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Rajesh Arora
. ....... ©Rajesh Arora पानी- पूरी #love #quotes #Shayari #Shayar #poem #Poet #Poetry
sonali dubey
होठों को छुआ उसने एहसास अब तक है आँखो में नमी , और सांसो मे आग अब तक है 😀😀😀 वक्त गुजर गया पर याद उसकी अब तक है 😀😀 😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀 क्या पानी पूरी थी यार स्वाद अब तक है क्या पानी पूरी थी यार 😀😀😀😀
क्या पानी पूरी थी यार 😀😀😀😀
read moreSavita Nimesh
मुंह में जाते ही हो जाती है आखें बंद जिसको ललचाए हर किसी का मन छोटा हो या बड़ा हर कोई है इसका दीवाना देख ले एक बार तो बिना खाए रहा नही जाए कही बोले पानी बताशा कही बोले गोल गप्पे कही बोले पानी पूरी बिना खाए जैसे रहती सारी इच्छाएं अधूरी आखों से निकले आशू फिर भी बार बार खाते है हर मौसम में पानी पूरी का लुत्फ उठाते है कुछ कुछ खट्टा कुछ कुछ मीठा है जायका इसका जिसने नही खाई पानी पूरी उसकी जिंदगी अधूरी रही फिर इंतजार किस बात का पहुंच जाओ खाने पानी पूरी ©Savita Nimesh #पानी#पूरी
Kh_Nazim
दुनिया रोता रहता रंग हीन दुनिया में जैसे काले पानी की सजा हो, पुकारा जब उसने किसी को मोहब्बत की जैसे कोई दुआ हो लाचारी-ए-वफा की उम्मीद करता था।। अपने ही आंसुओं पोछा करता था, जब फरियाद-ए-वफा कबूल ना हुई तो रोता रहा रंगहीन दुनिया में "नाज़िम" जब अपनों की तलाश पूरी ना हुई।। दुनिया #मोहब्बत #काले पानी #पूरी #khnazim
Mamta Singh
राेटी-चावल का झंझट कम था जाे fsat-food भी बनवाने लगे है क्या कहूँ याराें कि अब ताे ख्वाबाें, में भी चूल्हा-चक्की आने लगे है लाँक डाउन खत्म हाे ने ताे दाे पानी पूरी का ठेला लगाउंगी तेरे काँलेज के सामने तुने बनायी दाे चार सखियां ,मैं दर्जन भर सखा बनाउंगी तेरे काँलेज
लाँक डाउन खत्म हाे ने ताे दाे पानी पूरी का ठेला लगाउंगी तेरे काँलेज के सामने तुने बनायी दाे चार सखियां ,मैं दर्जन भर सखा बनाउंगी तेरे काँलेज
read morepooja d
मला चॉकलेट केक पाहिजे 🎂 Pic credit : pinterest #मिठेलालचाटवाला #FreeForToday Come one Come All आ गया है मिठेलाल पानी पूरी रगडा एकदम तकडा
Pic credit : pinterest #मिठेलालचाटवाला #FreeForToday Come one Come All आ गया है मिठेलाल पानी पूरी रगडा एकदम तकडा
read moreNisheeth pandey
बून्द बून्द बारिश का , सिहरे मोरा अंग रोम रोम... गर तुम होती संग मेरे मैं भी भीग भीग कर संग तेरे तृष्णा बनता धीरे-धीरे.... समीप आती देती यदि मुझे अपनी भीगी भीगी अंगड़ाई तुम कामुक प्रेमक अपने होठ पर नीची करती मेरे प्यासे होठ की डाली........ धीरे धीरे रे मन धीरे धीरे सब भीगें भीगे तन... कली मुस्काये फूल करे सृंगार, ॠतु आये मेघ गाये बहार .... सताए मन कैसे समझाये ... पड़े बून्द बून्द कंचन मन पगलाए ,... तुम हुए धीरे-धीरे हमसे दूर दूर नदियां सारे सूखे सूखे प्रेम रस को तड़पे तड़से.... अब क्या क्या बताये हम... लोकडाउन के चक्कर बक्कर में बाहर कि चाट वाट और पानी पूरी खाये वाये हमारे कितने ज़माने बीते बीते...☹️ 🤔#निशीथ🤔 ©Nisheeth pandey एक प्रेम विरह ----------- बून्द बून्द बारिश का , सिहरे मोरा अंग रोम रोम... गर तुम होती संग मेरे मैं भी
एक प्रेम विरह ----------- बून्द बून्द बारिश का , सिहरे मोरा अंग रोम रोम... गर तुम होती संग मेरे मैं भी
read more©Kalpana'खूबसूरत ख़याल'
नोक- झोंक (अनुशीर्षक में पढ़ें) नोंक-झोंक "हद है यार ये तुम छोटी छोटी बातों पर मुँह क्यों फुला लेती हो?" रितेश चिढ़कर बोला। अब बोलोगी भी या मैं जाऊं ऑफिस। "ऑफिस जाओ या भाड़
नोंक-झोंक "हद है यार ये तुम छोटी छोटी बातों पर मुँह क्यों फुला लेती हो?" रितेश चिढ़कर बोला। अब बोलोगी भी या मैं जाऊं ऑफिस। "ऑफिस जाओ या भाड़
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