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om patil writer
शोर और ख़ामोशी हे भारत माता मुझे समझ में नहीं आता तेरे आंचल के नीचे यह क्या हो रहा है एक फूल रोज कुचला जा रहा है हमने बचपन मैं सुनी कहानी थी वह तो झांसी वाली रानी थी यह आज की कैसी कहानी है जो बेटीयों के साथ हो रहा वह कैसी हैवानी है बूढ़ी दादी से हमने सुनी कहानी है आज देख अखबार आंख भर जाता है ऐसी कहानी है ©om patil मैं इसके बारे में कुछ इसमें कह नहीं सकता पर आप एक बार जरूर पढ़ें Priyanka chakraborty pooja negi# suman# Aman Sharma Deepmala Kumari
मैं इसके बारे में कुछ इसमें कह नहीं सकता पर आप एक बार जरूर पढ़ें Priyanka chakraborty pooja negi# suman# Aman Sharma Deepmala Kumari
read moreDivyanshu Pathak
मेरा और तुम्हारा बंधन मरने के भी वाद रहे ! अपने होने का अपनापन जो जाने के वाद रहे ! जी पाएंगे क्या हम और तुम जो सदियों तक आबाद रहे ! 💕👨 शुभ संध्या जी ☕☕🍨🍨💕🍫🍫🍉🍧🍧☘🌱🍧🍧🍦🙏 : गुलशन में फूल खिले बहुतेरे कुछ कलियों के साथ जुड़े कुछ पर भँवरों के हैं डेरे मैं माली बनकर रह बैठा मौज ले
Peeyush Umarav
रक्त रंजिश, प्रवाह विरंजित धर्म अपना, क्या कोई बैर है वक्त चलता,दौर बनता क्या सिर्फ मतलब को बनता इंसान सिरमौर है, बिन अवरोध चलता जाता, रस
Vickram
कुछ भी अच्छा नहीं लगता बिना तेरे लगता है सब कुछ बेकार है जिंदगी में ये प्यार नहीं ये उस से भी खास है कुछ हम उदास है आजकल पता नहीं कुछ ठीक नहीं लगता,, ©Vickram कुछ खास है इसमें,,
कुछ खास है इसमें,, #शायरी
read moreShipra Pandey ''Jagriti'
आज शाम इस ढ़लती हुई शाम में कुछ तो कशिश है, यूँ ही नहीं ये ढ़लते ढ़लते कुछ कह रही है, चलो सुनते हैं आज इस शाम को इसी के शब्दों में.. क्या कुछ कहती है ये आज शाम... पिरोते हैं दिन भर के हर लम्हें को इस बीते वक़्त की सुनहरी डोर में, ये ढ़लती हुई शाम सन्देश है, बीते हुए आज और आने वाले नए कल का, इसी शाम की मानिंद ढ़ल जाओगे एक दिन तुम भी और फ़क़त रह जाओगे अपनी सुनहरी यादों में पिरोए हुए लम्हो में कहीं न कहीं कुछ कही-अनकही बातों में और थोड़ा बहुत अपने परायों की यादों में..! ये शाम... ढ़लती हुई ये आज शाम...!! शिप्रा पाण्डेय 'जागृति' ©Kshipra Pandey कुछ तो कशिश है इसमें..! #PoetInYou
कुछ तो कशिश है इसमें..! #PoetInYou
read moreRahul choudhary
बहुत कुछ कैद था इसमें जज्बातों के साथ मेरे दौर गुजरा तो लोगों ने समेटे जज्बातो को उलझा कर रख दिया ©Rahul choudhary बहुत कुछ कैद था इसमें #Mere_alfaaz #mere_alfaaz_7716
बहुत कुछ कैद था इसमें #Mere_alfaaz #mere_alfaaz_7716
read moreSamar Shem
"मुझे फिर तबाह कर, मुझे फिर रुला जा सितम करने वाले, कहीं से तू आ जा" इस गाने के खूँटे से बँधे रहते हैं प्रेम करने वाले, तुम मत बंधना किसी कहे या लिखे से तुम उड़ते चले जाना "इसमें तेरा घाटा मेरा कुछ नहीं जाता" के पीछे पीछे" 🖤 इसमें तेरा घाटा मेरा कुछ नहीं जाता #weather
इसमें तेरा घाटा मेरा कुछ नहीं जाता #weather
read moreपंडित जी बनारस वाले
हज़ार बार ली है तुमने तलाशी मेरे दिल की, बताओ कभी कुछ मिला है इसमें तुम्हारे प्यार के सिवा.. बताओ कभी कुछ मिला है इसमें तुम्हारे प्यार के सिवा..??
बताओ कभी कुछ मिला है इसमें तुम्हारे प्यार के सिवा..??
read moreAsif shah
कैद होने लगे हैं बचपन से आजाद होते हुए बर्बादी की तरफ चल दिए आबाद होते हुए, मैदानों में बीती शाम में याद नहीं आती मदद गैरों से मांगते हैं खुदा से फरियाद होते हुए! उम्र की गिनती जरा बढ़ने क्या लगी अंदाज गैर से काम करते हैं खुद का अंदाज होते हुए वो भागकर मां की गोद में सोना महसूस होता है नींद अच्छी नहीं आती बिस्तर साथ होते हुए वह मदरसे की तख्ती का रंगना याद आता है अनपढ़ सा महसूस करते हैं किताबे साथ होते हुए वह मांजे से कटी उंगलियां वक्तों से सलामत है पतंगबाजी का शोक खो गया है पतंगे साथ होते हुए दस्तूर कुदरत है यही होना मुकद्दस है हम खुद से बिछड़ने लगते हैं खुद के साथ होते हैं कुछ शेर छूट गए हैं .... आज ही नहीं पाए इसमें.
कुछ शेर छूट गए हैं .... आज ही नहीं पाए इसमें.
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