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Anil kumar jatav
समन्दर माँ की ममता की गहराई न छू पाया। हजारो छन्द लिख दू लेकिन तुलसी की चौपाई न छू पाया। बचपन मे पापा ने मुझे कन्धो पर इतना ऊँचा उठाया दोस्तो। कि हवाई जहाजो से भी उडकर मे बो ऊँचाई न छू पाया। अनिल माता पिता पर शायरी
माता पिता पर शायरी
read moreVikash Sharma
पिता जी हैं वो, वो पीते हैं, बच्चों की तकलीफ, वो जीते हैं, बच्चो की कामयाबी के सपने, वो छाता होते हैं, परेशानियों की बारिश में, वो जूता होते हैं, रास्ते के काटों में, वो घर का ताला होते हैं, अंधेरी रातों में, वो दिन रात बच्चों के लिए कमाते हैं, खुद के लिए वो अक्सर, वख्त नहीं निकाल पाते हैं, वो चाहते हैं देखना, हमेशा बच्चों को हंसते, वो हमेशा ढूंढने में लगे रहते हैं, बच्चों के लिए आसान रसते, उनकी बस ये पहचान होती है, बच्चों में छिपी उनकी जान होती है, बच्चों की जिंदगी आसान बनाने में लगे रहते हैं, मगर उनकी जिंदगी कहां आसान होती है, ©Dr Vikash Sharma # पिता जी
# पिता जी #कविता
read moreRaone
पिता (भगवान) यूँ तो भाग्य विधाता जग का, है कहलाता उपरवाला। थाल सजाकर हम भी पूजते, पाथर के उस मूरत को।। बिन स्वारथ सब दिया पिता ने, फिर भी ना हम इनको पहचाने। नहीं पिता है चाहे कुछ भी, अपनी इन औलादों से।। फिर क्यूं मुकर जाते हैं बेटे, पिता से किये वादों से। होता इनका बस इक सपना, हो खुशहाल कुटुम्ब एक अपना।। घर में मन्दिर एक बन जाये, जिसमें चारों धाम समाये। जिसकी रचना से हम जनम हैं पाये, हर क्षण उसको हैं रुलाये।। बचपन में नन्हे पैरों से हमने जिनको मारा था। जिसने कन्धों पर अपने हमारा भार उठाया था।। जिनके पीठ पर चढ़कर हमने घोड़ा दौड़ाया था। एक समय था तब का वो, जब हम बच्चे कहलाते थे।। एक समय अब आज है आया, जब बूढ़े बाप बच्चे कहलाते हैं। बचपन से जिनकी छाया में, हम हैं पले बढ़े हुए।। अब है अपने पिता की बारी, पर हम नासमझ हैं बने हुए। चार दिनों की खुशियाँ लेकर, बेटों को सब दे जायेंगे।। पाकर अपने बच्चों का प्यार, स्वर्ग को प्राप्त कर जायेंगे। आओ कर लें प्यार पिता से, बूढ़े तन के इस ढाँचे को।। चन्द रोज के इस माया से, इक दिन पिता मुक्त हो जायेंगे। जिस दिन पापा छोड़ के जायेंगे, आँखों में असंख्य आँसू दे जायेंगे ।। @उल्फ़त-ए-ज़िन्दग़ी पिता जी
पिता जी #कविता
read moreÀñkït Õjhâ
मैंने कभी कहा नहीं, लेकिन यूँ आप हमे अकेले छोड़ गए एक पल भी नहीं सोचा किसकी उंगलियाँ थामेंगी ये नन्ही सी जान।। पिता जी
पिता जी #विचार
read moreGolu kumar Golu
आपसे कुछ ना कुछ पाना तो सारी दुनिया चहती है... पर... मां के अलावा जो आपके लिए सब कुछ खाने के लिए तैयार रहे उसे ही... " पिता" कहते हैं... ©Golu kumar Golu पिता जी
पिता जी #Shayari
read moreAstro Rahul Pandey (Sad writer)
Dear Dad वो खुशमिजाज और दरिया दिल सरफरोश अपने आप में हैं लोग कहते हैं मुझसे सब कुछ तुझमें वही जो तेरे बाप में है राहुल पांडेय पिता जी +
पिता जी + #शायरी
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