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Vivek Singh rajawat
अगर खण्डहर बोलते, तो क्या बोलते? अगर खण्डहर बोलते तो क्या बोलते? काल के साथ ख़त्म राज खोलते किसी की जवानी या फिर, कोई अनोखी प्रेम कहानी बोलते अगर खण्डहर बोलते तो क्या बोलते? वीर के बारे में बोलते कायर की कायरता खोलते षड्यंत्रो को आज के पैमाने में तोलते अगर खण्डहर बोलते तो क्या बोलते? किसी रूमानी अफवा को फैलाते ख़ुद में चमगादड़ो औऱ साँपो को छिपाते औऱ कुछ बेलों से ख़ुद को सजाते अगर खण्डहर बोलते तो क्या बोलते? पुराने वट वृक्ष से दोस्ती करतें उसको अपना हम राज कहते औऱ रात्रि के तीसरे पहर में भय बढ़ाते अगर खण्डहर बोलते तो क्या बोलते? वट वृक्ष की शोभा घुघ्घू बढ़ाते एक डाल बैठे चित भय बढ़ाते पास गुज़रने पर आवाज़ लगा रोकते अगर खण्डहर बोलते तो क्या बोलते? पूछने पर सच ही बताते इतिहासकारो की सारी जिज्ञासा सुलझाते सच्चाई बताते भूतकाल दिखाते अगर खण्डहर बोलते तो क्या बोलते? विवेक सिंह राजावत। खण्डहर बोलते तो क्या बोलते?
खण्डहर बोलते तो क्या बोलते?
read morePoonam Aggarwal'मीता'
दिल का शीशा बड़ा ही नाज़ुक होता है पत्थर भी मारना गर तो ज़रा नज़ाकत से। #NojotoQuote #कविता#दिल
Praddip
यु तो सामने समन्दर बहती है नाजाने फिरभी मन मे आग लिए घुम रहा है #कविता#दिल
Umrav Jat
White झुकी हुई नजरों को तुम नजाकत लिख देना मेरी खामोशी को दौर ए कयामत लिख देना। रोता है दिल जिसको याद करके आज भी मेरे प्यार की तुम उसे अमानत लिख देना। दर्द को बयां करूं जब मे मुस्कराते हुए उसी हंसी को तुम खुदा की इनायत लिख देना। रह चलते चलते छूट जाए साथ तो फरियाद में तुम मैरी शिकायत लिख देना। खुशी के मारे बह जाए आंखों से अश्क तो इन अदाओं को तुम मेरी आदत लिख देना। अगर मोहब्बत में बन गया में मुजरिम तेरा तो अपने लबो में तुम मेरी जमानत लिख देना। तेरे इश्क में मंदिर में एक पुजारी हु में उसी मोहब्बत का नाम तुम इबादत लिख देना ©Umrav Jat #कविता # दिल से
कविता # दिल से
read moreBraj Mohan
वही सुबह है और शाम वही है देखा किरणों का जाल वही है कलरव करता खगकुल देखा सूरज का भी रंग लाल वही है ©Braj Mohan #ब्रजमोहन #कविता #दिल
ब्रजमोहन कविता दिल
read moreNibha Jain
बात जो दिल मे है , वो शब्दो मे ढ़ाल देती हूं। कभी कभी मैं अपनी रूह को, पन्नों में उतार देती हूं.. -निभा #दिल #कविता #शायरी
Praddip
दिल इकलौता मेरा परवाह तुम करो या ना करो तेरी परवाह तो मैं करूँगा दिल को मैं समझा रहा हूँ बेबफाई कोई करें या ना करें तुम बेबफा मत होना मेरा इकलौता दिल... #दिल#कविता#प्यार
Sita Prasad
नाज़ुक दिल नाज़ुक है दिल हमारा, बड़ी जल्द ही बुरा माने, कभी बन सख्त करता है गुज़ारा, इसे सम्भालना है न आसान मेरी मानें! सहलाकर, बहलाकर, फुसलाकर, रखना इसे तुम नित सम्भालकर, जितना इसको भड़काओगे दोस्तों, उतना ये डगमगएगा संतुलन खोकर! ©Sita Prasad #kinaara #दिल #कविता
krishna sharma
विषय :- हौसलो की जीत लेखक :- कृष्णा शर्मा जीत हौसलो की होती है इतना कब तुम जानोगे रहा हौसला तुझमे ग़र तो खुद को तुम पहचानोगे क्या तुमने देखा है बोलो कभी हौंसला चींटी का मीलों से ढोकर लाती है ढेर बड़ा बो माटी का गागर में सागर के जैसी बातें तो सब करते हैं किन्तु हौसला ना होने पर मायूसी में जीते हैं कथनी और करनी में अम्बर की दूरी होती है बिना हौसलों के ना आशाएं पूरी होती हैं जीवन में जीत हौसलों से यह बात कभी तो मानोगे रहा हौसला तुझ में ग़र तो खुद को तुम पहचानोगे यह जीवन है कांटों सा पर पार निकलना है मुझको दूंगा मैं तोड़ हौसलों से हर मुश्किल सहना है मुझको दरिया कितना भी हो विशाल उससे ना तुम डर सकते हो बना हौसलों की कश्ती तुम पार निकल सकते हो सिर्फ हौसलों से ही तुम उस चांद को भी छू सकते हो जिसकी ना करी कल्पना हो वह सब तुम कर सकते हो गर करें हौसला इंसा तो रेगिस्तान में फूल खिला देगा रुख मोड़ सभी नदियों का वह सागर में उन्हें मिला देगा कृष्णा की इन बातों का जब मर्म कभी तुम जानोगे रहा हौसला तुझ में ग़र तो खुद को तुम पहचानोगे ****************** ©krishna sharma #कविता दिल से
#कविता दिल से
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