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Rajesh Khanna
मैं डूब जाऊ समुद्र की लहरों में याद आऊ हवा की सुर्ख़ियों में प्यार का तो इजहार किया ही नहीं कैसे बताऊं इश्क की बूदों में ©Rajesh Pal सुर्ख़ियों #drowning
सुर्ख़ियों #drowning
read moreAbeer Saifi
था कली की सुर्ख़ियों पे गुल को नाज़ बहोत, तस्वीर से मेरे यार की भरम चकनाचूर हुआ اا सुर्ख़ियों - लाली, गुल - फूल #yqbaba #yqdidi #yqquotes #aestheticthoughts #yqtales #yqlove #yqdiary #yqlife
Abeer Saifi
था कली की सुर्ख़ियों पे गुल को नाज़ बहोत, तस्वीर से मेरे यार की भरम चकनाचूर हुआ اا सुर्ख़ियों - लाली, गुल - फूल #yqbaba #yqdidi #yqquotes #aestheticthoughts #yqtales #yqlove #yqdiary #yqlife
Hasanand Chhatwani
*शोर करते रहो तुम ........* *सुर्ख़ियों में आने का..!!* *हमारी तो खामोशियाँ भी ,* *एक अखबार हैं..* *शोर करते रहो तुम ........* *सुर्ख़ियों में आने का..!!* *हमारी तो खामोशियाँ भी ,* *एक अखबार हैं..*
*शोर करते रहो तुम ........* *सुर्ख़ियों में आने का..!!* *हमारी तो खामोशियाँ भी ,* *एक अखबार हैं..*
read moreDeepak bhundar chamu
"शोर करते है कुछ लोग सुर्ख़ियों में आने के लिये!! हमारी तो ख़ामोशी भी एक नया अख़बार है!!”
"शोर करते है कुछ लोग सुर्ख़ियों में आने के लिये!! हमारी तो ख़ामोशी भी एक नया अख़बार है!!”
read moreMunna Kumar
मीठा बोलता हूं मैं , खींर मत समझ लेना दर्द सुनता हूं औरों की,पीर तुम समझ लेना मेरे इश्क के चर्चे रहते हैं ,अक्सर सुर्ख़ियों में प्यार को मेरे कभी, कश्मीर मत समझ लेना। कवि मुन्ना कुमार "अजनबी" मलिकपुरा गोरौल वैशाली बिहार मीठा बोलता हूं मैं , खींर मत समझ लेना दर्द सुनता हूं औरों की,पीर तुम समझ लेना मेरे इश्क के चर्चे रहते हैं ,अक्सर सुर्ख़ियों में प्यार को
मीठा बोलता हूं मैं , खींर मत समझ लेना दर्द सुनता हूं औरों की,पीर तुम समझ लेना मेरे इश्क के चर्चे रहते हैं ,अक्सर सुर्ख़ियों में प्यार को
read moreMunna Kumar
मीठा बोलता हूं मैं , खींर मत समझ लेना दर्द सुनता हूं औरों की,पीर तुम समझ लेना मेरे इश्क के चर्चे रहते हैं ,अक्सर सुर्ख़ियों में प्यार को
मीठा बोलता हूं मैं , खींर मत समझ लेना दर्द सुनता हूं औरों की,पीर तुम समझ लेना मेरे इश्क के चर्चे रहते हैं ,अक्सर सुर्ख़ियों में प्यार को
read moreSaurabh Singh
मैंने जो लिखा कभी गजल, वो इस्तेहार हो गए, तूने तोड़े वादे सारे, और ज़माने शूमार हो गए, अब तो रहते हो सुर्ख़ियों में, हमें तो तेरे दीदार हो गए, भीगती बारिश में तुम, दरिया में डूब जाती हो, मेरे लफ्ज़ उस दरिया में, डूबकर बेजार हो गए, न रही वो बात मुझमें, हम तो तेरे आँखों के, अब गुनहगार हो गए, मैंने जो लिखा कभी गज़ल, वो इस्तेहार हो गए।। ©Saurabh Singh मैंने जो लिखा कभी गजल, वो इस्तेहार हो गए, तूने तोड़े वादे सारे, और ज़माने शूमार हो गए, अब तो रहते हो सुर्ख़ियों में, हमें तो तेरे दीदार हो ग
Sahil Bhardwaj
बहाना ढूंढ ही लेता हूं सबसे आगे आके कुछ करने का, कितना शौक़ है ना मुझे सुर्ख़ियों में रहने का, मिले हैं जख़्म इस क़दर पर जरूरत नहीं है मुझे दिखाने का, कितनी हिम्मत है ना मुझमें दर्द है दिल में पर आदत है मुझे मुस्कुराने का, मौके खुद ढूंढ़ लूंगा हुनर है मुझमें नज़रों में आने का, बुलन्दियाँ मुझे खु़द तलाश लेंगी प्रयास है मेरा चांद तारों को छू लेने का, चलना अंधेरों में पड़ा है इंतेज़ार नहीं करना मुझे सवेरा होने का, करिश्मा हो ना हो, जूनूं तो है किसी पहाड़ से भी दरिया निकाल पाने का, थोड़ा बहुत लिख ही लेता हूं आदत है लिख के अपना दिल बहलाने का, कितना हुनर है ना मुझमें अपने लफ्ज़ों से जादू चलाने का... बहाना ढूंढ ही लेता हूं सबसे आगे आके कुछ करने का, कितना शौक़ है ना मुझे सुर्ख़ियों में रहने का, मिले हैं जख़्म इस क़दर पर जरूरत नही
बहाना ढूंढ ही लेता हूं सबसे आगे आके कुछ करने का, कितना शौक़ है ना मुझे सुर्ख़ियों में रहने का, मिले हैं जख़्म इस क़दर पर जरूरत नही #Poetry #Hindi #nojotohindi #sahilbhardwaj
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