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सुसि ग़ाफ़िल
खखार घुटक रहा हूं तो गले के नीचे गरल जा रहा है और पहुंच जाता है कूपिकाएं तक . . . . . कूपिकाएं कहती है सांवली हो गई हैं हम खखार घुटक रहा हूं तो गले के नीचे गरल जा रहा है और पहुंच जाता है कूपिकाएं तक
खखार घुटक रहा हूं तो गले के नीचे गरल जा रहा है और पहुंच जाता है कूपिकाएं तक
read moreSunil itawadiya
मन चिति कभी ना हुई प्रभु चीती हुई तत्काल जाना था आकाश उसे छोड़ दिया पाताल #अर्थात सोचा हुआ काम कभी नहीं होता है पोस्ट ध्यान से पढ़िए गा उसमें लिखा हुआ है की आकाश में जाने का सोचा था और पहुंच गए पाताल #yqbaba #yqdi
#अर्थात सोचा हुआ काम कभी नहीं होता है पोस्ट ध्यान से पढ़िए गा उसमें लिखा हुआ है की आकाश में जाने का सोचा था और पहुंच गए पाताल #yqbaba yqdi #yqdidi #Sunil_itawadiya
read moreHarshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat अनकही हकीक़त अनकहे हर्फ बेदर्द कर जाते रहे तुम्हे कहीं और हमे कहीं और पहुंचते रहे। #respect #life #lessonsoflife #relationship #yqbaba #yqdidi Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat अनकही हकीक़त अनकहे हर्फ बेदर्द कर जाते रहे त
#RESPECT life #lessonsoflife #Relationship #yqbaba #yqdidi Written by Harshita ✍️✍️ #jazzbaat अनकही हकीक़त अनकहे हर्फ बेदर्द कर जाते रहे त
read moreRajeshwar Singh Raju
" जीवन" जीवन की इस भागमभाग में पहुंचने उस जगह जिसे कहते हैं मंज़िल, मैं दौड़ा तुम दौड़े
" जीवन" जीवन की इस भागमभाग में पहुंचने उस जगह जिसे कहते हैं मंज़िल, मैं दौड़ा तुम दौड़े
read morePooja Nishad
भूली बिसरी राहों में मन की गांठे लिए मैं चलती गई और पहुंची उस हरी दूब पर जहां से सफर शुरू किया था ! Read in caption 👇 भूली बिसरी राहों में मन की गांठे लिए, मैं चलती गई और पहुंची उस हरी दूब पर जहां से सफर शुरू किया था।
पूजा निषाद
भूली बिसरी राहों में मन की गांठे लिए मैं चलती गई और पहुंची उस हरी दूब पर जहां से सफर शुरू किया था ! Read in caption 👇 भूली बिसरी राहों में मन की गांठे लिए, मैं चलती गई और पहुंची उस हरी दूब पर जहां से सफर शुरू किया था।
संतृप्त
अस्तित्व हर किसी के समुद्र रूपी जीवन में कभी न कभी एक ऐसा तूफ़ान ज़रूर आता है जब चारों तरफ़ तिमिर की अनुभूति में अंत का आभास होने लगता है, जब हम चाहते ह
हर किसी के समुद्र रूपी जीवन में कभी न कभी एक ऐसा तूफ़ान ज़रूर आता है जब चारों तरफ़ तिमिर की अनुभूति में अंत का आभास होने लगता है, जब हम चाहते ह #YourQuoteAndMine
read moreVerti....
कुछ जिंदगी के रंग ऐसे भी।। #जिंदगी की खासियत, कुछ ऐसी जो अनकही , अनसुनी , अनभिज्ञ और असुलझी होती है । नही, नही, छोड़ दो मुझे, प्लीज मुझे जान
जिंदगी की खासियत, कुछ ऐसी जो अनकही , अनसुनी , अनभिज्ञ और असुलझी होती है । नही, नही, छोड़ दो मुझे, प्लीज मुझे जान
read moresubodh kumar
..... इक रोज़ मै यूं ही खुद की तलाश में चल निकला और पहुंचा महादेव की नगरी में, कहा खबर थी मुझे इंतजार कर रही है किस्मत मेरी बेसब्री में। रात के क