो बस मेरे हिसाब से सब काम करना बस.. ये सब ना आगे आगे होंगी कुछ भी करने को.. आप तो इन्हें इतना कह देना मेरी चंद्रमुखी बिटिया से बात हो गई है.. सबको मेरे पास ही भेजना... प्राजक्ता-हाँ हाँ भेज देंगे तुम्हीं संभाल लेना सारा काम...! हमें तो नाच गाने से ही फुरसत ना मिलेगी... चंद्रमुखी जी-(🤔हाय हाय..प्लान चेंज )- क्यूँ रे नाच गाना मेरे बगैर....हो ही नहीं सकता..! पापा जी आप ना अपने हिसाब से निर्णय लीजिये.. मुझे क्या है..😔..मैं तो मारे खुशी के यूँ ही कह रही हूं मुझसे कहां इतना सब सम्भल पायेगा.. पापा जी...ओ पापा जी...! प्राजक्ता- बहुत देर से सुन रहे थे ना तो नींद आ गई होगी उन्हें.. अब माता जी को और देख लो..!अगर थक गये बताते बताते तो जरा कुछ काम धाम कर लें.. मेहमान आते ही होंगे...! कुछ देर तीनों की मीठी नोंक झोंक के बीच ही बाहर से बच्चों से आवाज़ दी मेहमान आ गये..मेहमान आ गये..!
बच्चों की आवाज़ सुनते ही पिता जी उठ गये..! मगर बच्चों ने कहा वो गाड़ी तो रुकी ही नहीं..! अब नटखट बच्चों को क्या पता मेहमान कब और काहे में आने वाले हैं.. लेकिन उसी क्षण करीब दोपहर तीन बजे.. लड़कीवाले मानक के घर पहुंचे...! खुले हृदय से मेहमानों का स्वागत हुआ...! मानक के घर में बहनों का ताँता लगता चला.. सामने मेहमान बैठे थे इसलिये पिछले दरवाज़े से किचिन और किचिन से बैठक रूम के पर्दे से नज़ारा देखा जा रहा था, पिछले दोनों कमरे ठसाठस भर चुके थे.. बहनों में कोई नाश्ते की ट्रे सजा रहा है..कोई गिलासों में पानी भर रहा है कोई फल काटकर सजा रहा है..! 
कैसी उमंग है यहाँ.. ! कितना उत्साह है सबमें..! कथाकार दृश्य देखता है और आगे का हाल बताता है-
सामने कमरे में बड़े बुजुर्गों के साथ विशाल जी यशपाल जी संगत दे रहे हैं.... कथाकार इस दृश्य को पलकों पर रखता हुआ आगे बढ़ रहा है...
आगे पेज-31

©R. K. Soni #रत्नाकर कालोनी 
पेज-30
आज मानक के घर अलग ही रौनक दिख रही है.. घर पर बच्चों की खिलखिलाती मुस्कान.. सबके चेहरे खिले हुये... आज लड़कीवाले देखने

अज्ञात

#रत्नाकर कालोनी पेज -34 हेलो हेलो.. हाँ सुधा जी क्या कर रहे हैं आप, और आपकी सखियाँ... मानक की बहनें क्या आईं आप तो बड़े लापरवाह हो गये... अर #प्रेरक

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पेज -34
हेलो हेलो.. हाँ सुधा जी क्या कर रहे हैं आप, और आपकी सखियाँ... मानक की बहनें क्या आईं आप तो बड़े लापरवाह हो गये... अरे.. क्या क्या सामान लगना है वहाँ सगाई में जरा देखिये तो.. वो चंद्रमुखी जी तो पता नहीं क्या क्या मंगाए जा रहे हैं.. हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की कह कह कर..दो मिनट में आइये. आप सभी राखी जी लौटे या नहीं मायके से.. सबको अभी जाना है घूमने फिरने को..नहीं होऊंगा शांत..!, अभी कितनी सारी तैयारियां करनी है.. ओह्हो हो हो... वेलकम वेलकम वेलकम... आइये आइये आइये पधारिये... 
अरे आपको नहीं कह रहा हूं..?  अहोभाग्य इस कालोनी के... साक्षात् दोहासम्राज्ञी का आगमन...!.. अरे जी आपको नहीं कह रहा हूं ना... जी जी स्वागत स्वागतम.. अभिनन्दन.... धन्य हुई रत्नाकर कालोनी आपके शुभागमन से....!  अरे आप थोड़ा सुनिये तो बस... जी जी.. मानक बहुत दिनों से आपके बारे में चर्चा कर रहा है.. आज आप बिलकुल सही समय पर आये... सुधा जी.. अभी मत रखिये फोन.. सुनिये.. बताता हूं.. जी अरे उमा जी आये हैं... उमा वैष्णव.. नोजोटो में अद्भुत दोहों और लाइव शोज़ के जरिये लोगों में हिंदी साहित्य विधा का प्रचार प्रसार कर सबको प्रेरित करने वाले रचनाकार... उमा जी परिंदे पेज पर आपका हार्दिक... अरे हाँ हाँ.. जी sorry sorry उमा जी.. इस रत्नाकर कालोनी में आपका बहुत बहुत बहुत अभिनन्दन... फटाफट तैयार हो जाइये... अरे आपको नहीं कह रहा भाई.. उमा जी.. हमें एक घंटे के अन्दर सगाई के लिये निकलना है.. प्लीज प्लीज . जल्दी कीजिये..!
हाँ और आप दस मिनट में यहाँ अपने चारों धाम लेकर यहाँ उपस्थित हो जायें.. 
-विशाल जी.. विशाल जी...? 
  - अर्रे क्या हुआ शर्मा जी बिजली... !
  - 🤦‍♂️कहां है कहां है बिजली भागो रे बाप .. !
  - अर्रे बिजली चली गई..!
  - थैंक गॉड अच्छा हुआ चली गई..!🤷‍♂️
  - अर्रे लाइट गुल हो गई.. साहब जी.. 🤦‍♂️
 -ओह्ह, इस बिजली नो नो . लाइट को भी कभी जाना था क्या... अर्रे चंद्रमुखी जी जरा देखिये कोई व्यवस्था है क्या उजाले की..!
पेज-35

©R. K. Soni #रत्नाकर कालोनी 
पेज -34
हेलो हेलो.. हाँ सुधा जी क्या कर रहे हैं आप, और आपकी सखियाँ... मानक की बहनें क्या आईं आप तो बड़े लापरवाह हो गये... अर
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